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विकट संकष्टी चतुर्थी

विकट संकष्टी चतुर्थी

विकट संकष्टी चतुर्थी

वैशाख माह के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाले की संकष्टी चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikata Sankashti Chaturthi) कहते हैं. इस दिन भगवान गणेश के लिए व्रत रखा जाता है और पूरे विधि विधान से उनकी पूजा की जाती है.

मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना करने से गणपति की कृपा बनी रहती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन व्रत करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं (Vikata Sankashti Chaturthi Rituals). 

इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ कर व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहनते हैं. इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है. स्नान के बाद गणपति की पूजा की करना चाहिए. गणपति की पूजा करते समय भक्त को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए. सबसे पहले गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा कर, पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धुप, चन्दन, प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रखना चाहिए (Vikata Sankashti Chaturthi Puja). 

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