दिग्गज सुनील गावस्कर ने कोलकाता में दो मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट में भारत को दक्षिण अफ्रीका से 30 रनों की शर्मनाक हार झेलने के बाद गौतम गंभीर के ईडन गार्डन्स की पिच के बचाव का पूरी तरह समर्थन किया है. गावस्कर का कहना है कि जिस पिच की कड़ी आलोचना हो रही है, वह खतरनाक नहीं थी; बल्कि भारतीय बल्लेबाज़ों के स्वभाव (टेम्परामेंट) और तकनीक की कमी के कारण रविवार, 16 नवंबर को यह चौंकाने वाली हार हुई.
कोलकाता टेस्ट ढाई दिन में खत्म हो गया, जहां विश्व टेस्ट चैंपियन दक्षिण अफ्रीका ने भारत को उसी के घरेलू मैदान पर मात दे दी. भारत 124 के लक्ष्य का पीछा करने में नाकाम रहा और केवल 93 रन पर ढह गया.
हालांकि ईडन गार्डन्स की पिच पहले ओवर से ही अनियमित उछाल और टर्न दे रही थी, लेकिन मुख्य कोच गौतम गंभीर ने जोर देकर कहा कि पिच पर कोई “डेमन” नहीं थे. उन्होंने सीधा दोष बल्लेबाज़ों पर रखा और कहा कि उनसे इससे कहीं बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी.
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सुनील गावस्कर ने क्या कहा
सुनील गावस्कर ने सोमवार को आजतक से कहा, 'मैं गौतम गंभीर से पूरी तरह सहमत हूं. 124 रन इस पिच पर चेज़ किए जा सकते थे. इसमें कोई सवाल ही नहीं है. बहुत लोग कह रहे हैं कि पिच क्या कर रही थी, लेकिन अगर आपने देखा हो कि साइमन हार्मर एक ओवर में कितनी गेंदें टर्न करा रहे थे? वह गेंदों में बहुत बदलाव कर रहे थे. वह सीधी गेंद फेंक रहे थे और कभी-कभी एक गेंद को टर्न करा देते थे.'
*यह T20 नहीं था: गावस्कर*
गावस्कर ने भारतीय बल्लेबाज़ों के स्वभाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे बहुत जल्दी बड़े शॉट खेलने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'यह कोई खतरनाक टर्निंग पिच नहीं थी. यह ऐसी पिच थी जिस पर आपको पांच दिन का टेस्ट खेल रहे हों, ऐसा बल्लेबाज़ी करनी थी, न कि 50 ओवर या टी20 की तरह कि तीन डॉट बॉल आने के बाद आप बड़ा शॉट खेलने लग जाएं. यही समस्या है. 124 रन भारत की इस बल्लेबाज़ी लाइन-अप के साथ कम से कम पांच विकेट रहते चेज़ हो जाने चाहिए थे.'
गावस्कर ने कहा, 'मैं गौतम गंभीर से पूरी तरह सहमत हूं कि पिच में कुछ भी गलत नहीं था. तीसरे दिन एक-दो गेंद का टर्न होना सामान्य है. महाराज की कितनी गेंदें टर्न हुईं? जडेजा या अक्षर की कितनी गेंदें टर्न हुईं? लोग इसे स्पिनिंग पिच कह रहे हैं, जबकि इसमें कुछ भी खतरनाक नहीं था. खराब तकनीक और खराब टेम्परामेंट हमें इस स्थिति में लेकर आए हैं.'
गावस्कर का यह बचाव उस समय आया जब कई पूर्व क्रिकेटरों चेतेश्वर पुजारा, हरभजन सिंह ने पिच को 'अनप्लेयेबल' बताया था. भारत 22 नवंबर से गुवाहाटी में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में श्रृंखला बराबर करने की कोशिश करेगा.