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भारत ने जीता 'मिनी वर्ल्ड कप'... और इसके बाद ही सुनील गावस्कर ने छोड़ दी थी कप्तानी

10 मार्च 1985: सुनील गावस्कर की कप्तानी में भारत ने 38 साल पहले आज ही ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में दूधिया रोशनी में खेले गए फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को 8 विकेट से हराकर बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीती थी. इसे 'मिनी वर्ल्ड कप' भी कहा जाता है.

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India Captain Sunil Gavaskar (File, Getty)
India Captain Sunil Gavaskar (File, Getty)

Benson & Hedges World Championship of Cricket: क्रिकेट के दीवाने 10 मार्च 1985 का वह मंजर आज तक नहीं भूले हैं, जब सुनील गावस्कर की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में दूधिया रोशनी में खेले गए फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को 8 विकेट से हराकर बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीती थी. इसे 'मिनी वर्ल्ड कप' भी कहा जाता है. सबसे बढ़कर गावस्कर ने चैम्पियन बनने के बाद कप्तानी से अलविदा कह दिया था.

रवि शास्त्री को इस टूर्नामेंट में 'चैम्पियन ऑफ चैम्पियंस' का खिताब और इनाम के तौर पर नई चमचमाती हुई ऑडी कार दी गई थी. जीत और इनाम की खुशी से सराबोर पूरी भारतीय टीम ने इस कार पर सवार होकर पूरे मैदान का चक्कर लगाया था. 

फाइनल में पाकिस्तान को धूल चटाई...

भारत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था. अपने पहले ही मैच में भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 6 विकेट से हराया था. उसके बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को भी पटखनी दी थी. भारत ने पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हरा दिया. वहीं, दूसरे सेमीफाइनल में पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज को हराकर टूर्नामेंट का एक बड़ा उलटफेर कर दिया था.

फाइनल मुकाबले में जावेद मियांदाद ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी. कपिल देव और चेतन शर्मा ने शुरुआती झटके देते हुए पाकिस्तान का स्कोर 33/4 कर दिया. इसके बाद मियांदाद और इमरान खान ने टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया. इमरान के रन आउट होने के बाद पाकिस्तान की पारी लड़खड़ा गई. पाकिस्तान निर्धारित 50 ओवरों में 9 विकेट पर 176 रन ही बना पाया. भारत की ओर से कपिल देव और लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने 3-3 विकेट चटकाए. 

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चैम्पियन टीम इंडिया (Getty)

177 रनों के टारगेट के जवाब में भारत की शुरुआत काफी शानदार रही. रवि शास्त्री और कृष्णमाचारी श्रीकांत ने पहले विकेट के लिए 103 रनों की  पार्टनरशिप करके मैच को एकतरफा बना दिया. भारत ने 17 गेंदें शेष रहते महज 2 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. श्रीकांत ने 67 और रवि शास्त्री ने नाबाद 63 रनों की पारी खेली. श्रीकांत को मैन ऑफ द मैच चुना गया था. 

मैन ऑफ द सीरीज शास्त्री बने 'चैम्पियन ऑफ चैम्पियंस'

कृष्णमाचारी श्रीकांत ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 238 रन बनाए थे.वहीं, लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने सबसे ज्यादा 10 विकेट लिए थे. मैन ऑफ द सीरीज रवि शास्त्री ने गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था. शास्त्री ने 5 मैचों में कुल 45.50 की औसत से 182 रन बनाए, तो वहीं पूरी सीरीज में 8 विकेट भी चटकाए. 

रवि शास्त्री को मिली ऑडी कार पर सवार टीम इंडिया... (Getty)

उस दौर में सुनील गावस्कर और कपिल देव के बीच तनातनी की खबरें आती थीं. ट्रॉफी थामने के साथ ही गावस्कर ने घोषणा कर दी थी कि वह इस टूर्नामेंट के बाद कप्तानी छोड़ देंगे. यह गावस्कर की कप्तानी में आखिरी टूर्नामेंट था.

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