असम गण परिषद (Asom Gana Parishad) असम राज्य में एक राजनीतिक दल है. एजीपी का गठन 1985 के ऐतिहासिक असम समझौते के बाद किया गया था और औपचारिक रूप से 14 अक्टूबर 1985 को गोलाघाट में आयोजित गोलाघाट सम्मेलन में लॉन्च किया गया था (AGP Launched Date). इसमें प्रफुल्ल कुमार महंत को भी शामिल किया गया था. वह राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री थे. एजीपी ने 1985 से 1989 और 1996 से 2001 तक दो बार सरकार बनाई है.
2005 में पार्टी विभाजित हो गई, पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत ने असम गण परिषद (प्रगतिशील) का गठन किया, लेकिन 14 अक्टूबर 2008 को गोलाघाट में फिर से संगठित हो गए.
पार्टी ने 2016 के विधानसभा चुनावों में 126 में से 14 सीटें जीतीं. यह बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट और भारतीय जनता पार्टी के साथ सत्ता साझा करता है.
वर्तमान में यह उत्तर-पूर्व क्षेत्रीय राजनीतिक मोर्चे का एक हिस्सा है जिसमें पूर्वोत्तर के राजनीतिक दल शामिल हैं जिन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का समर्थन किया है.
तमिलनाडु की छह और असम की दो राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो चुका है. आठ सीटों के राज्यसभा चुनाव में जीत का गणित क्या है? क्या है नंबर गेम?
असम के बोगाईगांव सीट पर हुए उपचुनाव में असम गण परिषद की प्रत्याशी दीप्तिमोय चौधरी ने बड़ी जीत हासिल की है. हालांकि इस दौरान एक दिलचस्प नजारा सामने आया. जिस सड़क से उनका विजयी जुलूस निकल रहा था उसी सड़क पर उनके सांसद पति सब्जी बेचते नजर आए. जुलूस के वहां पहुंचने के बाद वो भी उसमें शामिल हो गए.
आम आदमी पार्टी की ही तरह देश में एक पार्टी और है जो आंदोलन से निकली थी. अपने गठन के तुरंत बाद हुए चुनाव में जीत के साथ सियासी सफर का जबरदस्त आगाज भी किया, सबसे यंग सीएम भी दिया लेकिन जल्दी ही अपनी सियासी हैसियत खो दी. जानिए...