
भारतीय क्रिकेट टीम जब टी-20 वर्ल्डकप में जाने को तैयार है, उससे ठीक पहले एक बड़ा शॉकिंग फैसला देश के सामने आया है. विराट कोहली (Virat Kohli) ने गुरुवार को ऐलान किया कि टी-20 वर्ल्डकप के बाद वो टी-20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ देंगे. हालांकि, विराट वनडे क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट में टीम की कप्तानी करते रहेंगे. इस फैसले के संकेत पिछले कुछ वक्त से दिखाई देने लगे थे लेकिन किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि वर्ल्ड कप से ऐन पहले ये ऐलान आ जाएगा.
अभी भी विराट कोहली के इस फैसले पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, लेकिन अगर हर नज़रिए से इस फैसले को परखें तो ये कितना सही और कितना गलत नज़र आता है, ये गौर करने वाली बात होगी...
कितना सही है विराट कोहली का फैसला?
साल 2016 का टी-20 वर्ल्डकप भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में खेला था, जिसे वह जीतने से चूक गई थी. उसके कुछ वक्त बाद एमएस धोनी ने कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया था और विराट कोहली पूर्णकालिक कप्तान बन चुके थे. वनडे और टी-20 फॉर्मेट में अगर आंकड़ों को देखें तो 2017 से 2021 के बीच में विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने कई इतिहास रचे हैं.
लेकिन विराट कोहली कोई बड़ा टूर्नामेंट, आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाए हैं. जो एक सबसे बड़ा मलाल रहा है. गौर करने वाली बात ये भी है कि भारत ने आखिरी बार कोई आईसीसी ट्रॉफी 2013 में जीती थी, यानी उस बात को भी एक दशक होने को है. ऐसे में विराट कोहली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे, खासकर लिमिटेड ओवर्स में उनकी कप्तानी को लेकर.
क्लिक करें: कोहली के कप्तानी छोड़ने के फैसले पर बोले गांगुली- भविष्य को देखते हुए लिया फैसला
दूसरा पहलू ये भी है कि पिछले करीब 3 साल से विराट कोहली का बल्ला शांत है, उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया है कि वर्कलोड, कप्तानी का प्रेशर पिछले कुछ वक्त से उनपर बरकरार है. ऐसे मं अगर विराट कोहली एक फॉर्मेट की कप्तानी छोड़कर अपनी बल्लेबाजी पर फोकस कर पाते हैं, तो भारतीय टीम के लिए ये बेहतर हो सकता है.
विराट ने सिर्फ टी-20 की कप्तानी छोड़ी है, ऐसे में सवाल ये उठ रहा था कि उन्हें वनडे की भी कप्तानी छोड़नी चाहिए थी ताकि व्हाइट बॉल और रेड बॉल के कप्तान अलग हो सकते थे. लेकिन विराट का ये फैसला यहां पर भी सही साबित होता है क्योंकि 2023 में 50 ओवर क्रिकेट का वर्ल्डकप है, ऐसे में अगर विराट कोहली उस फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ते हैं तो नए कप्तान को अपनी टीम बनाने में वक्त लग सकता है.
ऐसे में लंबे वक्त तक जो कप्तान टीम बना रहा है, उसके साथ ही वर्ल्डकप में जाना जरूरी बात है. लेकिन दूसरा पहलू ये भी है कि अगर इस टी-20 वर्ल्डकप में विराट कोहली की कप्तानी कोई कमाल नहीं करती है, तो आगे मामला फंस भी सकता है.
| कप्तान | विराट कोहली | रोहित शर्मा |
| मैच | 45 | 19 |
| जीत | 27 | 15 |
| हार | 14 | 4 |
कितना गलत है विराट कोहली का फैसला?
महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट छोड़ने के बाद जब विराट कोहली पर कप्तानी का बोझ आया, तब से ही उनकी कप्तानी की शैली पर बहुत से सवाल खड़े होने लगे थे. टेस्ट क्रिकेट में अग्रेशन से अलग कोई बड़ा मुद्दा विराट कोहली के पक्ष में नहीं जाता था, फिर भी उन्होंने हर फॉर्मेट में नतीजे दिए हैं. अगर विराट कोहली के इस फैसले पर कोई सबसे बड़ा सवाल उठता है तो वो टाइमिंग का ही है.
क्योंकि जब भारतीय टीम (Indian Team) टी-20 वर्ल्डकप में जाने के लिए पूरी तरह तैयार है, अगले कुछ दिनों में वर्ल्डकप है और इस तरह का ऐलान कर देना टीम के लिए बैकफायर भी कर सकता है. क्योंकि हर प्लेयर के दिमाग में ये चीज़ हमेशा बनी रहेगी. इसका दूसरा पहलू ये भी है कि टीम विराट कोहली को बतौर कप्तान विदाई देने के लिए जान भी लगा सकती है.

अगर ये फैसला लेना ही था तो इसका ऐलान बाद में भी किया जा सकता था, भले ही टीम लेवल पर ये चीजें बता दी जाती. फैसले पर दूसरा जो अहम सवाल खड़ा होता है वो ये कि विराट कोहली ने व्हाइट बॉल क्रिकेट में सिर्फ एक फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ी है. यानी वनडे और टी-20 का अलग कप्तान होगा, जो ड्रेसिंग रूम में एक बड़ी कन्फ्यूजन पैदा कर सकता है.
अलग-अलग कप्तान का फॉर्मेट जहां भी आया है, वो रेड बॉल और व्हाइट बॉल को देखते हुए आया है. लेकिन अभी के माहौल में विराट कोहली टेस्ट और वनडे के कप्तान रह जाएंगे और कोई तीसरा कप्तान टी-20 की कमान संभाल रहा होगा. ऐसे में टीम मैनेजमेंट के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यही रहेगी कि वो माहौल को संभाल सकें.
क्लिक करें: विराट कोहली से अलग क्यों रोहित शर्मा, जानें- क्या है स्टार बल्लेबाज की खासियतें
किसी भी बड़े कप्तान की निशानी यही है कि वो अपनी विरासत में क्या छोड़ रहा है और किसे सौंप रहा है. विराट कोहली करीब 5 साल से अधिक तक कप्तान रहे हैं, लेकिन भविष्य का लीडर तैयार नहीं कर पाए हैं. अभी रोहित शर्मा को कप्तानी देने की बात हो रही है, लेकिन उनमें भविष्य नहीं दिखता है.
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की आईपीएल में सफलता के दम पर उन्हें टी-20 का कप्तान बनाया जा सकता है, लेकिन उनकी उम्र ज्यादा है और ऐसे में आपको अगले 2-3 या 4-5 साल में फिर एक लीडर की तलाश होगी. विराट कोहली अभी 32 साल के हैं, जबकि रोहित शर्मा की उम्र 34 साल है. ऐस में सबसे छोटे फॉर्मेट के लिए उम्र दराज कप्तान को लंबे वक्त तक चलाना कबतक सही रहेगा, ये अपने आप में एक प्रश्न है. ऐसे में बीसीसीआई आगे क्या फैसला लेती है इसपर हर किसी की निगाहे हैं.
विराट कोहली के आगे अभी लंबा करियर है, ऐसे में ऐसे माहौल में कप्तानी छोड़ना एक बड़ा और मुश्किल फैसला है. लेकिन भारतीय टीम के लिए अभी आगे की राह बहुत ही कठिन है.