आप तरण आदर्श को पहचानते हैं. वही तरण आदर्श, जिनके कहने से हम और आप हिंदी फिल्में देखते हैं और नहीं देखते हैं. यह कहा जा सकता है कि तरण आदर्श सचमुच फिल्मी पंडित हैं. फिल्मों के बारे में उनकी भविष्यवाणी कभी फेल नहीं होती. वो हर फिल्म देखते हैं, और उन्होंने अगर कह दिया कि फिल्म चलेगी, तो चलेगी. उन्होंने कह दिया कि फिल्म फुस्स है, तो फिर फिल्म फुस्स. देखिए संजय सिन्हा की कहानी.