सर क्रीक (Sir Creek), भारत के गुजरात राज्य के कच्छ क्षेत्र और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच स्थित एक 96 किलोमीटर लंबी ज्वारीय जलधारा है. यह क्षेत्र ऐतिहासिक, सामरिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, और दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारण को लेकर विवाद का कारण बना हुआ है.
सर क्रीक कच्छ के रण और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच स्थित है, जो अरब सागर में खुलता है. यह क्षेत्र दलदली और ज्वारीय है, जिससे सीमा निर्धारण में जटिलताएँ उत्पन्न होती हैं.
ब्रिटिश काल में, यह क्षेत्र बॉम्बे प्रेसिडेंसी का हिस्सा था. 1947 में विभाजन के बाद, कच्छ भारत में और सिंध पाकिस्तान में चला गया. 1968 में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने रण ऑफ कच्छ विवाद का समाधान किया, जिसमें भारत को 90% और पाकिस्तान को 10% हिस्सा मिला. हालांकि, सर क्रीक के संबंध में विवाद बना रहा.
मुख्य विवाद सीमा निर्धारण के तरीके को लेकर है. भारत थलवेग सिद्धांत (thalweg principle) का समर्थन करता है, जिसके अनुसार जलधारा की मध्यरेखा को सीमा माना जाता है. भारत का कहना है कि 1914 के सिंध सरकार के प्रस्ताव के पैरा 10 के आधार पर, सर क्रीक की मध्यरेखा को सीमा माना जाना चाहिए. भारत 1925 के मानचित्र और 1924 में स्थापित मध्यरेखा के स्तंभों का भी हवाला देता है.
वहीं, पाकिस्तान पैरा 9 का समर्थन करता है, जिसमें कहा गया है कि सीमा क्रीक के पूर्वी किनारे पर स्थित है, और इसलिए संपूर्ण क्रीक पाकिस्तान का हिस्सा है. पाकिस्तान का कहना है कि सर क्रीक एक ज्वारीय जलधारा है, और थलवेग सिद्धांत केवल स्थिर जलधाराओं पर लागू होता है.
पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में सर क्रीक क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ाई हैं, जिससे तनाव में वृद्धि हुई है. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2 अक्टूबर 2025 को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि कोई भी आक्रामकता भारत द्वारा "इतिहास और भूगोल दोनों को बदलने वाली" प्रतिक्रिया को आमंत्रित करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि "कराची जाने का एक मार्ग सर क्रीक से होकर जाता है", जो इस क्षेत्र की सामरिक महत्वता को दर्शाता है.
भारत की 'एक्सरसाइज त्रिशूल' पश्चिमी सीमा पर हो रही है, जहां सेना, नौसेना और वायुसेना एकजुट होकर अभ्यास कर रही हैं. 20,000 जवान, ब्रह्मोस मिसाइल और राफेल जेट भी इसमें शामिल हैं. पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र बंद कर नोटैम जारी किया. समुद्री फायरिंग वार्निंग भी दी है. यह उसका डर दिखा रही है या सतर्कता.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1-2 अक्टूबर को गुजरात के भुज मिलिट्री स्टेशन पर दशहरा मनाएंगे. 1 को जवानों के साथ बड़ा खाना. 2 को शस्त्र पूजा. उसके बाद भारत-पाक सीमा पर लक्की नाला में सेना, वायुसेना, नौसेना का संयुक्त अभ्यास देखेंगे. भुज ऑपरेशन सिंदूर का केंद्र रहा. यह परंपरा सैनिकों का मनोबल बढ़ाएगी.