नाग पंचमी (Nag Panchami) हिंदुओं का एक त्योहार है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण के चंद्र महीने के शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha) के पांचवें दिन यह पूजा की जाती है. देश कुछ राज्यों में जैसे कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात, नाग पंचमी को उसी महीने के कृष्ण पक्ष पर मनाते हैं (Nag Pamchami in India).
नाग पंचमी के दिन चांदी, पत्थर, लकड़ी, या सांपों की पेंटिंग से बने नाग या नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है. परिवार के कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है. कई स्थानों पर इस दिन जीवित सांपों, विशेष रूप से कोबरा की भी पूजा की जाती है (Nag Panchami, Worship of Cobra Snake).
पंचमी चंद्रमा के ढलने के पंद्रह दिनों में से पांचवां दिन है. नाग पूजा का यह विशेष दिन हमेशा चंद्र हिंदू महीने श्रावण जुलाई या अगस्त में चंद्रमा के घटने के पांचवें दिन पड़ता है. इसलिए इसे नाग पंचमी कहा जाता है (Month of Shravan).
यह नेपाल (Nepal) में भी धूमधाम से मनाया जाता है.
पश्चिम बंगाल से चलकर, आसाम और बिहार व इसके साथ ओडिशा में भी बिहुला-विषहरी की गाथा, थोड़ी बहुत रद्दोबदल के साथ बहुत मशहूर है और नागपंचमी मनाए जाने का कारण भी है. भागवत पुराण में सती बिहुला का जिक्र आता है, जहां वह अपने पूर्व जन्म बाणासुर की पुत्री ऊषा के तौर पर दिखाई देती है. ऊषा का विवाह श्रीकृष्ण के पोते अनिरुद्ध के साथ हुआ था.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 29 जुलाई को बुध का पुष्य नक्षत्र में गोचर होगा. शनि-बुध एक दूसरे के मित्र माने जाते हैं. ऐसे में बुध के नक्षत्र परिवर्तन से कुछ राशियों का भाग्य बेहतर हो जाएगा.
Nagchandreshwar Mandir: नाग पंचमी आज मनाई जा रही है. नागों से संबंधित उज्जैन में एक मंदिर स्थापित है जिसका नाम नागचंद्रेश्वर मंदिर है. नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थापित है और खास बात यह है कि इस मंदिर को सिर्फ 24 घंटे के लिए ही श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है.
इस बार नाग पंचमी 29 जुलाई यानी कल मनाई जाएगी. भारत के अनेकों मंदिरों में सांपों को देवता के रूप में पूजकर उनसे सुख-शांति और समृद्धि की कामना भी की जाती है.
प्राचीन विश्व की लगभग सभी सभ्यताओं की मूर्तिकला को देखें तो एक बात बहुत साफ मिलती है कि इनमें सांपों का होना अनिवार्य सा नजर आता है. मिस्र की प्राचीन सभ्यता में तो नाग शासन के भी महत्वपूर्ण तत्व रहे हैं. भारतीय इतिहास और संस्कृति में नाग या सर्प से संबंधित अनेक साहित्यिक आख्यान और आर्कियोलॉजिकल एविडेंस मिल जाएंगे.
Nag Panchami 2025: नाग पंचमी का त्योहार हर साल सावन में मनाया जाता है. इस दिन मुख्य रूप से सांप या फिर नाग की देवता भांति पूजा-अर्चना की जाती है. नाग पंचमी के मौके पर लोग दिन भर व्रत रखते हैं और सांपों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध पिलाते हैं. नाग पंचमी का व्रत बेहद फलदायी और शुभ माना जाता है.
नाग पंचमी का पर्व सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 29 जुलाई 2025 को पड़ रही है. इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है.
पूर्वी बिहार के इलाकों में नागपंचमी के विशेष अनुष्ठान के लिए 'बारी कलश' की स्थापना की जाती है. यह मिट्टी का एक बड़ा घड़ा होता है. इसके चारों ओर गोबर से सुंदर आकृति बनाई जाती है. इन आकृतियों में सर्पिल आकृतियां अधिक होती हैं. फिर कलश स्थापना करके पांच नागिन बहिनियों को बुलाया जाता है और कलश पर स्थापित किया जाता है.
नाग पंचमी के दिन नाग देवता और भगवान शिव की उपासना की जाती है. इस बार नाग पंचमी 29 जुलाई यानी कल मनाई जाएगी.
नाग पंचमी इस बार बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन बहुत सारे संयोगों का निर्माण होने जा रहा है. नाग पंचमी पर रवि योग, सौभाग्य योग, शिव योग और अभिजीत मुहूर्त का संयोग बनने जा रहा है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार नाग पंचमी 29 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि को नागों की पूजा का पर्व नाग पंचमी मनाया जाता है. इस वर्ष नाग पंचमी 29 जुलाई यानी कल मनाया जाएगा. जानते हैं कि नाग पंचमी पर शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए
भारतीय समाज में व्रत और त्योहारों की परंपरा की ओर देखें तो यहां जैव विविधता का सुंदर उदाहरण मिलता है, साथ ही यह भी पता चलता है कि भारतीय सामाजिक व्यवस्था में इसे किसी से सीखने की जरूरत नहीं है बल्कि यह पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही परंपराओं में रचा-बसा है. इसी कड़ी में नाग पंचमी का त्योहार भी शामिल है.
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 28 जुलाई दोपहर 12:40 बजे से शुरू होगी और इसका समापन 29 जुलाई दोपहर 3:15 बजे होगा. उदय तिथि के अनुसार नाग पंचमी 29 जुलाई को ही मनाया जाएगी.
Nag Panchami 2025: इस बार ये कंफ्यूजन है कि नाग पंचमी 28 जुलाई को है या 29 जुलाई को? इस बार का नाग पंचमी पर्व पंचांग के अनुसार थोड़ा उलझा हुआ है, जिस कारण लोगों में तारीख को लेकर भ्रम बना हुआ है.
जुलाई के महीने में दो बड़ी एकादशी के व्रत भी रखे जाएंगे, जिसमें देवशयनी एकादशी और कामिका एकादशी का व्रत आता है. व्रत और त्योहार के साथ जुलाई में गुरु, सूर्य समेत 6 बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन भी होने वाला है. साथ ही, शनि और बुध क्रमश: 13 जुलाई और 18 जुलाई को वक्री चाल शुरू करेंगे.
भाजपा विधायक सत्यजीत देशमुख ने मांग करते हुए कहा कि सांगली जिले के बत्तीस शिराला कस्बे में नाग पंचमी पर जीवित नागों की पूजा की प्रथा फिर से शुरू की जाए. कई अन्य विधायकों ने इस मुद्दे का समर्थन किया.
August 2024 Vrat Tyohar List: अगस्त के इस महीने में कई बड़े त्योहार आने वाले हैं. इस महीने में हरियाली तीज, नाग पंचमी, रक्षाबंधन के अलावा कृष्ण जन्माष्टमी जैसे कई प्रमुख त्योहार भी आने वाले हैं. साथ ही इस महीने में कुछ गोचर भी होने वाले हैं.
सांप काटने से होने वाली मृत्यु के बाद शव को गंगा नदी में बहाने की मान्यता एक बड़े इलाके में प्रचलित है. कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति कुछ दिनों बाद जीवित होकर लौट आता है. जानते हैं इस मान्यता का सच क्या है और कहां से यह प्रचलन में आई.
नागपंचमी के दिन सांपों की पूजा की जाती है और उन्हें दूध पिलाने की परंपरा है. यह परंपरा नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए की जाती है लेकिन क्या वाकई में सापों को दूध पिलाना ठीक है. आइए जानते हैं इसके पीछे का वैज्ञानिक तथ्य.
कुछ कहने सुनने को नहीं रह गया है. कविता खुद बोलती है. सब बयान कर देती है. कवि बूढ़ा जरूर है लेकिन कविता में धार है, जाति की चिंता समाई है इसमें..। सांप प्रजाति का राष्ट्रीय कवि होने की योग्यता रखता है रे तू तो... जय हो. यशस्वी हो. इतना कहकर अजगर ने फिर पेड़ के खोखले में पूंछ डालकर एक चूजा निकाला और सांप को न्योछावर करके निगल लिया.