8 मई 2025 को लाहौर में HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली को भारत ने उस ड्रोन से मारा, जिसका उपयोग इजरायल अपने दुश्मनों के खिलाफ करता है. इस हमले को भारत द्वारा किए गए एक सटीक और रणनीतिक हमले के रूप में देखा जा रहा है, जिसने पाकिस्तान की वायु रक्षा क्षमता को बड़ा झटका दिया.
HQ-9 चीन द्वारा निर्मित एक उन्नत लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली माना जाता है. पाकिस्तान की वायु रक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस हमले में ड्रोन ने सटीकता के साथ लक्ष्य को नष्ट किया, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को भारी नुकसान हुआ. इस हमले ने लाहौर को वायु रक्षा के मामले में असुरक्षित बना दिया, जिससे पाकिस्तान की सैन्य रणनीति पर गंभीर सवाल उठे.
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पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने दावा किया कि इस हमले में चार सैनिक घायल हुए. सैन्य ठिकाने को आंशिक नुकसान पहुंचा. हालांकि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई पोस्ट्स में दावा किया गया कि HQ-9 मिसाइल लॉन्चर लगभग पूरी तरह नष्ट हो गया, जिससे लाहौर की वायु रक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो गई.
हमले में इस्तेमाल ड्रोन: इजरायली हारोप (Harop)
रिपोर्ट्स के अनुसार इस हमले में भारत द्वारा इस्तेमाल किया गया ड्रोन इजरायल निर्मित हारोप (IAI Harop) था. हारोप एक लॉइटरिंग म्युनिशन (कामिकेज़ ड्रोन) है, जो ड्रोन और मिसाइल की संयुक्त क्षमताओं को एकीकृत करता है. यह ड्रोन लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है. लक्ष्य पर मंडराने (लॉइटरिंग) की क्षमता रखता है. सटीक हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
हारोप ड्रोन की विशेषताएं
रेंज: 1000 किलोमीटर तक
लॉइटरिंग समय: 6 घंटे तक
वजन: 135 किलोग्राम
वॉरहेड: 23 किलोग्राम हाई-एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन
मार्गदर्शन प्रणाली: इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (EO/IR), रडार-रोधी सेंसर, और जीपीएस/INS
गति: 185 किमी/घंटा (अधिकतम)
लॉन्च प्लेटफॉर्म: ग्राउंड-बेस्ड लॉन्चर या कैनिस्टर-आधारित सिस्टम
हारोप में रडार-रोधी क्षमता होती है, जो इसे दुश्मन के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाने में सक्षम बनाती है. हारोप की सबसे बड़ी ताकत इसकी स्वायत्तता और सटीकता है. यह ड्रोन लक्ष्य को पहचानने और हमला करने से पहले लंबे समय तक हवा में मंडरा सकता है, जिससे यह गतिशील और उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों, जैसे कि HQ-9 जैसे वायु रक्षा सिस्टम को नष्ट करने के लिए आदर्श है.
HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली
HQ-9 (HongQi-9) एक चीनी निर्मित लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है, जिसे पाकिस्तान ने अपनी वायु रक्षा को मजबूत करने के लिए अधिग्रहित किया था. यह प्रणाली रूस की S-300 और अमेरिका की पैट्रियट मिसाइल प्रणाली के समकक्ष मानी जाती है.
HQ-9 की प्रमुख विशेषताएं
रेंज: 200 किलोमीटर तक
लक्ष्य: फाइटर जेट्स, क्रूज मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइलें, और ड्रोन
रडार: मल्टी-मोड रडार, जो 300 किमी तक लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है
मिसाइल: 180 किलोग्राम वॉरहेड के साथ हाई-एक्सप्लोसिव मिसाइल
तैनाती: मोबाइल लॉन्चर, जो इसे तैनाती में लचीलापन प्रदान करता है
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HQ-9 पाकिस्तान की वायु रक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, विशेष रूप से लाहौर जैसे प्रमुख शहरों की सुरक्षा के लिए. इस प्रणाली का नष्ट होना पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सामरिक झटका है, क्योंकि यह लाहौर को हवाई हमलों के प्रति अधिक असुरक्षित बनाता है.
हमले का सामरिक महत्व
लाहौर में HQ-9 बैटरी पर हारोप ड्रोन का हमला कई मायनों में महत्वपूर्ण है...
वायु रक्षा का कमजोर होना: HQ-9 का नष्ट होना लाहौर की वायु रक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. यह भारतीय वायुसेना को भविष्य के ऑपरेशनों में अधिक स्वतंत्रता प्रदान कर सकता है.
सटीक हमले की क्षमता: हारोप ड्रोन का उपयोग भारत की उन्नत तकनीकी और सटीक हमले की क्षमता को दर्शाता है.
मनोवैज्ञानिक प्रभाव: इस हमले ने पाकिस्तानी सेना और जनता के मनोबल पर गहरा प्रभाव डाला. X पर कई पोस्ट्स में इसे पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली के लिए एक "बड़ा झटका" बताया गया.
क्षेत्रीय तनाव: यह हमला भारत-पाकिस्तान तनाव को और बढ़ा सकता है. विशेष रूप से 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर-1 के बाद.
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ऑपरेशन सिंदूर और ड्रोन हमले का संबंध
यह हमला ऑपरेशन सिंदूर-1 का हिस्सा या उसका विस्तार माना जा रहा है, जिसमें भारत ने 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे. ऑपरेशन सिंदूर-1 में हैमर, स्कैल्प, और अन्य प्रेसिशन हथियारों का उपयोग किया गया था.
यह हमला ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को कमजोर करना और आतंकी संगठनों जैसे हाफिज सईद के नेतृत्व वाले समूहों को निशाना बनाना हो सकता है.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने 12 भारतीय ड्रोनों को मार गिराया, जिनमें से एक ने लाहौर के पास सैन्य ठिकाने पर हमला किया. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. पाकिस्तान ने लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, और सियालकोट सहित चार हवाई अड्डों पर उड़ानें निलंबित कर दीं.
इसके अलावा, पंजाब प्रांत में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि देश "हर तरह से जवाब देने का अधिकार रखता है," जिससे एक व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ गई.
अन्य संभावित ड्रोन
हालांकि हारोप ड्रोन की पहचान सबसे विश्वसनीय मानी जा रही है, कुछ स्रोतों ने अन्य ड्रोनों, जैसे स्काईस्ट्राइकर की संभावना जताई गई है. स्काईस्ट्राइकर, जो एक अन्य इजरायली लॉइटरिंग म्युनिशन है, भी भारत के शस्त्रागार में मौजूद है. हालांकि, इसकी रेंज (20-100 किमी) और विशेषताएं HQ-9 जैसे उच्च-मूल्य लक्ष्य के लिए हारोप की तुलना में कम उपयुक्त हैं. इसलिए, हारोप की संभावना अधिक है.