पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला रावलपिंडी में खेला गया. इस मुकाबले में बांग्लादेश ने मेजबान टीम को 10 विकेट से करारी शिकस्त दी. मुकाबले के पांचवें दिन (25 अगस्त) पाकिस्तान ने बांग्लादेश के सामने 30 रनों का टारगेट सेट किया था, जिसे मेहमान टीम ने आसानी से हासिल कर लिया. दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा एवं आखिरी मुकाबला 30 अगस्त से रावलपिंडी में ही खेला जाएगा.
...पहली बार पाकिस्तान को मिली ऐसी हार
बांग्लादेश के लिए ये जीत काफी मायने रखता है. टेस्ट इतिहास में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश की यह पहली जीत रही. बांग्लादेश ने इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ 13 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें उसे 12 में हार मिली थी. जबकि एक मैच ड्रॉ रहा था. देखा जाए तो टेस्ट क्रिकेट के सालों पुराने इतिहास में पहली बार ऐसा देखने को मिला, जब पाकिस्तान को अपने घर में किसी टीम ने 10 विकेट से हराया.
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यानी बांग्लादेश ने वो कर दिखाया जो किसी ने सोचा तक नहीं था. पाकिस्तान टीम को ये हार बहुत दिनों तक चुभेगी. इस हार के बाद अब दूसरे टेस्ट के लिए भी उसका मनोबल काफी गिर चुका है. अब देखना होगा कि पाकिस्तानी खिलाड़ी इस सेटबैक से कैसे उबरते हैं. वैसे भी पाकिस्तान टीम अपने घर पर काफी समय से कोई टेस्ट मैच जीत नहीं पाई है. उसे आखिरी जीत 4 फरवरी 2021 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली थी. उसके बाद से पाकिस्तान ने अपने घर पर 9 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उसे 5 में हार मिली और चार मैच ड्रॉ पर छूटे.
...जब पाकिस्तान को फेवर करते थे स्थानीय अंपायर
देखा जाए तो अपनी धरती पर पाकिस्तान टीम का टेस्ट रिकॉर्ड काफी शानदार है. पाकिस्तान ने अपने घर पर अब तक 165 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उसने 60 जीते और केवल 27 में उसे हार मिली है. जबकि 78 मुकाबले ड्रॉ रहे. इस रिकॉर्ड से पता चलता है कि एक समय पाकिस्तान टीम को उसके घर में हराने के लिए विपक्षी टीमों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.
तब पाकिस्तान टीम को घरेलू अंपायर भी फेवर करते थे क्योंकि न्यूट्रल अंपायरों का दौर शुरू नहीं हुआ था. शूकर राणा के नाम से आप परिचित जरूर होंगे, जिन्हें क्रिकेट इतिहास का विवादास्पद अंपायर माना जाता है. साल 1987 में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच फैसलाबाद टेस्ट मैच के दौरान तो शकूर राणा ने माइक गैटिंग से लड़ाई कर ली थी.
1994 में टेस्ट क्रिकेट में न्यूट्रल अंपायर को लाया गया. यानी जिन दो देशों में टेस्ट मैच हो रहा है, उनकी जगह दूसरे देशों के दूसरे देशों के तटस्थ अंपायरों को मैच की निगरानी का जिम्मा दिया गया. दरअसल, ये व्यवस्था इसलिए लाई गई क्योंकि घरेलू अंपायरों के फैसलों में पक्षपात की शिकायत आती थीं.
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चौथी बार पारी घोषित करके हारा पाकिस्तान
पाकिस्तान टीम को इस मैच में अति आत्मविश्वास भी ले डूबा. दरअसल पाकिस्तान ने अपनी पहली पारी 448/6 रनों के स्कोर पर घोषित कर दी थी. चौंकाने वाली बात यह रही कि उस वक्त मोहम्मद रिजवान 171 रनों पर नाबाद थे. 500 रनों से कम टोटल पर पारी को घोषित करने का शान मसूद का फैसला काफी अजीब था. आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान टीम चौथी बार पारी घोषित करने के बावजूद कोई मैच हारी है.
साल 1961 में पहली बार ऐसा हुआ था, जब इंग्लैंड के खिलाफ लाहौर टेस्ट मैच में पाकिस्तान टीम 387/9 रनों पर पारी घोषित करने के बाद भी मैच हारी थी. फिर 11 साल बाद यानी 1972 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान ने पहली पारी 574/8 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी, फिर भी उसे हार झेलनी पड़ी. इसके बाद 2016 में ऑस्ट्रेलिया से फिर उसे हार का सामना करना पड़ा, जब उसने पहले बल्लेबाजी करते हुए 443/9 रन बनाए थे.
पारी घोषित करने के बाद पाकिस्तान की हार:
इंग्लैंड के विरुद्ध, लाहौर, 1961 (387/9 d)
बनाम ऑस्ट्रेलिया, मेलबर्न, 1972 (574/8 d)
बनाम ऑस्ट्रेलिया, मेलबर्न, 2016 (443/9 d)
बनाम बांग्लादेश, रावलपिंडी, 2024 (448/6 d)
टेस्ट मैचों में बांग्लादेश का सर्वोच्च पारी स्कोर
638 बनाम श्रीलंका, गॉल, 2013 (ड्रॉ)
595/8 बनाम न्यूजीलैंड, वेलिंगटन, 2017 (हार)
565 बनाम पाकिस्तान, रावलपिंडी, 2024 (जीता)
560/6 बनाम जिम्बाब्वे, मीरपुर, 2020 (जीता)
556 बनाम वेस्टइंडीज, मीरपुर, 2012 (हार)
एक टेस्ट में विकेटकीपर द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रन (पाकिस्तान)
222 (171* & 51) - मोहम्मद रिजवान बनाम BAN, रावलपिंडी, 2024
210 (210*)- तस्लीम आरिफ बनाम AUS, फैसलाबाद, 1980
209 (209 & 0)- इम्तियाज अहमद बनाम NZ, लाहौर, 1955
197 (150 & 47*)- राशिद लतीफ बनाम WI, शारजाह, 2002
196 (78 & 118)- सरफराज अहमद बनाम NZ, कराची, 2023