वर्ल्ड चैम्पियन मुक्केबाज निकहत जरीन ने कहा कि अपने करियर में मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने से ही वह मानसिक रूप से मजबूत बनी, क्योंकि तब उन्होंने स्वयं से कहा कि ‘जो कुछ भी हो मुझे लड़ना है और अपना सर्वश्रेष्ठ देना है.’ जरीन ने गोल्ड जीतने के बाद कहा है कि उनके दो सपनों में से एक पूरा हो गया है. अब एक ख्वाहिश है कि सलमान खान से मुलाकात हो जाए.
निकहत जरीन ने गुरुवार को इस्तांबुल में इतिहास रच दिया. उन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप (World Boxing Championship) में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. निकहत ने 52 किग्रा. कैटेगरी में थाईलैंड की जिटपॉन्ग जुटामस (Jitpong Jutamas) को 5-0 से करारी शिकस्त दी.
'ओलंपिक में गोल्ड जीतना मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य'
जरीन ने इंडिया टुडे से कहा, 'मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड हासिल करना है. इसके लिए मैं कड़ी मेहनत करती रहूंगी. मेरा सपना थ कि मैं ट्विटर पर ट्रेंड करूं, यह पूरा हो गया है. मेरा एक और सपना है कि सलमान खान से मुलाकात हो. उम्मीद है एक दिन यह भी पूरा होगा.' जरीन ने कहा, 'कई बार रिश्तेदार कहते थे कि तुम इतने छोटे कपड़े क्यों पहनती हो, तुम यह बॉक्सिंग क्यों करती हो, लेकिन अब मुझे अपने देश के लिए मेडल जीतने पर गर्व हो रहा है.'
जरीन ने कहा, ‘इन दो वर्षों में मैंने केवल अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किया और मेरे खेल में जो भी कमियां थीं उनमें सुधार करने की कोशिश की. मैंने अपने मजबूत पक्षों पर काम किया. मैंने अपने कमजोर पक्षों पर काम किया. मैंने उन सभी पक्षों पर काम किया जिन पर मुझे काम करने की जरूरत थी और खुद को मजबूत बनाया. मैंने अपने करियर में जिन बाधाओं का सामना किया है, उन्होंने मुझे मजबूत बनाया. मैं इन सबके बाद मानसिक रूप से मजबूत बनी हूं. मेरा मानना है कि चाहे कुछ भी हो जाए, मुझे लड़ना है और अपना सर्वश्रेष्ठ देना है.’
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— Boxing Federation (@BFI_official) May 19, 2022
⚔️@nikhat_zareen continues her golden streak (from Nationals 2021) & becomes the only 5️⃣th 🇮🇳woman boxer to win🥇medal at World Championships🔥
Well done, world champion!🙇🏿♂️🥳@AjaySingh_SG#ibawwchs2022#IstanbulBoxing#PunchMeinHaiDum#Boxing pic.twitter.com/wjs1mSKGVX
मैरीकॉम ने पूछा था- कौन है निकहत जरीन?
जरीन ने इस स्वर्णिम उपलब्धि से दो साल पहले तत्कालीन खेल मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिखकर ओलंपिक क्वालिफायर के लिए ‘निष्पक्ष ट्रायल’ करवाने का आग्रह किया था. इस कारण जरीन को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किया गया था, जबकि एमसी मैरीकॉम ने कड़े शब्दों में पूछा था ‘कौन निकहत जरीन?’ जरीन इसके बाद ट्रायल में मैरीकॉम से हार गईं, जिससे वह टोक्यो खेलों में जगह नहीं बना पाईं.
इससे पहले 2011 की जूनियर विश्व चैम्पियन जरीन को कंधे की चोट से भी जूझना पड़ा, जिससे वह एक साल तक खेल से बाहर रही और 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप में भाग नहीं ले पाईं.
'चोट और खराब फॉर्म से परेशान रही, पर हार नहीं मानी'
जरीन ने कहा, ‘मैं 2017 में कंधे की चोट से परेशान रही, जिसके लिए मुझे ऑपरेशन करवाना पड़ा और मैं एक साल तक प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाई थी. मैंने 2018 में वापसी की, लेकिन अपने चरम पर नहीं थी, इसलिए बड़ी प्रतियोगिताओं जैसे राष्ट्रमंडल खेल, एशियाड और विश्व चैम्पियनशिप में खेलने से चूक गई. लेकिन मैंने हार नहीं मानी और 2019 में वापसी के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. मैंने सभी प्रतियोगिताओं को एक अवसर के रूप में लिया है और मुझे खुद पर विश्वास था. उसी की वजह से मैं आज यहां हूं.’
जरीन अब राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल की तैयारी करेंगी, जिसके लिए उन्हें अपना वजन घटाकर 50 किग्रा करना होगा. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेलों में 50 किग्रा वर्ग होता है, मैं अब इसके लिए तैयारी करूंगी.’
तेलंगाना की रहने वाली 25 वर्षीय मुक्केबाज ने पेरिस ओलंपिक के लिए तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन यह तय नहीं है कि वह किस भार वर्ग में खेलेंगी. उन्हें या तो 54 किग्रा या फिर 50 किग्रा में भाग लेना होगा.

'वेट कैटेगरी बदलना बेहद मुश्किल होता है'
जरीन ने इस बारे में कहा, ‘वेट कैटेगरी बदलना मुश्किल होता है फिर चाहे आपको कम वजन वर्ग में भाग लेना हो या अधिक वजन वर्ग में. कम भार वर्ग से अधिक भार वर्ग में हिस्सा लेना अधिक मुश्किल होता है. मुझे लगता है कि अगर मैं 50 किग्रा वर्ग में खेलती हूं तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. आम तौर पर मेरा वजन 51 किग्रा या 51.5 किग्रा रहता है. ऐसे में मेरा शरीर 50 किग्रा में अच्छा काम करेगा. इसलिए मैं अभी 50 किग्रा भार वर्ग में खेलना जारी रखूंगी.’