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Flipkart की Inside Story, AI कैसे बदल रहा है लोगों के ऑनलाइन शॉपिंग का तरीका

AI हमारी रोजमर्रा की लाइफ का हिस्सा बनता जा रहा है. हमारे कई ऐसे काम हैं, जिनमें AI की एंट्री हो चुकी है और लोगों को शायद इसका अंदाजा भी नहीं है. ऐसा ही कुछ ऑनलाइन शॉपिंग के साथ हो रहा है, जहां AI ने वर्चुअल ट्राई-ऑन से लेकर डिलीवरी तक में कई ऐसे बदलाव किए हैं, जिससे पूरा एक्सपीरियंस बदल चुका है.

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AI का दखल हर सेक्टर में बढ़ता जा रहा है. चाहे बात हेल्थ केयर की हो या फिर ऑनलाइन शॉपिंग की, AI कई तरीकों से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाता जा रहा है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की ही बात करें, तो कस्टमर सपोर्ट से लेकर प्रोडक्ट रिकमेंडेशन तक में AI का इस्तेमाल हो रहा है. 

हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को AI किस तरह से प्रभावित कर रहा है, खासकर ई-कॉमर्स से सेक्टर में, इसे लेकर हमने Flipkart की सीनियर वायस प्रेसिडेंट और सेंट्रल प्लेटफॉर्म ऑर्गेनाइजेशन की हेड, संध्या कपूर से बातचीत की है. आइए जानते हैं AI किस तरह से हमारी जिंदगी का हिस्सा बन रहा है. 

रिकमेंडेशन इंजन से लेकर कंज्यूमर्स को समझने तक, बीते सालों में AI के यूज में किस तरह के बदलाव आए हैं?

फ्लिपकार्ट ने AI का इस्तेमाल सिर्फ प्रोडक्ट रिकमेंडेशन तक सीमित नहीं रखा. आज ये टेक्नोलॉजी यूजर के पसंद और बिहेवियर को भी समझने में सक्षम है. जैसे- रंग, डिजाइन और स्टाइल जैसे विजुअल साइन से भी यूजर के सर्च को समझा जा सकता है. Advance Skin Analyzer और Virtual Try-On जैसे टूल्स विशेष रूप से फैशन और ब्यूटी कैटेगरी में फैसला लेने में मदद करते हैं.

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वर्चुअल ट्राई ऑन और स्किन एनालाइजर जैसे टूल्स ने कैसे यूजर एंगेजमेंट को प्रभावित किया है?

Virtual Try-On और Advanced Skin Analyzer जैसे टूल्स ने फैशन और ब्यूटी शॉपिंग को आसान और भरोसेमंद बना दिया है. अब लोग कपड़े पहनकर देख सकते हैं, मेकअप अप्लाई करके चेक कर सकते हैं और स्किन की जरूरतों को डिजिटली समझ सकते हैं, जिससे उन्हें सही प्रोडक्ट चुनने में मदद मिलती है.

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Flipkart की बात करें, तो यहां पर Skin Analyzer इस्तेमाल करने के बाद 21% ज्यादा लोग प्रोडक्ट खरीदने लगे, जो दिखाता है कि लोग इस टेक्नोलॉजी पर भरोसा करते हैं. Virtual Try-On सिर्फ खरीदारी बढ़ाता ही नहीं, बल्कि नए यूजर्स को भी कॉन्फिडेंस देता है, जिससे ऑनलाइन शॉपिंग सभी के लिए आसान बनती है.

हाइपरलोकल इन्वेंटरी मैनेजमेंट और ऑर्डर फुलफिलमेंट में AI का क्या रोल है?

AI बेस्ड इन्वेंटरी प्लानिंग Flipkart में बहुत ही लोकल लेवल तक जाती है. यहां तक कि पिन कोड स्तर पर भी डिमांड का अनुमान लगाया जाता है. इससे ये पक्का किया जाता है कि जिन प्रोडक्ट्स की ज्यादा मांग है या जो सीजनल हैं, वो उसी इलाके के वेयरहाउस में पहले से मौजूद हों, जिससे डिलीवरी बहुत तेज हो जाती है.

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AI की मदद से रियल-टाइम में स्टॉक को इधर-उधर शिफ्ट भी किया जाता है और वेयरहाउस की व्यवस्था को उसी हिसाब से बदला जाता है. चाहे एक शहर में फेस्टिव खरीदारी बढ़े या किसी और जगह नया ट्रेंड शुरू हो, AI यह सब तुरंत समझकर सही जगह पर सही समय पर प्रोडक्ट पहुंचाने में मदद करता है.

फिलहाल AI किस तरह से ई-कॉमर्स सेक्टर में ऑनलाइन शॉपिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बना रहा है?

AI आज पूरे ई-कॉमर्स सेक्टर को स्मार्ट बनाकर पर्सनलाइज्ड, इंटेलिजेंट और इंटरएक्टिव बना रहा है. फ्लिपकार्ट ने टेक्स्ट + इमेज बेस्ड मल्टीमॉडल सर्च, AR/VR टूल्स (जैसे Flipkart Camera), और GenAI-जनरेटेड प्रोडक्ट कंटेंट को शामिल कर यूजर एक्सपीरियंस को और भी बेहतर बनाया है.

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लॉजिस्टिक्स एवं डिलीवरी के सेक्टर में AI क्या नया कर रहा है? 

भारत की जटिल और बिखरी हुई लॉजिस्टिक्स सिस्टम को सुधारने में AI काफी मदद करता है. AI की मदद से, गड़बड़ पतों को समझने में आसानी होती है (जैसे गलत फॉर्मेट वाले एड्रेस), ट्रैफिक और मौसम के हिसाब से रूट को तुरंत बदला जा सकता है और छोटे शहरों (Tier 2 और Tier 3) में भी डिलीवरी जल्दी और सही तरीके से हो पाती है.

AI असिस्टेंट से कस्टमर्स को इमोशनल और ह्यूमन टच ऐक्सपीरियंस कैसे मिलेगा?

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फ्लिपकार्ट ये मानता है कि शॉपिंग एक इमोशनल एक्सपीरियंस है. इसलिए इसके AI टूल्स यूजर के इमोशन्स को समझते हैं. डिलीवरी से जुड़ी समस्याओं को पहले से सुलझाने में और रिपीट ऑर्डर जैसे काम आसान बनाने में AI टूल्स मदद करते हैं. ये सिस्टम भारत के कल्चरल डायवर्सिटी को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं.

AI टूल्स से बिजनेस को फायदा तो होता है, लेकिन खरीदार का क्या फायदा होता है?

फ्लिपकार्ट AI को केवल बिजनेस टार्गेट्स के लिए नहीं, बल्कि यूजर्स को भरोसा और सुविधा देने के लिए इस्तेमाल करता है. Virtual Try-On, Influencer Looks, Skin Diagnostics जैसे टूल्स यूजर्स का कॉन्फिडेंस बढ़ाते हैं. AI सिस्टम को bias-free और एथिकल गवर्नेंस के तहत तैयार किया जाता है.

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AI ये भी बताता है कि किस इलाके में किस चीज की मांग ज्यादा है, जिससे स्टॉक की प्लानिंग पहले से हो जाती है और प्रोडक्ट खत्म होने की दिक्कत नहीं आती. फ्लिपकार्ट ने अपने वेयरहाउस में रोबोट, ऑटोमैटिक सिस्टम और स्मार्ट सॉर्टिंग मशीनें लगाई हैं, जिससे तेजी से काम होता है और इंसानी गलती कम होती है.

एक रियल-टाइम AI सिस्टम हर स्टेप पर निगरानी रखता है, दिक्कत आने पर तुरंत रूट बदलता है और जरूरत पड़ने पर सिस्टम को खुद ही स्केल कर देता है. कुल मिलाकर, Flipkart एक ऐसा लॉजिस्टिक्स सिस्टम बना रहा है जो तेज, स्मार्ट और पूरी तरह भारत के लिए फिट है.

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AI टूल्स शहरों में तो यूज होते हैं, लेकिन गांव में लोग क्या इन्हें इस्तेमाल करते हैं?

Flipkart भारत की डायवर्सिटी को समझते हुए ये पक्का करता है कि उसकी नई टेक्नोलॉजी सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित ना रहें.
Virtual Try-On, Skin Analyzer और इमर्सिव सर्च जैसे फीचर्स इस तरह बनाए गए हैं कि वो स्लो इंटरनेट स्पीड और सस्ते फोन पर भी आसानी से चल सकते हैं. ये टूल खास तौर पर छोटे शहरों और गांवों के लोगों के लिए मददगार हैं, जो ऑनलाइन शॉपिंग में नए हैं.

Flipkart लोकल फैशन, आसान डिजाइन और भाषा को ध्यान में रखकर ऐसे फीचर्स बना रहा है जिससे हर कोई अपने तरीके से आराम से शॉपिंग कर सके. मजबूत डिलीवरी नेटवर्क और लोकल डिमांड को समझने वाली AI टेक्नोलॉजी की मदद से Flipkart हर कोने तक भरोसे और सुविधा के साथ पहुंच रहा है.

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