यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध सिर्फ जमीन और आसमान में ही नहीं बल्कि साइबर वर्ल्ड में भी लड़ा जा रहा है. द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेनी मिलिट्री के कम्यूनिकेशन्स के प्रभावित होने के पीछे रूस का हाथ है. अमेरिकी इंटेलिजेंस एनालिस्ट के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि रूसी मिलिट्री स्पाई सर्विस GRU उस हैकिंग में शामिल थी,जिसकी वजह से यूक्रेन की मिलिट्री का कम्यूनिकेशन प्रभावित हुआ है.
आधिकारिक कम्यूनिकेशन कंपनी Viasat ने अखबार को इस संबंध में जानकारी दी है. कंपनी ने बताया कि रूस के यूक्रेन पर हमले के साथ ही सैटेलाइट मॉडम को हैक किया गया. हैक किए गए मॉडम कंपनी के यूरोपीय नेटवर्क का हिस्सा थें. रिपोर्ट्स की मानें तो इस हैक में हजारों सैटेलाइट मॉडम्स प्रभावित हुए हैं.
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए स्पेस एक्स के सीईओ Elon Musk ने ट्विटर पर बताया कि स्टारलिंक अब तक हैकिंग के सभी प्रयासों को रोक सकी है और उन्हें जाम कर दिया है. रूस और यूक्रेन युद्ध में स्टारलिंक एक बड़ी भूमिका निभा रही है. युद्ध की वजह से यूक्रेन के कई हिस्सों में इंटरनेट की दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद मस्क ने Starlink टर्मिनल्स भेजकर मदद की है.
इतनी ही नहीं उन्होंने इंटरनेट की समस्या को दूर करने के लिए SpaceX को भी काम पर लगाया है. इस युद्ध की शुरुआत में यूक्रेन के कई हिस्सों में इंटरनेट की दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद यूक्रेन के उप-प्रधानमंत्री Mykhailo Fedorov ने ट्विटर पर Elon Musk से मदद मांगी है. इसके तुरंत बाद ही एलन मस्क ने यूक्रेन की मदद के लिए स्टारलिंक टर्मिनल्स को भेजा.
यूक्रेन और रूस युद्ध में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें साफ पता चला है कि यह युद्ध सिर्फ रियल वर्ल्ड तक नहीं बल्कि साइबर वर्ल्ड में पहुंच गया है. माइक्रोसॉफ्ट ने भी ऐसे ही एक मालवेयर का पता लगाया था, जिसका मकसद यूक्रेन के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से तबाह करना था. हालांकि, वक्त पर इस मालवेयर की जानकारी मिल जाने से यूक्रेन इस हमले से बच गया.
वहीं कई अन्य मामलो में यूक्रेन भी रूस पर साइबर अटैक किए हैं. यूक्रेन ने तो रूस पर हमले के लिए आईटी आर्मी का भी ऐलान कर दिया, जिसमें लोग अपनी मर्जी से हिस्सा ले रहे. इस आईटी आर्मी का लक्ष्य रूस के प्रमुख बैंक और दूसरी सरकारी वेबसाइट्स थी. साथ ही इस आर्टी को रूसी लोगों सो कम्यूनिकेट करना था और उन्हें रूस के हमले का विरोध करने के लिए कहना था.