पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को संकेत दिया था कि कराची के समुद्री तटों से तेल के विशाल भंडार मिलने वाले हैं. गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के संभावित तेल और गैस भंडार कराची के समुद्री तटों से 230 किमी दूर ईरानी सीमा के नजदीक स्थित है.
पाकिस्तान के कई मंत्रियों ने भी दावा किया है कि ये संभावित तेल और गैस भंडार देश का पूरा खाका बदल सकते हैं. प्रोजेक्ट से जुड़े एक सूत्र ने गल्फ न्यूज को बताया, "इन भंडारों के आकार का अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन उम्मीद है कि ये पाकिस्तान की तेल जरूरत को पूरा करने के लिए काफी साबित होंगे."
सूत्र ने यह भी कहा कि शुरुआती जांच यही कह रही है कि पाकिस्तान भविष्य में तेल निर्यातक देश बन सकता है.
एक्सॉनमोबिल ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तान में तेल के बड़े भंडार खोजने के बिल्कुल करीब है. पाकिस्तान के मिनिस्टर फॉर मैरीटाइम अफेयर्स ऐंड फॉरेन अफेयर्स अब्दुल्ला हुसैन हरून ने दावा किया कि तेल के संभावित भंडार कुवैत के तेल भंडारों से भी ज्यादा बड़े होंगे.
'फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री' (FPCCI) की बैठक में हरून ने कहा कि एक्सॉन ईरान की सीमा के नजदीक तेल भंडार खोजने के काम में लगी हुई है और अमेरिकी कंपनी फायदेमंद भंडार खोजने के लिए आशान्वित है.
हरून की उम्मीद के मुताबिक अगर तेल भंडार खोज लिए जाते हैं तो पाकिस्तान दुनिया के शीर्ष 10 तेल उत्पादक देशों में से एक हो जाएगा. इसके अलावा पाकिस्तान कुवैत को भी पीछे छोड़ सकता है.
बीपी स्टैटिस्टकल रीव्यू ऑफ वर्ल्ड एनर्जी के मुताबिक, कुवैत के वर्तमान
में कुल प्रमाणित तेल भंडार 101.5 अरब बैरल है. यह दुनिया के कुल तेल भंडार
का 6 फीसदी है जिसका मतलब है कि कुवैत खुद को सऊदी अरब, वेनेजुएला, कनाडा,
ईरान, ईराक और रूस जैसे अग्रणी तेल उत्पादक देशों की कतार में खड़ा कर
सकता है.
2018 की शुरुआत में एक्सॉनमोबिल ने पाकिस्तान के सिंधु बेसिन के ब्लॉक G में 25 फीसदी की हिस्सेदारी का समझौता किया है. इस मिशन में इटली की Eni और पाकिस्तानी कंपनियां भी जुड़ी हुई हैं.
वर्तमान में पाकिस्तान का कच्चा तेल उत्पादन राष्ट्रीय जरूरत का केवल 15
फीसदी ही है जबकि 85 फीसदी आयात से आता है. नतीजतन पाकिस्तान को अपनी तेल
जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा खर्च
करना पड़ता है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास 15 मार्च 2019 को
विदेशी मुद्रा भंडार केवल 8.84 अरब डॉलर ही बचा था, ऐसे में अगर पाकिस्तान
को तेल भंडार हाथ लगते हैं तो उसकी ये चिंता थोड़ी कम होगी.
एक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान के अनुमानित भंडार 100 अरब बैरल के आंकड़े को पार कर सकते हैं. सऊदी अरब से तुलना करें तो उसके पास अनुमानित प्रमाणित तेल भंडार 266 अरब बैरल्स है.
हालांकि कुछ आलोचकों का कहना है कि अभी तक किसी भी बात की पुष्टि नहीं हुई
है. ऐसी लुभावनी घोषणाएं अधिकतर विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए की जाती
है. इसी तरह, अप्रैल 2018 में बहराईन के तेल मंत्री शेख मोहम्मद बिन खलीफा
ने ऐलान किया था कि देश ने करीब 80 अरब बैरल के तेल भंडार और 20 ट्रिलियन
क्यूबिक फीट गैस भंडार खोज लिए हैं.