इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस को मोसाद (MOSSAD) के नाम से जाना जाता है. यह इजराइल राज्य की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है. यह अमन (सैन्य खुफिया) और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा) के साथ, इजरायली खुफिया समुदाय में मुख्य संस्थाओं में से एक है.
मोसाद खुफिया जानकारी एकत्र करने, गुप्त अभियान और आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करता है. इसके निदेशक सीधे और सिर्फ प्रधानमंत्री को रिपोर्ट देते हैं. अनुमान है कि इसमें लगभग 7,000 लोग कार्यरत हैं, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी जासूसी एजेंसियों में से एक बनाता है जो दुनिया का सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी है.
मोसाद का गठन 13 दिसंबर 1949 को प्रधानमंत्री डेविड बेन-गुरियन ने केंद्रीय समन्वय संस्थान के रूप में किया था.
मोसाद का गठन इजरायल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियोन के आदेश पर 13 दिसंबर 1949 में हुआ था. मोसाद खुफिया जानकारियों को इकट्ठा कर अपने ऑपरेशंस को अंजाम देता है. इसके अधिकतर ऑपरेशंस देशहित में होते हैं.
कांग्रेस के पूर्व सांसद कुमार केतकर ने आरोप लगाया कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA और इजरायल की मोसाद ने 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार में भूमिका निभाई थी. कुमार केतकर के इन बयानों ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है.
UNGA Summit में Palestine की चर्चा होते ही बंद हुआ 4 वर्ल्ड लीडर्स का माइक, ये तकनीकी खराबी थी या मोसाद का हाथ?
UNGA में फिलिस्तीन के समर्थन में जब-जब किसी नेता ने आवाज उठाई, उनका माइक ऑफ हो गया. यह सिलसिला इंडोनेशिया, तुर्किए, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के नेताओं के साथ हुआ. सवाल उठने लगे कि क्या यह महज तकनीकी खराबी थी या इसके पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है?
ईरान ने आज सुबह तीन लोगों को इजरायल के लिए जासूसी करने और हत्या की साजिश रचने के आरोप में फांसी दे दी. ईरान की ओर से जारी बयान के मुताबिक इदरीस अली, आज़ाद शोजाई और रसूल अहमद रसूल ने हत्या के लिए उपयोग में लिए जाने वाले उपकरण ईरान में लाने की कोशिश की थी. वहीं, ईरान ने 12 दिन की ईरान-इजरायल जंग के दौरान 700 लोगों को इजरायल से संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया है.
दुनिया के पांच देशों में गोला बारूद बरस रहा है, जिसमें ईरान और इजराइल के बीच युद्ध सबसे भीषण होता जा रहा है; ईरान ने 16 जून को इजराइल पर बड़ा हमला किया. इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा है कि 'ईरान के परमाणु ठिकाने ध्वस्त होकर रहेंगे', जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 'अब वो ईरान से बातचीत करने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं'.
ईरान ने इस बार इजरायली खुफिया एजेंसियों अमान (Aman) और मोसाद (Mossad) के मुख्यालय को निशाना बनाया. रिपोर्ट में दावा किया गया है रविवार की आधी रात (स्थानीय समयानुसार) के करीब शुरू हुए पहले हमले के बाद जब एक फॉल्स अलार्म ने इजरायली इलाकों में घबराहट फैलाई, तब सोमवार की सुबह ईरान ने एक दूसरी मिसाइल वेव लॉन्च की. रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला सीधे इजरायल द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्रों पर केंद्रित था.
ईरान की न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोपी की पहचान इस्माइल फेकरी के रूप में की गई है. बता दें कि ईरान ने इस हफ्ते जासूसी के आरोप में नौ लोगों को पकड़ा है.
मोसाद के खुफिया, ऑपरेशनल और तकनीकी विशेषज्ञों की कई साल की मेहनत के बाद यह सब सामान इजरायल लाया जा सका है. मोसाद ने वर्षों से इस मिशन के लिए इजरायल और अन्य देशों की खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर कई अभियान और ऑपरेशन चलाए, जिनमें कुछ दुश्मन देशों में भी किए गए.
इजरायल तख्तापलट के बाद सीरिया में मोसाद के फेमस एजेंट एली कोहेन की कब्र खोज रहा है. एली कोहेन को 1965 में सीरिया में फांसी पर लटका दिया गया था.
ईरान के कुछ और न्यूक्लियर साइंटिस्ट, हिज्बुल्लाह और हमास के कुछ और कमांडर को छोड़ दें तो पिछले चार सालों में हुई इन छह मौतों ने ईरान को हिला कर रख दिया है. वजह ये है कि ये छह की छह मौतें मामूली नहीं हैं. बल्कि ये वो छह लोग थे जिनका रुटीन, जिनकी मीटिंग, जिनके ठिकाने, जिनकी मूवमेंट इतने गुप्त रखे जाते थे.
इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को लेकर तमाम दिलचस्प किस्से मौजूद हैं. ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे मोसाद का एक एजेंट ईरान की ही एक यूनिट का प्रमुख बन गया और कई बड़े खुफिया ऑपरेशन को अंजाम दिए.
इजरायल के चैनल 12 ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इजरायली हमले में नसरल्लाह का सीक्रेट बंकर तबाह हो गया, जिससे 64 साल के नसरल्लाह की जहरीले धुएं में दम घुटने से मौत हो गई.
लेबनान और सीरिया के सीमावर्ती इलाकों में पिछले महीने धड़ाधड़ पेजर्स में धमाके हुए थे. लेबनान की राजधानी बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों विशेष रूप से पूर्वी बेका वैली में पेजर में सीरियल ब्लास्ट होने शुरू हुए थे. इसके बाद लेबनान में वॉकी-टॉकी के अलावा सोलर पैनल और हैंड हेल्ड रेडियो में भी ब्लास्ट हुए थे.
World Top Spy Agency: लेबनान और इजरायल वॉर में सबसे ज्यादा चर्चा मोसाद की है. लेकिन, क्या आप जानते हैं दुनिया में मोसाद से भी ज्यादा खतरनाक खुफिया एजेंसियां हैं.
लेबनान में हुए पेजर हमले के बाद इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद सुर्खियों में है. मोसाद के एजेंट्स के काम करने के तरीकों की तारीफ हो रही है. लेकिन, क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक मोसाद की अधिकतर फीमेल एजेंट शादी नहीं करती हैं. क्या है इसकी वजह, देखें इस वीडियो में.
Mossad Agent Eli Cohen Story: ये तो सुना होगा कि मोसाद दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक है. तो जानते हैं इस बात को सच सही साबित करने वाला एक उदाहरण...
मोसाद के अलावा अमान (Aman) और शिन बेत (Shin Bet) इजरायल की प्रमुख जांच एजेंसियां हैं. ये तीनों एजेंसियां अलग-अलग मोर्चों पर सुरक्षा के काम में मुस्तैद रहती हैं. जहां एक तरफ अमान सैन्य इंटेलिजेंस से जुड़ी हुई है तो मोसाद खुफिया ऑपरेशन को अंजाम देती है जबकि शिन बेत घरेलू सुरक्षा का जिम्मा उठाए हुए है.
पहले 3000 से ज्यादा पेजर में ब्लास्ट हुआ. 12 मौतें हुईं और 3000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. फिर वॉकी-टॉकी में ताबड़तोड़ धमाके हुए. 20 लोग मारे गए और 450 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. अब सोलर सिस्टम में भी धमाके होने लगे. जिसकी वजह से अब तक 6 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
मोसाद का पूरा नाम इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस है. यह इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है. मोसाद इजरायल इंटेलिजेंस नेटर्वक के तहत काम करती है. इस नेटवर्क में मोसाद के अलावा अमान (सैन्य इंटेलिजेंस) और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा) भी हैं.
लेबनान में हिज्बुल्लाह के आतंकियों के पास मौजूद तमाम वॉकी-टॉकी में धमाके हुए हैं और इसमें कई दहशतगर्दों की मौत हो गई है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोसाद ने हिज्बुल्लाह को चकमा देने के लिए फर्जी कंपनी बनाई और वॉकी-टॉकी में विस्फोटक भरकर आतंकी संगठन को बेच दिए.