अगर आप भी बाघों की दहाड़ करीब से सुनने और जंगल का असली रोमांच अपनी आंखों से देखने का सपना रखते हैं, तो नवंबर से अच्छा महीना कोई नहीं हो सकता. क्योंकि इस वक्त मौसम एकदम सुहावना होता है- न ज्यादा गर्मी, न ज्यादा ठंड. इस दौरान पेड़ों की पत्तियां गिर चुकी होती हैं, झीलें साफ दिखती हैं और बाघ खुले मैदानों में टहलते नजर आते हैं. यानी अगर जंगल सफारी पर निकलना है और बाघ को सामने से देखना है, तो नवंबर सबसे सही वक्त है. भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जहां इस मौसम में घूमने का मजा दुगना हो जाता है.
अगर आपको नवंबर में ही बाघ देखना है, तो राजस्थान का रणथंभौर सबसे बेस्ट है. क्योंकि, इस महीने यहां जंगल की घास सूख जाती है, इसलिए बाघ छिप नहीं पाते और आसानी से दिख जाते हैं. अच्छी बात यह है कि सफारी के सारे जोन खुले रहते हैं और मौसम भी बहुत मजेदार होता है. यहां सुबह की ठंडी हवा में खुली जीप में सफारी का मजा ही अलग है. बस एक बात का ध्यान रखें नवंबर में यहां बहुत भीड़ होती है, इसलिए अपनी टिकट पहले से बुक करा लें.
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मध्य प्रदेश के दिल में बसा कान्हा टाइगर रिजर्व अपनी खूबसूरत हरियाली और शांत मैदानों के लिए जाना जाता है. नवंबर में यहां मॉनसून की ताजा हरियाली बनी रहती है, जिससे नजारा और भी मनमोहक लगता है. यहां सिर्फ बाघ ही नहीं, बल्कि खास तरह के बारहसिंगा भी खूब दिखाई देते हैं. इतना ही नहीं यहां मौसम इतना सुहावना होता है कि आप ट्रेकिंग और सफारी दोनों का पूरा मजा ले सकते हैं.
बांधवगढ़ को तो 'बाघों का गढ़' ही कहा जाता है. माना जाता है कि यहां भारत में सबसे ज्यादा बाघ दिखते हैं. यहां नवंबर की सुबह हल्की ठंडी होती है और यही वो समय होता है जब बाघ खुले रास्तों पर पानी की तलाश में निकलते हैं. ऊंचे पहाड़, पुराने किले और घने जंगलों से घिरा यह इलाका सफारी के लिए बहुत ही शानदार है. यही वजह है कि यहां की तस्वीरें भी कमाल की आती हैं.
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अगर आप भीड़-भाड़ से दूर, शांति से जंगल सफारी करना चाहते हैं, तो महाराष्ट्र का ताडोबा आपके लिए एकदम सही है. नवंबर में यहां मौसम न ज्यादा ठंडा, न ज्यादा गरम होता है. इस वक्त यहां पेड़ों के पत्ते झड़ने लगते हैं और बाघ पानी पीने के लिए अक्सर झीलों के किनारे नजर आते हैं. यहां का मोहरली जोन सबसे मशहूर है, जहां बाघों को देखने का मौका सबसे ज्यादा रहता है.
उत्तराखंड में सर्दियों की सफारी शुरू करने के लिए जिम कॉर्बेट से बेहतर कोई जगह नहीं है. नवंबर में यहां सुबह के समय हल्की ठंड और हवा एकदम साफ होती है. आप यहां के बिजरानी और ढिकाला जोन में सफारी करते हुए बाघों के साथ-साथ हाथी, हिरण और रंग-बिरंगे पक्षी भी देख सकते हैं.