मां कात्यायनी हिंदू धर्म में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों में से एक हैं. वे नवदुर्गा का छठा रूप मानी जाती हैं और नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा की जाती है. मां कात्यायनी को शक्ति, युद्ध, और विजय की देवी माना जाता है. वे अपने भक्तों को भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करती हैं तथा उन्हें आत्मबल प्रदान करती हैं.
शास्त्रों के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने कठिन तपस्या करके माता दुर्गा को प्रसन्न किया और उनसे यह वरदान मांगा कि वे उनकी पुत्री के रूप में जन्म लें. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने उनके घर में जन्म लिया और कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण उनका नाम कात्यायनी पड़ा.
मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और दिव्य है. वे चार भुजाओं वाली हैं, जिनमें वे एक हाथ में तलवार और दूसरे में कमल का फूल धारण किए हुए हैं, जबकि उनके अन्य दो हाथ वरद और अभय मुद्रा में होते हैं. उनका वाहन सिंह है, जो उनके पराक्रम और शक्ति का प्रतीक है.
मां कात्यायनी शक्ति और साहस की प्रतीक हैं. उनकी आराधना से व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर सकता है और विजय प्राप्त कर सकता है. विशेष रूप से नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा करने से साधक को शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
माना जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास और शक्ति प्राप्त होती है. उनकी आराधना विशेष रूप से उन लोगों द्वारा की जाती है जो अपने जीवन में बाधाओं और शत्रुओं से मुक्ति पाना चाहते हैं.
मां कात्यायनी का मंत्र
"ॐ देवी कात्यायन्यै नमः"
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Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र और दुर्गा पूजा, दोनों ही मां दुर्गा की आराधना के पावन पर्व हैं, लेकिन इन्हें मनाने के तौर-तरीके और भाव अलग-अलग होते हैं. एक ओर नवरात्र में मां के नौ स्वरूपों की साधना और आत्मशुद्धि का महत्व है, तो दूसरी ओर दुर्गा पूजा में महिषासुर पर मां की विजय का भव्य चित्रण किया जाता है.
Shardiya Navratri 2025: इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर यानी आज से हो रही है. यह पावन पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए बेहद उत्तम माना गया है. नवरात्र में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है.
Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन करने का विधान है. वहीं नवरात्र में यदि दुर्गा सप्तशती का पाठ करें तो विशेष फल मिलता है. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से आपके जीवन में जितनी भी परेशानियां आ रही हैं, चाहे गृह क्लेश हो या फिर धन से जुड़ी समस्याएं, दुर्गा मां आपके हर कष्ट को दूर कर देती हैं.
Shardiya Navratri 2025: मां दुर्गा की पूजा में आरती का विशेष महत्व है. उत्तर स्कंद पुराण में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति मंत्र नहीं जानता, पूजा की विधि नहीं जानता, लेकिन आरती कर लेता है तो देवी-देवता उसकी पूजा को पूर्ण रूप से स्वीकार कर लेते हैं.
कल नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी. चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी देवी दुर्गा की ही तरह सिंह की सवारी करती हैं. जानिए कल मां कात्यायनी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय
Shardiya Navratri 2025: नवरात्र में भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं. ठीक इसी तरह आप पान के पत्ते से कुछ उपाय करके मां दुर्गा की विशेष कृपा पा सकते हैं. जानें उन खास उपायों के बारे में.
Shardiya Navratri 2025: शास्त्रों में माता षष्ठी देवी को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है. इन्हें ही मां कात्यायनी भी कहा गया है, मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं. भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी.
Shardiya Navratri 2025: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्र का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान मां दुर्गा की मूर्ति घर या मंदिरों में स्थापित की जाती है और 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. शारदीय नवरात्र आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है और नवमी तिथि तक मनाई जाती है.
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पाप नष्ट होते हैं. दिल्ली के कई मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी. झंडेवाला, छत्तरपुर, कालकाजी और गौरी शंकर मंदिर में विशेष सजावट और आरती की गई.
आज है नवरात्रि का छठा दिन, आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है. मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. महापर्व नवरात्रि के छठे दिन जगह-जगह और शहर-शहर शानदार सजावट की गई है. दिल्ली के कई मंदिरों से खूबसूरत तस्वीरें सामने आई हैं. देखें...