scorecardresearch
 

Rohit Sharma on Ashwin Retirement: अश्विन की जगह नहीं बची भारतीय टीम में... संन्यास के लिए यही बेहतर समय था

भारत ने पर्थ में अश्विन पर वॉशिंगटन सुंदर को तरजीह दी जिसके बाद इस अनुभवी ऑफ स्पिनर ने रोहित के आग्रह पर गुलाबी गेंद के टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में वापसी की. रवींद्र जडेजा ब्रिस्बेन टेस्ट में खेले और जैसा कि रोहित ने गाबा में ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट के बाद कहा कि कोई नहीं जानता कि मेलबर्न और सिडनी में होने वाले बाकी दो मैचों के लिए टीम कैसी होगी.

Advertisement
X
भारतीय टीम के स्टार स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन.
भारतीय टीम के स्टार स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन.

Rohit Sharma on Ashwin Retirement: भारतीय टीम के स्टार स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने फैन्स को बड़ा झटका दिया है. अश्विन ने बुधवार (18 दिसंबर) को भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा टेस्ट खत्म होने के तुरंत बाद अपने संन्यास का ऐलान किया. हालांकि उन्हें गाबा टेस्ट की प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली थी.

अश्विन को समझ आ गया था कि अब भारतीय टीम में उनकी जगह नहीं बची है. यही सवाल उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा से भी पूछा था. उन्होंने कहा था कि अगर टीम में मेरी जरूरत नहीं है, तो संन्यास ले लेता हूं. आखिर उनके फैसले ने यह साबित कर दिया कि 38 साल के अश्विन की जगह टीम में नहीं थी.

न्यूजीलैंड सीरीज में संन्यास का मन बना लिया था

अश्विन ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से कहा कि अगर इस समय सीरीज में मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे लिए खेल को अलविदा कहना ही बेहतर होगा. उन्होंने 14 साल इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के बाद संन्यास का फैसला भी अपने समय पर लिया.

ऐसा माना जा रहा है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के बाद से ही उनके दिमाग में संन्यास का विचार था. इस सीरीज में भारत को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने टीम प्रबंधन को यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिलती है तो वह ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएंगे.

Advertisement

अश्विन की जगह सुंदर को मिल रही तरजीह

भारत ने पर्थ में अश्विन पर वॉशिंगटन सुंदर को तरजीह दी जिसके बाद इस अनुभवी ऑफ स्पिनर ने रोहित के आग्रह पर गुलाबी गेंद के टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में वापसी की. रवींद्र जडेजा ब्रिस्बेन टेस्ट में खेले और जैसा कि रोहित ने गाबा में ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट के बाद कहा किकोई नहीं जानता कि मेलबर्न और सिडनी में होने वाले बाकी दो मैचों के लिए टीम कैसी होगी.

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के एक वरिष्ठ सूत्र ने पीटीआई को बताया, 'चयन समिति की ओर से कोई संकेत नहीं मिला. अश्विन भारतीय क्रिकेट में एक दिग्गज हैं और उन्हें अपना फैसला खुद लेने का अधिकार है.' अगली टेस्ट सीरीज इंग्लैंड में (जून से अगस्त) है, जहां शायद भारत दो से अधिक विशेषज्ञ स्पिनरों को साथ नहीं ले जाए जो बल्लेबाज भी हों. भारत की अगली घरेलू टेस्ट सीरीज अक्टूबर-नवंबर में है.

अगला मौका मिलने में 10 महीने का समय था

10 महीने लंबा समय है और एक बार जब यह विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप सीजन समाप्त हो जाएगा तो नजरें 2027 पर होंगी. अश्विन तब तक 40 वर्ष के हो चुके होंगे और उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव का दौर पूरा हो चुका होगा.

Advertisement

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज समाप्त होने तक इंतजार नहीं करने के अश्विन के फैसले से यह भी संकेत मिला कि पर्थ में शुरुआती मैच उन पर सुंदर को तरजीह दिए जाने की उनके फैसले में अहम भूमिका रही.

मैदान पर और मैदान के बाहर खेल को पढ़ने में सक्षम अश्विन ने शायद यह अनुमान लगा लिया होगा कि आगे क्या होने वाला है और शायद इससे उनके लिए फैसला लेना आसान हो गया. अश्विन ने भारतीय टीम की जर्सी को बहुत गर्व के साथ पहना. उन्होंने 537 टेस्ट विकेट लिए और 38 साल की उम्र में अश्विन रिजर्व खिलाड़ी की तरह सिर्फ ड्रेसिंग रूम में नहीं बैठना चाहते.

न्यूजीलैंड सीरीज में भी सुंदर का प्रदर्शन ठीक था

न्यूजीलैंड सीरीज में स्पष्ट रूप से इसके संकेत मिले थे, जब उन्होंने 3 टेस्ट मैच में 9 विकेट लिए जिसमें से दो मुकाबले पुणे और मुंबई में स्पिन की अनुकूल पिच पर खेले गए. इसकी तुलना में सुंदर ने पुणे में 12 विकेट लिए, जबकि अश्विन को पांच विकेट मिले.

पर्थ में जब अंतिम एकादश को अंतिम रूप दिया गया था तब रोहित मौजूद नहीं थे और यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यह कोच गौतम गंभीर थे जिन्होंने यह तय किया था कि आगे चलकर भारत का नंबर एक ऑफ स्पिनर कौन होगा और वह अश्विन नहीं थे. टीम से जुड़ने के बाद रोहित को अश्विन को एडिलेड में खेलने के लिए मनाना पड़ा.

Advertisement

एडिलेड टेस्ट के लिए रोहित ने अश्विन को मनाया

भारतीय कप्तान ने खुलासा किया, 'जब मैं पर्थ पहुंचा तो हमने इस बारे में बात की और मैंने किसी तरह उसे गुलाबी गेंद के टेस्ट मैच के लिए रुकने के लिए मना लिया और उसके बाद, यह बस हो गया...उसे लगा कि अगर अभी सीरीज में मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे लिए खेल को अलविदा कह देना ही बेहतर होगा.'

रोहित ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण है कि जब उसके जैसा खिलाड़ी, जिसने भारतीय टीम के साथ इतने सारे पल देखे हों और वह हमारे लिए एक बड़ा मैच विजेता रहा हो, तो उसे अपने दम पर ये फैसले लेने की अनुमति दी जाए और अगर यह अभी है, तो ऐसा ही हो.'

सीरीज खत्म होने का इंतजार करना था: भज्जी

पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि चेन्नई के इस खिलाड़ी को सीरीज के बाद तक इस घोषणा को टालना चाहिए था. उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘आंकड़े झूठ नहीं बोलते और उनका रिकॉर्ड बहुत शानदार है. मैं चाहता था कि वह अंतिम दो टेस्ट के लिए रुक जाएं क्योंकि वह सिडनी में भूमिका निभा सकते थे. लेकिन यह एक व्यक्तिगत निर्णय है.’

हरभजन ने कहा, 'जब नाम अश्विन जितना बड़ा हो तो फैसला खिलाड़ी का होता है.' एक विचारधारा यह भी है कि यदि परिस्थितियां अनुमति देती और भारत सिडनी में दो स्पिनरों के साथ उतरता तो जडेजा को वॉशिंगटन के साथ मौका मिलता क्योंकि ये दोनों एसईएनए (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) देशों में अधिक सक्षम बल्लेबाज माने जाते हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement