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फ्रॉड वाले Ads दिखाकर Meta ने कमाए लगभग 1,419 अरब, रिपोर्ट में खुलासा

क्या हो अगर आपको दिखने वाले फ्रॉड ऐड्स के पीछे किसी बड़ी कंपनी का हाथ हो. फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा का एक इंटरनल डॉक्यूमेंट लीक हुआ है. लीक डॉक्यूमेंट के मुताबिक, कंपनी की कमाई का लगभग 10 फीसदी हिस्सा ऐसे ऐड्स से आया है, जो संभवतः Scam या फ्रॉड के थे. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

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फ्रॉड वाले ऐड्स दिखाकर Meta की मोटी कमाई हो रही है.  (Photo: Unsplash)
फ्रॉड वाले ऐड्स दिखाकर Meta की मोटी कमाई हो रही है. (Photo: Unsplash)

फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा की कमाई का बड़ा हिस्सा स्कैम वाले ऐड्स से आया है. Meta ने पिछले साल के अंत में अनुमान लगाया था कि उनके कुल रेवेन्यू का 10 फीसदी हिस्सा या लगभग 16 अरब डॉलर (लगभग 1419 अरब रुपये) स्कैम्स और बैन प्रोडक्ट्स के Ads से आएगा. इसका खुलासा कंपनी के इंटरनल डॉक्यूमेंट में हुआ है. 

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनी कम से कम तीन सालों तक फर्जी ई-कॉमर्स और इन्वेस्टमेंट स्कीम, अवैध ऑनलाइन कसीनो और बैन मेडिकल प्रोडक्ट्स के Ads को पहचान या रोक नहीं पाई. ये ऐड्स फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप के अरबों यूजर्स को दिखते रहे. 

15 अरब हाई-रिस्क वाले Ads हर दिन दिखाती है कंपनी

कंपनी के इंटरनल डॉक्यूमेंट के मुताबिक, मेटा प्लेटफॉर्म्स पर हर दिन लगभग 15 अरब 'हाई रिस्क' Ads दिखाए जाते हैं. इन ऐड्स में साफ तौर पर फ्रॉड के संकेत होते हैं. मेटा इस तरह के ऐड्स से हर साल 7 अरब डॉलर कमाती है. ये ऐड्स ऐसे मार्केटर से आते हैं, जो सीधे तौर पर संदिग्ध नजर आते हैं. 

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यानी इन्हें मेटा का इंटरनल वॉर्निंग सिस्टम आसानी से फ्लैग कर सकता है. कंपनी सिर्फ ऐसे ऐड्स को तभी बैन करती है जब उसके ऑटोमेटेड सिस्टम को 95% अनुमान हो कि वो स्कैम चला रहे हैं. अगर फ्रॉड की संभावना कम होती है, तो मेटा ऐसे ऐड्स को ज्यादा चार्ज लेकर दिखाती है. यानी फ्रॉड की संभावना होने के बाद भी कंपनी ज्यादा पैसे लेकर विज्ञापन दिखाती है.

एक क्लिक, फिर और ज्यादा दिखेंगे स्कैम वाले Ads

कंपनी के डॉक्यूमेंट की मानें, तो यूजर्स जो इस तरह के ऐड्स पर क्लिक करते हैं, उन्हें और ज्यादा ऐड्स नजर आते है. ऐसे कंपनी के ऐड-पर्सनलाइज्ड सिस्टम की वजह से होता है, जो यूजर्स के पसंद से हिसाब से ऐड दिखाने की कोशिश करता है. पूर्व मेटा सेफ्टी इन्वेस्टिगेटर संदीप अब्राहम का कहना है कि अगर रेगुलेटर्स बैंकों को धोखाधड़ी से कमाई नहीं करने देते हैं, तो टेक कंपनियों को भी इसकी परमिशन नहीं होनी चाहिए.

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मेटा के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने इन आरोपों को भ्रामक बताया है. उन्होंने कहा है कि 2024 में मेटा की कुल कमाई का 10.1 फीसदी फ्रॉड से आने का आरोप 'रफ और ओवर-इनक्लूसिव' था.  कंपनी ने माना है कि ऐसे ऐड्स की संख्या कम है और ज्यादा ऐड्स वैध थे. हालांकि, उन्होंने इस तरह से ऐड्स की कोई संख्या नहीं बताई है.

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