अगर आप इस साल विदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं और बांग्लादेश आपकी लिस्ट में है, तो आपको थोड़ा संभल जाने की जरूरत है. दरअसल, पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात इन दिनों काफी नाजुक बने हुए हैं. शेख हसीना सरकार के जाने के बाद से वहां की राजनीतिक स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है और भारत के साथ रिश्तों में भी कड़वाहट आ गई है. रही-सही कसर कट्टरपंथी नेता उस्मान हादी की मौत और वीजा सेवाओं पर लगी रोक ने पूरी कर दी है.
आजकल वहां का माहौल ऐसा है कि आम पर्यटकों के लिए कुछ इलाके बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं. अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो भी बांग्लादेश की इन 5 जगहों पर जाने का जोखिम उठाना आपके लिए भारी पड़ सकता है.
1. खागराछारी का पहाड़ी इलाका
खागराछारी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए तो जाना जाता है, लेकिन इसकी पहाड़ियों के पीछे का सच काफी डरावना है. यहां पिछले कुछ समय में हिंसक अपराधों और अपहरण की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. उग्रवादी संगठनों की सक्रियता की वजह से यहां कब कहां हमला हो जाए, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. अगर आप एक अनजान पर्यटक के तौर पर यहां की गलियों या पहाड़ी रास्तों पर निकलते हैं, तो आप आसानी से अपराधियों के निशाने पर आ सकते हैं. इसलिए इस जगह जाना किसी मुसीबत को दावत देने जैसा है.
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2. रंगमती में सांप्रदायिक तनाव का साया
रंगमती अपनी झीलों और हरियाली के लिए मशहूर हुआ करता था, लेकिन अब यहां का मंजर बदला हुआ है. इस इलाके में सांप्रदायिक हिंसा का इतिहास काफी पुराना है और मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता ने इसे और हवा दे दी है. पर्यटकों के लिए इस जगह का माहौल अब वैसा दोस्ताना नहीं रहा जैसा पहले हुआ करता था. यहां आए दिन स्थानीय समूहों के बीच होने वाली झड़पें किसी भी बाहरी व्यक्ति की जान जोखिम में डाल सकती हैं. शांति से घूमने की चाहत रखने वालों के लिए रंगमती अब एक असुरक्षित डेस्टिनेशन बन चुका है.
3. बंदरबन और विद्रोही समूहों का खौफ
एडवेंचर की तलाश में लोग अक्सर बंदरबन की ओर रुख करते हैं, लेकिन यहां की ऊंची चोटियां और घने जंगल अब विद्रोहियों का गढ़ बन चुके हैं. सुरक्षा बलों और इन गुटों के बीच होने वाली मुठभेड़ यहां की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई है. हालांकि प्रशासन ने विदेशी सैलानियों के लिए यहां कड़े नियम तो बनाए हैं, लेकिन सुरक्षा की कोई पक्की गारंटी नहीं है. कब कर्फ्यू लग जाए या कब रास्ते बंद कर दिए जाएं, कुछ नहीं कहा जा सकता. इसलिए जान जोखिम में डालकर यहां का रुख करना समझदारी नहीं है.
4. सीमावर्ती इलाकों में तस्करी और अस्थिरता
भारत और म्यांमार से सटे बांग्लादेश के कई सीमावर्ती क्षेत्र बेहद संवेदनशील हैं. यहां तस्करी, अवैध गतिविधियां और राजनीतिक अस्थिरता आम बात है. इन इलाकों में आम यात्रियों के लिए न तो सुविधाएं हैं और न ही सुरक्षा की गारंटी. गलती से भी ऐसे इलाकों में घूमने की योजना बनाना खतरे को न्योता देना हो सकता है.
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5. कॉक्स बाजार के शरणार्थी शिविरों का संकट
कॉक्स बाजार का नाम सुनते ही सबसे लंबे समुद्र तट की याद आती है, लेकिन इसके पीछे की एक कड़वी हकीकत रोहिंग्या शरणार्थी शिविर भी हैं. इन शिविरों के आसपास के इलाकों में सुरक्षा का भारी संकट बना हुआ है. यहां मानवीय संकट के साथ-साथ अपराध और अंदरूनी कलह का खतरा भी रहता है. ऐसे में बिना किसी आधिकारिक पास या मानवीय सहायता एजेंसी के इन इलाकों में जाना पूरी तरह असुरक्षित है. 2025 के मौजूदा हालातों में इन शिविरों के आसपास सुरक्षा संबंधी चिंताएं और बढ़ गई हैं, इसलिए पर्यटकों को समुद्र किनारे के मुख्य पर्यटन स्थलों तक ही सीमित रहना चाहिए.