भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की योजना 2021-22 घरेलू सत्र की शुरुआत इस साल सितंबर से सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट से करने की है. उसने रणजी ट्रॉफी के लिए दिसंबर से तीन महीने की विंडो भी तय कर दी है, जिसे पिछले सत्र में कोविड-19 महामारी के चलते रद्द करना पड़ा था.
क्रिकेट परिचालन टीम द्वारा तैयार किए गए अस्थायी कैलेंडर में हालांकि दिलीप ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी और ईरानी कप को हिस्सा नहीं बनाया गया है. इसके अलावा कैलेंडर से महिलाओं की पांच प्रतियोगिताएं भी हटा दी गई हैं.
पीटीआई के पास यह तैयार किया गया अस्थायी घरेलू कैलेंडर है, जिस पर शुक्रवार को हुई शीर्ष परिषद की बैठक में चर्चा हुई थी. महामारी के चलते 2020-21 सत्र काफी छोटा हो गया था, जिसमें केवल राष्ट्रीय टी20 (मुश्ताक अली) और वनडे (विजय हजारे ट्रॉफी) चैम्पियनशिप ही आयोजित की गई थी. महिलाओं के लिए केवल राष्ट्रीय वनडे प्रतियोगिता ही कराई गई थी.
भारत में कोविड-19 मामलों की दूसरी लहर के बीच बीसीसीआई को अब भी पुरुष और महिला वर्गों के उम्र संबंधित ग्रुप में घरेलू सत्र आयोजित करने की उम्मीद है.
भारत को अक्टूबर में टी20 विश्व कप में खेलना है और अगले साल आईपीएल की बड़ी नीलामी होगी, तो सभी शेयरधारक सत्र की शुरुआत दो सफेद गेंद के टूर्नामेंट - मुश्ताक अली टी20 (सितंबर के मध्य से अक्टूबर तक) के बाद नवंबर में विजय हजारे ट्रॉफी से कराना चाहते हैं.
भारत की मुख्य घरेलू प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी 87 वर्षों में पहली बार 2020 में रद्द की गई थी, लेकिन आगामी सत्र के दिसंबर से मार्च के बीच आयोजित करने की योजना है.
बीसीसीआई ने पुरुष और महिलाओं के लिए अंडर-23 टूर्नामेंट के साथ अंडर-19 टूर्नामेंट को भी जगह दी है, जो पिछले सत्र में नहीं कराए गए थे.
अंडर-19 वनडे चैलेंजर टूर्नामेंट के साथ कूच बेहार ट्रॉफी (दिन का प्रारूप) और वीनू मांकड ट्रॉफी (वनडे) से चयनकर्ताओं को अगले साल आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम चुनने में मदद मिलेगी.
महिलाओं की टी20 और वनडे चैलेंजर ट्रॉफी के साथ अंडर-23 प्रतियोगिताएं भी नहीं खेली जाएंगी. इनके अलावा अंडर-19 महिला टी20 चैलेंजर ट्रॉफी भी नहीं होगी.