बैद्यनाथ मंदिर, देवघर
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर (Baidyanath Temple), जिसे बैद्यनाथ धाम (Baidyanath Dham) के नाम से भी जाना जाता है, बारह ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlingas) में से एक है. यह भारत के झारखंड राज्य (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) में स्थित है. यह एक मंदिर परिसर है जिसमें बाबा बैद्यनाथ का मुख्य मंदिर है, जहां ज्योतिर्लिंग स्थापित है. यह श्रावणी मेला (Shravani Mela) और अपनी कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के लिए भी मशहूर है जो कि शिव के भक्तों की एक वार्षिक तीर्थयात्रा है. कांवड़िये इस यात्रा की शुरुआत बिहार में सुल्तानगंज (Sultanganj) में पवित्र गंगा जल (Holy River Ganga) भरकर करते हैं. कांवड़िये 104 किलोमीटर की यात्रा करके झारखंड के बैद्यनाथ मंदिर में यही गंगा जल अर्पित करते हैं.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, राक्षस राजा रावण (Ravana) ने वरदान पाने के लिए मंदिर के वर्तमान स्थल पर शिव (Lord Shiva) की पूजा की थी. इस दौरान रावण ने अपने दस सिर शिव को बलि के रूप में अर्पित किए. इससे प्रसन्न होकर शिव घायल हुए रावण को ठीक करने के लिए अवतरित हुए. उन्होंने एक डॉक्टर के रूप में काम किया, लिहाजा उन्हें वैद्य (Vaidya) कहा जाता है. मंदिर का नाम शिव के इसी पहलू से पड़ा है.
परिसर में मां पार्वती मंदिर (Maa Parvati Temple) मुख्य मंदिर से विशाल लाल पवित्र धागे से जुड़ा हुआ है. यह शिव और शक्ति की एकता को दर्शाते हैं. शिव पुराण (Shiva Purana) में वर्णित कहानियों के अनुसार, पवित्र बैद्यनाथ मंदिर आत्माओं की एकता का स्थल है लिहाजा यहां कई हिंदु जोड़े विवाह उत्सव का आयोजन करते हैं.
एक सामान्य दिन में, बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा सुबह 4 बजे शुरू होती है. इस समय मंदिर के कपाट खुलते हैं. प्रातः 4:00 से 5:30 तक प्रधान पुजारी षोडशोपचार से पूजन करते हैं. पूजा की रस्म दोपहर 3.30 बजे तक चलती है. इसके बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. शाम को 6 बजे भक्तों के लिए फिर से कपाट खोल दिए जाते हैं और पूजा की प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाती है. इस समय श्रृंगार पूजा होती है. मंदिर सामान्य दिन में रात 9:00 बजे बंद हो जाता है, लेकिन पवित्र श्रावण महीने के दौरान, समय बढ़ा दिया जाता है.
बैद्यनाथ धाम की स्थापना रावण की एक गलती के कारण हुई — जानिए कैसे भगवान शिव ने त्रेतायुग में रावण को दिया था एक विशेष शिवलिंग और क्यों वह झारखंड के देवघर में ही स्थापित हो गया. इस वीडियो में जानिए बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ की पौराणिक कथा, दर्शन का समय और यात्रा से जुड़ी जानकारी.
Baidyanath Mandir: बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य के देवघर जिले में स्थित है. यह मंदिर भगवान शिव के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे चिकित्सकों के भगवान (वैद्य) के रूप में भी जाना जाता है. यहाँ भगवान शिव ‘बैद्यनाथ’ के रूप में पूजे जाते हैं. इस ज्योतिर्लिंग को विशेष स्थान प्राप्त है.
सावन में दरभंगा से हजारों श्रद्धालु कांवर लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर की यात्रा पर निकलते हैं. कोई मन्नत पूरी होने पर, कोई चमत्कार से प्रेरित होकर तो कोई आस्था से खिंचकर बाबा के दरबार जाता है. नंगे पांव 105 किलोमीटर चलकर जलाभिषेक करने वाले इन भक्तों की कहानियां आस्था, विश्वास और भक्ति का जीवंत उदाहरण हैं.
श्रावण मास के मौके पर बाबा बैद्यनाथ धाम में जिला प्रशासन ने मेले को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. मेले की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही प्रशासन ने बताया कि श्रावण के पूरे महीने में VIP दर्शनों पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी.
श्रावण मास में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल काशी विश्वनाथ, बाबा वैद्यनाथ और उज्जैन महाकाल के दर्शन-पूजन की विशेष मान्यता है. सावन के पहले सोमवार को लाखों की संख्या में भक्त वाराणसी, उज्जैन और देवघर में जलाभिषेक करके बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे.
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि भोलेनाथ पर राजनीति करने वाले का सर्वनाश हो जाता है. अब अगले 7 दिन हेमंत सोरेन सरकार के लिए बहुत कष्टकारी होंगे. दरअसल, बीजेपी सांसद ने मांग की थी कि राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन यानी 22 जनवरी को बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर को फूलों से सजाया जाए, लेकिन सजावट नहीं की गई.
Baba Baidyanath Mandir: देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में है. यहां गुरुवार को चढ़ावे की गिनती में लाखों रुपये सहित विदेशी करेंसी भी मिली. इसे देखकर मंदिर प्रशासन काफी खुश नजर आ रहा है. इसकी गिनती में मंदिर के सभी कर्मचारियों को सुबह से लेकर शाम तक लगाया गया था.
बिहार निवासी अमित कुमार अमेरिका में इंजीनियर है. वहां उसे इंग्लैंड की हेलेन नाम की लड़की से प्यार हो गया. हेलेन भी उसको दिल दे बैठी. मोहब्बत के इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए दोनों ने शादी करने का फैसला किया. इसके बाद दोनों ने झारखंड के देवघर आकर बाबा बैद्यनाथ को साक्षी मानकर 7 फेरे लिए.
Pm Modi Visit Deoghar: करीब 20 मिनट तक पीएम मोदी बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा-पाठ करेंगे. वे विशेष आरती में भी हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी के आने से ठीक एक दिन पहले उनके सम्मान में देवघर में 1 लाख दिये जलाए गए.