क्या आपने कभी सोचा है कि शादी के बाद आपके पसंदीदा जोड़े हनीमून के लिए कहां जा रहे हैं? अगर आप सोच रहे हैं कि वे मालदीव या गोवा जैसी किसी एक जगह पर जा रहे होंगे, तो आप थोड़े पीछे हैं. दरअसल, आज के भारतीय कपल्स ने ट्रैवलिंग का तरीका पूरी तरह से बदल दिया है. सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक, हर जगह चर्चा है कि ये जोड़े अब एक नहीं, बल्कि दो बार छुट्टी पर जा रहे हैं. एक जल्दी और दूसरी आराम से.
यह सच है कि मिलेनियल्स और जेन Z पीढ़ी को घूमने का बहाना चाहिए. लेकिन शादी के बाद दो छुट्टियां प्लान करने के पीछे एक बहुत ही मजेदार वजह है. शादी एक बड़ा काम है, जिसमें महीनों की प्लानिंग और भाग-दौड़ होती है. ऐसे में जाहिर है कि दूल्हा और दुल्हन दोनों बहुत थक जाते हैं. इसलिए, जोड़े अब शादी के तुरंत बाद एक छोटी और फटाफट वाली छुट्टी लेते हैं, जिसे मिनीमून कहा जाता है. यह बस शादी की थकान उतारने और तुरंत थोड़ा आराम पाने के लिए होती है. इसके कुछ महीनों बाद, वे एक लंबी और बड़ी छुट्टी पर जाते हैं, जिसे वे बिग-मून कहते हैं. यह वो असली हनीमून होता है, जहां वे लंबी छुट्टियां लेकर, बिना किसी जल्दबाजी के लिए घूमने जाते हैं.
ट्रैवल प्लेटफॉर्म थ्रिलोफिलिया की एक नई रिपोर्ट बताती है कि इस तरह की छोटी, लेकिन अनुभव-आधारित यात्राओं में पिछले साल के मुकाबले 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इसका मतलब है कि यह तरीका नए जोड़ों को खूब भा रहा है.
अब वह समय चला गया जब इंटरनेशनल ट्रिप लेना बहुत मुश्किल और महंगा हुआ करता था. बढ़ती सैलरी, घूमने की इच्छा और आसान वीजा प्रक्रिया के चलते विदेशी यात्राएं अब घरेलू यात्राओं जितनी ही आसान और सस्ती हो गई हैं. इसलिए, आज के जोड़े अपनी प्रेम कहानी सिर्फ देश में नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लिख रहे हैं. सर्वे के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय हनीमून पर जाने वाले जोड़ों की संख्या में एक साल के अंदर 41 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
नंबर 1 पसंद बाली: अगर कोई कपल विदेश जा रहा है, तो सबसे ज्यादा टिकट बाली (21%) के लिए बुक हो रहे हैं.
मालदीव अभी भी खास: बाली के ठीक बाद, मालदीव (18%) दूसरे नंबर पर है, जो अपनी खूबसूरती से आज भी लोगों को लुभा रहा है.
एशिया के अन्य रत्न: थाईलैंड और वियतनाम भी बहुत पसंद किए जा रहे हैं.
धीरे-धीरे उभरते ठिकाने: दुबई-अबू धाबी, तुर्की और श्रीलंका जैसे शहर भी धीरे-धीरे तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.
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यह मत सोचिए कि सारे जोड़े विदेश ही भाग रहे हैं. सच तो यह है कि हमारे देश भारत में भी ऐसी कई जगहें हैं, जो हनीमून मनाने वालों को खूब पसंद आ रही हैं.
केरल है सबका फ़ेवरेट: हनीमून के मामले में, केरल पहले नंबर पर है. अपनी शांति और चारों ओर फैली हरियाली के कारण, 18% जोड़े इसे चुन रहे हैं.
समुद्र किनारे का मजा: केरल के ठीक बाद, अंडमान (14%) और गोवा (13%) सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं. ये जगहें अपनी खूबसूरत बीच और शांत माहौल के लिए जानी जाती हैं.
शाही अंदाज का रोमांस: राजस्थान (12%) भी पीछे नहीं है. अपने शानदार महलों और रेगिस्तान में सफारी के चलते, यह हमेशा से ही रोमांटिक जगहों में शामिल रहा है.
शांत ठिकाने जो अब हो रहे हैं पॉपुलर: अब कुछ जोड़े ऐसे भी हैं, जो भीड़-भाड़ से दूर, एकदम शांत और सुकून भरी जगहें खोज रहे हैं. ऐसे में, मेघालय, कूर्ग (कर्नाटक) और हिमाचल प्रदेश जैसी जगहों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, जहां वे कुदरत के बीच आराम कर सकें और अपनी नई जिंदगी की शुरुआत शांति से कर सकें.
आजकल के यात्री सिर्फ जगहें देखने नहीं जाते, बल्कि वे उस जगह के खाने, संस्कृति और असल माहौल को महसूस करना चाहते हैं. खास बात यह है कि इस अच्छे एक्सपीरियंस के लिए वे पैसे खर्च करने से बिलकुल नहीं हिचकिचाते. यहां तक कि कई लोग अब अपनी यात्रा के लिए अलग से बजट बना रहे हैं और तो और, EMI का विकल्प भी अपना रहे हैं. जहां जोड़े घरेलू यात्राओं पर लगभग 1.05 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं, वहीं अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं पर यह खर्च बढ़कर लगभग 2.45 लाख रुपये हो जाता है. रिपोर्ट बताती है कि 17 प्रतिशत जोड़े अब EMI या बाद में भुगतान करें की योजनाओं को खुशी-खुशी चुन रहे हैं.

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अब हनीमून का मतलब सिर्फ एक आम रेस्टोरेंट में कैंडललाइट डिनर या बस दर्शनीय स्थल देखना नहीं रह गया है. आज के जोड़े अपने पलों को और भी ज्यादा निजी और रोमांटिक बनाना चाहते हैं. लगभग 64 प्रतिशत जोड़े अब किसी खास बीच पर प्राइवेट डिनर, सूर्यास्त क्रूज वाले विला या निजी विला में ठहरना पसंद करते हैं. इसके अलावा, आयुर्वेदिक रिट्रीट या फिर रेगिस्तान में रात के समय खुले आसमान के नीचे तारों को निहारने जैसी स्वास्थ्य और प्रकृति-केंद्रित गतिविधियां भी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं.
थ्रिलोफिलिया के सह-संस्थापक अभिषेक डागा कहते हैं कि आज के हनीमून मनाने वाले यूरोप चेकलिस्ट की जगह ऐसी चीजें चुन रहे हैं जो उन्हें एक निजी और शांत अनुभव दे. उनके लिए विलासिता का मतलब अब महंगे रिसॉर्ट्स से कम और खूबसूरत और निजी माहौल से ज्यादा है. चाहे वह स्पेन में वाइन का मजा लेना हो या न्यूज़ीलैंड की झीलों के पास खुद कार चलाकर घूमना हो, उन्हें हर अनुभव खास लगता है.