रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (Railway Protection Force) भारतीय रेलवे की एक सशस्त्र बल है, जिसका मुख्य उद्देश्य रेलवे संपत्ति की सुरक्षा करना और रेलवे यात्रियों की रक्षा सुनिश्चित करना है. इसकी स्थापना भारत सरकार ने रेलवे अधिनियम, 1957 के तहत की थी. RPF देश की एकमात्र सुरक्षा बल है जिसे रेलवे की सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए विशेष अधिकार प्राप्त हैं.
RPF की शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1854 में हुई थी, जब रेलवे का विस्तार शुरू हुआ. पहले इसे "रेलवे पुलिस" के रूप में जाना जाता था. धीरे-धीरे इसके कार्यों और अधिकारों में विस्तार हुआ, और 1957 में इसे रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के रूप में संवैधानिक मान्यता मिली.
इसके मुख्य उद्देश्यों में रेलवे संपत्ति की सुरक्षा करना, रेलवे परिसरों, स्टेशनों, ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अवैध गतिविधियों, जैसे चोरी, तस्करी, और टिकट रहित यात्रा पर रोक लगाना, आपदा की स्थिति में यात्रियों की सहायता करना, और महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान चलाना शामिल है.
RPF का नेतृत्व एक महानिदेशक (Director General) करते हैं. इसके अंतर्गत कई जोन, मंडल और पोस्ट होते हैं. RPF में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी भागीदारी बढ़ रही है, और आज यह एक समावेशी बल बन चुका है.
दिल्ली में लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम 6:55 पर हुए जोरदार धमाके के बाद पूरे भारतीय रेलवे के 19 जोन सहित 70 रेल मंडलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
गोंडा में सरसों तेल चोरी के आरोप में पकड़े गए दलित युवक संजय कुमार सोनकर की आरपीएफ कस्टडी में मौत के बाद हड़कंप मच गया है. परिजनों ने आरोप लगाया कि आरपीएफ कर्मियों ने घर से उठाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की जिससे उसकी जान चली गई. मामले में आरपीएफ के दो दरोगा और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि तीन सदस्यीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश भी जारी किए गए हैं.