चीन के उत्तरी हिस्से में स्थित तिआनजिन (Tianjin) एक ऐसा शहर है जो आधुनिकता और इतिहास, दोनों को साथ लेकर चलता है. यह चीन का चौथा सबसे बड़ा शहर है और प्रशासनिक दृष्टि से एक "Municipality" है, जो सीधे चीन की केंद्रीय सरकार के अधीन आता है.
तिआनजिन, बीजिंग से करीब 120 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है. यह शहर बोहाई सागर के किनारे बसा हुआ है और इसी कारण से इसे चीन का “गेटवे टू द नॉर्थ” भी कहा जाता है.
तिआनजिन का इतिहास हजारों साल पुराना है, लेकिन इसे खास पहचान 19वीं सदी में मिली, जब यह एक प्रमुख बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र बना.
1900 के बॉक्सर विद्रोह (Boxer Rebellion) के दौरान इस शहर पर कई विदेशी शक्तियों का नियंत्रण रहा. इसलिए यहां आज भी आपको यूरोपीय शैली की इमारतें देखने को मिलती हैं.
तिआनजिन चीन के सबसे तेजी से विकसित हो रहे औद्योगिक और व्यापारिक शहरों में से एक है. यहां मैन्युफैक्चरिंग, एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल और हाई-टेक इंडस्ट्री का बड़ा हब है. बोहाई सागर का पोर्ट (Port of Tianjin) चीन का सबसे बड़ा मैनमेड पोर्ट है और एशिया के प्रमुख व्यापारिक बंदरगाहों में गिना जाता है.
तिआनजिन का आकर्षण इसकी चीनी और पश्चिमी संस्कृति का मेल है. यहां की Ancient Culture Street (Gu Wenhua Jie) पारंपरिक चीनी कला, हस्तशिल्प और खाने-पीने की चीजों के लिए मशहूर है. Five Great Avenues (Wudadao) यूरोपीय शैली की शानदार इमारतों के कारण पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है. तिआनजिन का स्थानीय खाना जैसे “Goubuli Baozi” (स्टफ्ड बन्स) चीन भर में प्रसिद्ध है.
आज तिआनजिन एक ग्लोबल सिटी बन चुका है, जहां गगनचुंबी इमारतें, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और तेज रफ्तार जीवनशैली देखने को मिलती है. फिर भी यह शहर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ों को सहेजकर रखे हुए है.
अजरबैजान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के लिए चीन ने उनके आवेदन के पक्ष में समर्थन दोहराया जबकि भारत ने इसका विरोध किया. रिपोर्ट में भारत के रुख को शंघाई भावना के खिलाफ बताया गया.
चीन के तियानजिन में दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन का आयोजन किया गया था. इस दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मजबूत बॉन्डिंग चर्चा में रही.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा और शंघाई सहयोग संगठन के तिआनजिन में हुए शिखर सम्मेलन ने वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी. मोदी, जिनपिंग और पुतिन की मुलाकात ने रूस-भारत-चीन त्रिकोण की संभावनाओं को बल दिया.
चीन में आयोजित हुए शंघाई सहयोग संगठन में भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. भारत के दबाव के बाद, SCO के साझा बयान में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गई, जबकि पाकिस्तान भी इस बैठक में मौजूद था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल ही में हमने पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है. यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को खुली चुनौती थी.
रूस और चीन ने यूरोपीय देशों द्वारा ईरान पर प्रस्तावित नए प्रतिबंधों को सोमवार को खारिज कर दिया, जिससे ईरान को बड़ी राहत मिली. फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के समूह E3 ने 2015 के परमाणु समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाकर ‘स्नैपबैक मैकेनिज्म’ के तहत प्रतिबंधों को लागू करने की कोशिश की थी, लेकिन चीन, रूस और ईरान ने इसे कानूनी रूप से अमान्य करार दिया
दुनिया की निगाहें चीन के शहर तिआनजिन की तरफ लगी है. प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. ट्रंप की टैरिफ तानाशाही के बीच ये मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है. इस मुलाकात से पहले दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी आज खूब नजर आई. देखें तिआनजिन से स्पेशल बुलेटिन.
चीन के तिआनजिन में SCO शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अहम द्विपक्षीय बैठक हुई. इस मुलाकात से पहले दोनों नेता रिट्स-कार्लटन होटल तक राष्ट्रपति पुतिन की कार में एक साथ सवार होकर पहुंचे. आतंकवाद के मुद्दे पर, एससीओ के घोषणापत्र में पहलगाम हमले की निंदा की गई और पीएम मोदी ने आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों को अस्वीकार्य बताया. देखें ये स्पेशल बुलेटिन.
एससीओ समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिआनजिन पहुंचे, जहां उनका स्वागत चीन की मशहूर होंगची कार में कराया गया. तिआनजिन को चीन का ऐतिहासिक और आधुनिक चेहरा माना जाता है.
अमेरिका के टैरिफ वाले आर्थिक दांव और दबाव के बीच चीन में SCO की बैठक हुई. बैठक में पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील की. इसके साथ ही आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कही. रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक होगी. देखें तिआनजिन से खास बुलेटिन.
चीन का तिआनजिन शहर ग्लोबल उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है. आज उत्सुकता चरम पर है क्योंकि दुनिया की दो महाशक्तियों का मिलन हुआ पीएम नरेद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई. मोदी और पुतिन यूं तो पहले भी कई बार मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन आज की मुलाकात पर सबकी नजर है क्योंकि ग्लोबल कूटनीति की तस्वीर बिल्कुल बदली हुई है. देखें तिआनजिन से स्पेशल बुलेटिन.
SCO के 25वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि ग्लोबल साउथ को पुराने ढांचों में कैद करना भावी पीढ़ियों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के रंग-बिरंगे सपनों को पुरानी ब्लैक-एंड-व्हाइट स्क्रीन पर नहीं दिखाया जा सकता.
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के तिआनजिन में SCO की बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती बताया. पीएम ने कहा कि भारत ने चार दशकों से निर्मम आतंकवाद का दंश झेला है. आतंकवाद पर कोई भी डबल स्टैंडर्ड्स स्वीकार्य नहीं होंगे. उन्होंने पहलगाम हमले का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तिआनजीन में एससीओ बैठक में संबोधन शुरू हो गया है. इस बीच अमेरिकी टैरिफ पर चीन के राजदूत ने कहा कि भारत को परेशान किया जा रहा है और चीन भारत के साथ है. यह दुनिया को एक संदेश देता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता है. एससीओ बैठक में आतंकवाद और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हो रही है. भारत ने सीमा मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया है.
चीन के तिआनजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. इन मुलाकातों को अमेरिका के टैरिफ बम के बीच भारत, रूस और चीन के साथ आने के एक नए संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
चीन के तिआनजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन का आज दूसरा दिन है. समिट से पहले विश्व कूटनीति का एक नई तस्वीर देखने को मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ दिखे.
चीन के तिआनजिन में आज पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की अहम मुलाकात होगी. इस दौरान कई मुद्दों पर बात होगी. इस मुलाकात पर अमेरिका और यूरोप की भी नजरें टिकी हुई हैं. पुतिन इस साल के अंत में भारत आएंगे, जहां बड़े रक्षा समझौते होने की संभावना है, जिनमें एस-400 सिस्टम और फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट शामिल हैं.
चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को नज़रअंदाज़ करते नजर आए. डिनर के दौरान मोदी शहबाज से दूरी बनाए हुए थे, जिससे पाक को साफ संदेश मिल गया कि भारत आतंकवाद के प्रति कठोर रुख जारी रखेगा.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाक़ात तिआनजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान हुई. मिसरी के अनुसार वार्ता में इस बात पर जोर दिया गया कि भारत और चीन प्रतिस्पर्धी नहीं बल्कि साझेदार बनें. दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि मतभेदों को विवाद में न बदला जाए और स्थिर, मैत्रीपूर्ण संबंध दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के लिए लाभकारी होंगे.
तियानजिन से हमारी खास पेशकश में भारत-चीन रिश्तों और एससीओ समिट पर चर्चा हुई. इस समिट में रूस, चीन और भारत के एक साथ आने की संभावनाओं पर बात की गई. चीन ने अपनी एआई ताकत का प्रदर्शन किया, जिसमें खुशबू वाली तस्वीरें और पत्रकारों का स्वागत करने वाला एक रोबोट शामिल था.
चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी नेता शी जिनपिंग के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें आतंकवाद और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. इस मुलाकात के बाद गलवान और डोकलाम के बाद रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने के संकेत मिले हैं. देखें श्वेतपत्र.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित वैश्विक नेताओं से मुलाकात की. इस मंच पर प्रधानमंत्री मोदी ने 'सम्मान' और 'विश्वास' की आवश्यकता पर जोर दिया, जो चीन के साथ भारत के संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है.