मक्का (Mecca) विश्व की सबसे प्राचीन और पवित्र नगरी मानी जाती है, जो आज के सऊदी अरब में स्थित है. यह इस्लाम धर्म का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है, जहां हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज और उमरा करने आते हैं. मक्का का धार्मिक महत्व इतने वर्षों से बना हुआ है कि इसे इस्लाम का आध्यात्मिक केंद्र कहा जाता है.
इस पवित्र शहर के मध्य में स्थित है मस्जिद-अल-हरम, जिसके भीतर काबा शरीफ है. मुसलमान काबा की ओर मुंह करके नमाज पढ़ते हैं, इसलिए यह दिशा किबला कहलाती है. काबा का इतिहास अत्यंत प्राचीन है और माना जाता है कि इसकी स्थापना पैगंबर इब्राहिम और उनके पुत्र इस्माइल ने की थी.
मक्का न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध रहा है. पुराने समय में यह व्यापार का बड़ा केंद्र था और अरब के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता था. आज यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त, विश्वस्तरीय प्रबंधन और सुरक्षा वाले शहरों में गिना जाता है.
हज के दिनों में मक्का की व्यवस्थाएं दुनिया के सामने एक अनुशासन और आस्था की मिसाल प्रस्तुत करती हैं. यह शहर अपने आध्यात्मिक वातावरण, ऐतिहासिक धरोहर और अद्भुत आस्था की शक्ति से हर आगंतुक के मन में शांति और श्रद्धा का संचार करता है.
सऊदी अरब में मदीना के पास हुए बस हादसे के बाद भारत सरकार ने सहायता के लिए एक हाई-लेवल डेलिगेशन भेजने का फैसला किया है. जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अगुवाई में टीम राहत कार्यों, शवों की पहचान और पीड़ित परिवारों की मदद पर नजर रखेगी. हादसे में कई भारतीय उमराह यात्री मारे गए.
सऊदी अरब में उमरा यात्रियों की बस हादसे में 45 भारतीयों की मौत हुई, जिनमें हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 सदस्य शामिल थे. तीन पीढ़ियों के लोग एक साथ खत्म हो गए. रिश्तेदार न्याय की मांग कर रहे हैं और हादसे की पूरी जांच चाहते हैं.
मदीना के पास हुए दर्दनाक बस हादसे में 45 भारतीय उमरा यात्रियों की मौत ने कई परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया. दशकों से हज और उमरा यात्राओं में होने वाली त्रासदियों की यह सबसे भयावह घटनाओं में से एक है. यह रिपोर्ट उन हादसों की कहानी बयां करती है, जिनमें श्रद्धा की यात्राएं अचानक मौत की खबर बन गईं.
हर साल, हजारों भारतीय इस पाक सफर पर निकलते हैं लेकिन, आज इसी रास्ते पर एक दुखद हादसा हो गया, जब मक्का की ओर जा रही बस एक डीजल टैंकर से टकरा गई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई.
उमरा में मक्का जाकर काबा शरीफ की ज़ियारत, तवाफ़ और सई करना होता है. वहीं, हज में पूरा इस्लामी सफर, कई दिनों की आध्यात्मिक यात्रा, जिसमें अराफात, मिना, मुझदलिफ़ा के बड़े बड़े काम शामिल होते हैं.