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पितरों के लिए कौन कर सकता है श्राद्ध, ये हैं सावधानियां

पितरों के लिए कौन कर सकता है श्राद्ध, ये हैं सावधानियां

हमारे परिवार के जिन पूर्वजों का देहांत हो चुका है , उन्हें हम पितृ मानते हैं. जब तक किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका जन्म नहीं हो जाता वह सूक्ष्म लोक में रहता है. ऐसा मानते हैं कि इन पितरों का आशीर्वाद सूक्ष्मलोक से परिवार जनों को मिलता रहता है. पितृपक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने लोगों पर ध्यान देते हैं और आशीर्वाद देकर उनकी समस्याएं दूर करते हैं. पितृपक्ष में हम लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनकी याद में दान धर्म का पालन करते हैं. इस बार पितृपक्ष 02 सितम्बर से 17 सितम्बर तक रहेगा. चाल चक्र में देखें पितृपक्ष में किस तरह के कार्य और प्रक्रियाओं का पालन करते हैं. साथ ही जानें अपनी राशि का हाल.

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