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बिहार की क्राइम कथा

बिहार की क्राइम कथा

बिहार की क्राइम कथा

बिहार की राजनीति और अपराध का रिश्ता दशकों से है. अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलता गया और धीरे-धीरे वे राजनीतिक ढांचे का हिस्सा भी बनते गए. बिहार में कई उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज रहते हैं और उन्हें दलों द्वारा टिकट भी दिया जाता है, जिससे राजनीति-अपराध संबंध मजबूत होता है. हाल के वर्षों में चुनावी मौसम के दौरान बढ़ते अपराधों ने जनमत को कानून-व्यवस्था की ओर मोड़ा है, जहाँ विरोधी दल बिहार में “जंगलराज” कहकर सरकार पर हमला करते हैं.

अपराध के इस राजनीतिकरण के कारण बिहार में कानून-व्यवस्था बार-बार चुनावी मुद्दा बनती रही और विपक्ष सत्ता पक्ष को अपराध बढ़ने के आरोपों में घेरता रहा. वहीं, कुछ आपराधिक  घटनाएँ ऐसी रहीं जिन्होंने राजनीति की दिशा ही बदल दी.

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