Indian Boxer Nikhat Zareen: भारतीय स्टार महिला बॉक्सर निकहत जरीन ने गुरुवार को इतिहास रच दिया. उन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप (World Boxing Championship) में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. निकहत ने 52 किग्रा. कैटेगरी में थाईलैंड की जिटपॉन्ग जुटामस (Jitpong Jutamas) को 5-0 से करारी शिकस्त दी.
मैरीकॉम के स्टारडम के तहत दबकर निखरने वाली निकहत ने यहां तक का सफर बड़ी कठिनाइयों के साथ तय किया है. पहले उन्हें अपने समाज से लड़ना पड़ा, फिर उन्हें अपने ही खेल में अपने ही देश की मैरीकॉम जैसी प्रतिभागियों से चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इसमें एक बात जरीन के लिए अच्छी थी कि उनके पिता मोहम्मद जमील का उन्हें पूरा सपोर्ट मिला है.
निकहत की कामयाबी मुस्लिम लड़कियों के लिए प्रेरणा
पिता का सपोर्ट मिलना स्वाभाविक भी था क्योंकि जमील खुद पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर रह चुके हैं. पिता जमील ने भी बेटी की इस जीत को बेहद खास बताया है. उन्होंने कहा कि निकहत की यह कामयाबी मुस्लिम लड़कियों के लिए प्रेरणा है. जरीन की तीन और बहनें भी हैं. दो बड़ी और एक छोटी है. जमील ने बताया कि शुरुआती दिनों में समाज के ही लोग बेटियों के स्पोर्ट्स में भेजने से रोकते थे. कहते थे कि स्पोर्ट्स में लड़कियों को छोटे कपड़े पहनने पड़ते हैं. यह ठीक नहीं है.
'सभी को अपना रास्ता खुद ही बनाना पड़ता है'
जमील ने कहा, 'वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतना एक ऐसी कामयाबी है, जो मुस्लिम के साथ देश की हर एक लड़की के लिए कामयाबी हासिल करने के लिए प्रेरणा का काम करेगी. चाहे लड़का हो या लड़की, सभी को अपना रास्ता खुद ही बनाना पड़ता है. निकहत ने भी ऐसा ही किया है.'
ONE FOR THE HISTORY BOOKS ✍️ 🤩
— Boxing Federation (@BFI_official) May 19, 2022
⚔️@nikhat_zareen continues her golden streak (from Nationals 2021) & becomes the only 5️⃣th 🇮🇳woman boxer to win🥇medal at World Championships🔥
Well done, world champion!🙇🏿♂️🥳@AjaySingh_SG#ibawwchs2022#IstanbulBoxing#PunchMeinHaiDum#Boxing pic.twitter.com/wjs1mSKGVX
'ऐसा खेल मत खिलाओ, जिसमें छोटे कपड़े पहनना पड़े'
उन्होंने कहा, 'मैंने 15 साल तक सऊदी अरब में सेल्स असिस्टेंट का काम किया है. इसके बाद मैंने निजामाबाद में आकर बेटियों को उनकी पढ़ाई और खेल में सपोर्ट करने का फैसला किया. निकहत की दो बड़ी बहनें डॉक्टर हैं. मैंने अपना ज्यादातर समय निकहत और उसकी छोटी बहन के साथ उनकी ट्रेनिंग के लिए बिताया है. छोटी बहन बैडमिंटन प्लेयर है.'
जमील ने कहा, 'जब निकहत ने बॉक्सर बनने की इच्छा जताई, तो हमारे मन में कोई झिझक नहीं थी. मगर हमारे रिश्तेदार और दोस्त हमें कभी-कभी यह कहा करते थे कि बेटियों को वह खेल नहीं खेलना चाहिए, जिसमें उन्हें छोटे कपड़े पहनने पड़ते हों. हालांकि हमने ध्यान नहीं दिया और बेटियों को पूरा सपोर्ट किया.'

निकहत ने 13 साल की उम्र में थाम लिए थे बाक्सिंग ग्लव्स
25 साल की निकहत जरीन 5वीं भारतीय महिला बॉक्सर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. बॉक्सिंग लीजेंड मैरीकॉम ने इस चैम्पियनशिप में 6 बार गोल्ड जीतकर रिकॉर्ड बनाया है. इस चैम्पियनशिप में मैरीकॉम, निखत के अलावा सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी. भी गोल्ड जीत चुकी हैं.
निकहत का जन्म 14 जून 1996 को तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ था. उनके पिता मुहम्मद जमील अहमद और माता परवीन सुल्ताना हैं. निकहत ने 13 साल की उम्र में ही बाक्सिंग ग्लव्स थाम लिए थे. निकहत की लीजेंड एमसी मैरीकाम से कई बार भिड़ंत भी हुई है.