भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर डी गुकेश (D Gukesh) मौजूदा विश्व शतरंज चैंपियन हैं. साल दिसंबर 2024 में वे सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने. एक शतरंज के प्रतिभाशाली खिलाड़ी, गुकेश 17 साल की उम्र में 2750 की FIDE रेटिंग को पार करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं. इससे पहले 16 साल की उम्र में 2700 को पार करने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. उन्होंने 12 साल की उम्र में अपना ग्रैंडमास्टर खिताब अर्जित किया और शतरंज के इतिहास में तीसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने हुए हैं.
उन्होंने 2024 में 45वें शतरंज ओलंपियाड में एक टीम और दो व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीते, साथ ही एक कांस्य टीम पदक भी जीता. उन्होंने 2024 की विश्व शतरंज चैंपियनशिप में डिंग लिरेन को 7+1⁄2 से 6+1⁄2 से हराया. जूनियर स्तर पर, वह विश्व युवा चैम्पियनशिप और एशियाई युवा शतरंज चैम्पियनशिप में कई स्वर्ण पदक विजेता हैं. गुकेश एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता भी हैं.
गुकेश का पूरा नाम गुकेश डोमराजू है. उनका जन्म 29 मई 2006 को चेन्नई में आंध्र प्रदेश के एक तेलुगु परिवार में हुआ था. उनके पिता रजनीकांत एक ईएनटी सर्जन हैं और उनकी मां पद्मा एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं.
गुकेश ने सात साल की उम्र में शतरंज खेलना सीखा. उनकी पढाई चेन्नई के मेल अयनंबक्कम में वेलम्मल विद्यालय स्कूल से हुई है..
गुकेश ने 2013 में सप्ताह में तीन दिन एक घंटे के लिए शतरंज का अभ्यास और खेलना शुरू किया.
FIDE वर्ल्ड चेस कप ट्रॉफी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. गोवा में हुए रंगारंग समारोह में FIDE वर्ल्ड चेस कप 2025 का नाम भारत के चेस दिग्गज विश्वनाथन आनंद के नाम पर कर दिया गया है.
आज की बड़ी खबरों में, जयपुर के पास मनोहरपुर में एक बस के हाई-टेंशन तार की चपेट में आने से तीन मजदूरों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. वहीं शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन डी. गुकेश ने हिकारू नाकामुरा को हराकर उस अपमान का बदला लिया जब नाकामुरा ने गुकेश को हराने के बाद किंग दर्शकों में फेंक दिया था.
नाकामुरा के खिलाफ गुकेश की जीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दोनों हाल ही में एक प्रदर्शनी मुकाबले ‘चेकमेट: यूएसए बनाम इंडिया’ में भी आमने-सामने आए थे, जहां नाकामुरा ने जीत के बाद गुकेश का किंग पीस दर्शकों की ओर फेंक दिया था. हालांकि बाद में इसे मनोरंजन के लिए किया गया अभिनय बताया गया.
डी गुकेश पिछले साल दिसंबर में वर्ल्ड चैम्पियन बने थे. डी गुकेश ने खिताबी मुकाबले में चीनी खिलाड़ी डिंग लिरेन को पराजित किया था. गुकेश शतरंज की दुनिया के सबसे युवा चैम्पियन हैं.
डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 के छठे राउंड में मैग्नस कार्लसन को मात दी थी, लेकिन 10वें राउंड में अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ बाजी ड्रॉ कराकर मैग्नस कार्लसन ने यह टूर्नामेंट जीत लिया है. अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारूआना दूसरे और विश्व चैंपियन डी गुकेश को तीसरे स्थान पर रहे.
भारत के डी गुकेश को नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 में आखिरी राउंड में फैबियानो कारूआना के हाथों हार का सामाना करना पड़ा. इस मुकाबले में उन्होंने एक बड़ी गलती कर दी, जिसके चलते उनकी जीत की उम्मीदें समाप्त हो गईं.
यह गुकेश के लिए कमबैक विन रही, जो नॉर्वे चेस के पहले दौर में काले मोहरों से खेलते हुए मैग्नस कार्लसन से हार गए थे- यह छह खिलाड़ियों की राउंड-रॉबिन प्रतियोगिता है. नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में दो वर्षों में यह दूसरी बार है जब किसी युवा भारतीय खिलाड़ी ने क्लासिक फॉर्मेट में कार्लसन को हराया है. पिछले साल आर. प्रग्गनानंदा ने उन्हें इसी टूर्नामेंट में मात दी थी.
डी गुकेश से पूछा गया कि वो चेस खेलते वक्त एक बार में कितनी चाल सोचते हैं? इस सवाल का गुकेश ने अपने अंदाज में जवाब दिया. गुकेश शतरंज की दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चैम्पियन हैं.
डी गुकेश ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान वर्ल्ड चैम्पियन बनने के अपने सफर के बारे में बताया. गुकेश ने कहा कि चैम्पियन बनने के बाद वो अपने माता-पिता की आर्थिक रूप से मदद कर सके हैं. डी गुकेश का मानना है कि चेस में विश्वनाथन आनंद ने जो किया, वो शानदार है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मनु भाकर समेत 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न से सम्मानित किया. इस बार खेल रत्न और ध्यानचंद खेल रत्न में जो पुरस्कार दिए गए, उसमें क्रिकेट के किसी भी खिलाड़ी को नहीं शामिल किया गया. जो बात हैरान करने वाली थी. वहीं कोच की श्रेणी में क्रिकेट से जुड़े किसी शख्स का नाम शामिल नहीं रहा.
Major Dhyan Chand Khel Ratna Award 2024: भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड 2024 और अर्जुन पुरस्कार 2024 (Arjuna Award 2024) के लिए जिन खिलाड़ियों को चुना गया, उनमें पैरा खिलाड़ियों का जलवा रहा. वहीं इस प्रतिष्ठित लिस्ट से क्रिकेट खिलाड़ियों का नाम गायब रहा.
भारत सरकार ने मनु भाकर और डी गुकेश समेत 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार देने का फैसला किया है. वहीं 32 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार मिला है. मनु और गुकेश के अलावा हॉकी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्लेयर प्रवीण कुमार को भी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया है.
खेल रत्न पुरस्कार का ऐलान हो गया है. भारत सरकार ने मनु भाकर और डी गुकेश समेत 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार देने का फैसला किया है.
राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों का ऐलान हुआ है. मन्नू भाकर, डी गुकेश, हरमनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार को खेल रत्न से सम्मानित किया गया है. मन्नू भाकर का नाम पहले संभावित नामों की सूची में नहीं था, लेकिन विवाद के बाद उनका नाम अलग से जोड़ा गया. डी गुकेश सबसे युवा खिलाड़ी बने हैं जिन्हें यह सम्मान मिला है. VIDEO
भारत सरकार ने शूटर मनु भाकर, चेस मास्टर डी गुकेश, हॉकी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्लेयर प्रवीण कुमार को खेल रत्न पुरस्कार देने का फैसला किया है.
डी गुकेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. पीएम मोदी ने डी गुकेश की स्वर्णिम उपलब्धियों की सराहना की. डी गुकेश शतरंज की दुनिया के सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैम्पियन हैं.
18 साल के गुकेश के साथ इस वीडियो में माइंड रीडर सुहानी शाह और विश्वनाथन आनंद के अलावा कुछ भारतीय शतरंज प्लेयर भी नजर आ रहे हैं.
शतरंज के लिहाज से भारत के लिए साल 2024 शाानदार रहा, वर्ल्ड चैम्पियन बने डी गुकेश की दोनों बाजू खोलकर मुस्कुराते हुए तस्वीर एक अरब से अधिक भारतवासियों की यादों में हमेशा के लिये चस्पा हो गई...आइए आपको शतरंज से जुड़ी साल 2024 की और खबरों से रूबरू करवाते हैं.
इनाम था 11.45 करोड़, लेकिन चैंपियन बनने पर डी गुकेश को मिले सिर्फ इतने करोड़, जानिए ऐसा क्यों?
डी गुकेश के जीत के बाद उन्हें इनाम के तौर पर उन्हें 25 लाख डॉलर का अमाउंट मिला है. भारतीय ग्रैंडमास्टर के हिस्से में 13 लाख डॉलर यानी 11.45 करोड़ रुपये आए और इसमें तीन मैचों में जीत से प्राप्त 5.04 करोड़ रुपये भी शामिल हैं. हालांकि उनकी प्राइज मनी में से 42.5 प्रतिशत यानी 4.09 करोड़ रुपये टैक्स के तौर पर देना पड़ेगा.
Gukesh Dommaraju-Paddy Upton: डोम्माराजू गुकेश शतरंज के नए वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं. उन्होंने चीनी चेस मास्टर डिंग लिरेन को मात दी. लेकिन गुकेश की इस जीत में साउथ अफ्रीका के पैडी अप्टन का बड़ा हाथ है. क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जब भारतीय टीम 2011 में ODI चैम्पियन बनी, वहीं भारतीय हॉकी टीम ने 2024 पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता. तब टीम के मेंटल एंड कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन ही थे.