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नीम करोली बाबा

नीम करोली बाबा

नीम करोली बाबा

नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba), जिन्हें महाराज जी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के एक अत्यंत पूज्य संत, भक्त और सिद्ध पुरुष थे. उनका जन्म लगभग 1900 में उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में लक्ष्मी नारायण शर्मा नाम से हुआ था. विवाह और पारिवारिक जीवन के बाद उन्होंने सांसारिक मोह त्यागकर आध्यात्मिक साधना का मार्ग अपनाया. उन्हें हनुमान जी का परम भक्त माना जाता था और वे अपनी दिव्य शक्तियों, प्रेम, करुणा और सरलता के लिए प्रसिद्ध हुए.

नीम करोली बाबा ने लोगों को धर्म, जाति और वर्ग से ऊपर उठकर प्रेम और सेवा का संदेश दिया. उनके अनुसार ईश्वर की सच्ची उपासना दूसरों की सेवा में है. वे हमेशा कहते थे कि “सब ईश्वर हैं” और “प्रेम ही सबसे बड़ा धर्म है.” उनके आश्रम मुख्य रूप से उत्तराखंड के कैंची धाम, वृंदावन और फर्रुखाबाद में स्थित हैं. कैंची धाम आज विश्वभर में एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है, जहां हर वर्ष लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

महाराज जी के भक्त सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में हैं. अमेरिकी आध्यात्मिक शिक्षक राम दास (Richard Alpert) उनके प्रमुख शिष्यों में से एक थे. महाराज जी के प्रभाव से कई विदेशी गुरु, फिल्म सितारे और उद्यमी भी भारतीय आध्यात्मिक मार्ग की ओर आकर्षित हुए. एप्पल कंपनी के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग भी कैंची धाम में दर्शन के लिए पहुंचे थे और बताया जाता है कि उन्हें यहां से मानसिक शांति और मार्गदर्शन मिला.

नीम करोली बाबा का देहांत 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में हुआ, परंतु आज भी उनके भक्त मानते हैं कि वे हमेशा अपने अनुयायियों पर कृपा बनाए रखते हैं. उनका जीवन प्रेम, त्याग, विश्वास और सेवा का प्रतीक रहा. उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को आध्यात्मिक शक्ति और जीवन में सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करती हैं.
 

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