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रूट ने हार के बाद कहा- ICC तय करेगी कि पिच खेल के लिए सही थी या नहीं

रूट ने कहा कि मोटेरा की पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त थी या नहीं यह फैसला करना खिलाड़ियों का नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) का काम है.

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Joe Root (Getty)
Joe Root (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंग्लिश कप्तान ने कहा कि बल्लेबाजी के लिए यह मुश्किल पिच थी
  • रूट बोले- हम पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने का मौका गंवा बैठे
  • कप्तान कोहली ने कहा- दोनों टीमों की बल्लेबाजी खराब थी

अहमदाबाद टेस्ट 10 विकेट से गंवाने के बाद इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने कहा कि मोटेरा की पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त थी या नहीं यह फैसला करना खिलाड़ियों का नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) का काम है. इंग्लैंड की टीम दोनों पारियों में सस्ते में निपट गई. मेहमान टीम 112 और 81 रनों पर सिमटी.

भारत ने 10 विकेट से मैच जीता, लेकिन रूट ने पिच को इसके लिए दोष देना उचित नहीं समझा. उन्होंने हालांकि कहा कि आईसीसी को टेस्ट क्रिकेट के लिए अनुकूल पिच को लेकर विचार करना चाहिए. रूट ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह पिच काफी चुनौतीपूर्ण थी. यह बल्लेबाजी के लिए बेहद मुश्किल थी. इसका फैसला खिलाड़ी नहीं करेंगे कि यह खेल के लिए उपयुक्त थी या नहीं. यह आईसीसी का काम है.’

उन्होंने कहा, ‘एक खिलाड़ी के रूप में हमें जैसी भी परिस्थितियां हों उनमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता है.’ रूट ने कहा कि उनकी टीम पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने का मौका गंवा बैठी जो कि संभव लग रहा था.

उन्होंने कहा, ‘हम निराश हैं. मुझे लगता है कि हमने मौके गंवाए विशेषकर पहली पारी में. हमारा स्कोर एक समय दो विकेट पर 74 रन था और हमारे पास बड़ा स्कोर करने का वास्तव में अच्छा मौका था.’

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कोहली ने खराब बल्लेबाजी को लेकर चिंता जाहिर की

उधर, कप्तान विराट कोहली ने तीसरे टेस्ट में भारत और इंग्लैंड की खराब बल्लेबाजी को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. कोहली ने मैच के बाद कहा, 'ईमानदारी से कहूं, तो मुझे नहीं लगता कि दानों टीमों की बल्लेबाजी की गुणवत्ता अच्छी थी. उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया. टीमों के बल्लेबाजों के पास स्किल्स का अभाव था. गेंद कल (गुरुवार को) अच्छी तरह से आ रही थी और गेंद मुड़ रही थी और पहली पारी में बल्लेबाजी के लिए यह एक अच्छी विकेट थी. दोनों टीमों की बल्लेबाजी खराब थी.'

उन्होंने कहा, 'यह विचित्र था कि 30 विकेटों में से 21 विकेट सीधी गेंदों पर मिली. एकाग्रता में चूक हुई. यही टेस्ट क्रिकेट है. यह बल्लेबाजों का खुद को पर्याप्त रूप से लागू नहीं करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.'

पहली तीन पारियों में दोनों टीम कम स्कोर पर आउट हो गई और मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया डे-नाइट टेस्ट मैच दो दिन में ही खत्म हो गया.

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