टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 2021 में वर्ल्ड कप के बाद टी20 कप्तान के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने अपनी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की कप्तानी भी छोड़ दी थी. इसके एक साल बाद, दक्षिण अफ्रीका से हार के बाद उन्होंने टेस्ट कप्तानी छोड़ दी थी. इस घटना के करीब 4 साल बाद अब विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ने को लेकर बड़ा खुलासा किया है.
कप्तानी छोड़ने के अपने फैसले को लेकर 36 साल के कोहली ने ‘आरसीबी बोल्ड डायरीज’ पॉडकास्ट में कहा, ‘एक समय ऐसा आया जब यह मेरे लिए बहुत मुश्किल हो गया था क्योंकि मेरे करियर में काफी कुछ घट रहा था. मैं 7-8 साल से भारत की कप्तानी कर रहा था. मैंने 9 साल तक आरसीबी की कप्तानी की. मैं जो भी मैच खेलता उसमें बल्लेबाजी में मुझसे काफी उम्मीद की जाती थी.’
𝘞𝘩𝘢𝘵 𝘥𝘰𝘦𝘴 𝘝𝘪𝘳𝘢𝘵 𝘥𝘰 𝘵𝘰 𝘧𝘦𝘦𝘭 𝘣𝘢𝘭𝘢𝘯𝘤𝘦𝘥 𝘢𝘯𝘥 𝘱𝘦𝘢𝘤𝘦𝘧𝘶𝘭 𝘪𝘯 𝘭𝘪𝘧𝘦? 𝘏𝘰𝘸 𝘥𝘰𝘦𝘴 𝘩𝘦 𝘳𝘦𝘱𝘭𝘦𝘯𝘪𝘴𝘩 𝘢𝘭𝘭 𝘵𝘩𝘦 𝘦𝘯𝘦𝘳𝘨𝘺 𝘴𝘱𝘦𝘯𝘵 𝘸𝘪𝘵𝘩 𝘱𝘶𝘣𝘭𝘪𝘤 𝘪𝘯𝘵𝘦𝘳𝘢𝘤𝘵𝘪𝘰𝘯𝘴 𝘢𝘯𝘥 𝘸𝘩𝘪𝘭𝘦 𝘱𝘭𝘢𝘺𝘪𝘯𝘨 𝘊𝘳𝘪𝘤𝘬𝘦𝘵? 🫡… pic.twitter.com/uCc51I9QCh
— Royal Challengers Bengaluru (@RCBTweets) May 6, 2025
उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात का एहसास ही नहीं था कि मैं ध्यान केंद्रित करने के लिए संघर्ष कर रहा हूं. अगर कप्तानी में ऐसा नहीं होता तो बल्लेबाजी में ऐसा हो रहा था. मैं हर समय इसके बारे में सोचता था. यह मेरे लिए काफी मुश्किल हो गया था और आखिर में यह मुझ पर बहुत अधिक हावी हो गया था.’
विराट कोहली ने बताई कप्तानी छोड़ने की असली वजह
कोहली ने 2022 में क्रिकेट से एक महीने का ब्रेक लिया था और उस दौरान बल्ला नहीं छुआ था. उन्होंने कहा कि उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया था, जब वह सार्वजनिक जीवन में खुश रहने के लिए संघर्ष कर रहे थे. स्टार बल्लेबाज ने कहा, ‘इसलिए मैंने कप्तानी छोड़ दी क्योंकि मुझे लगा अगर मुझे इस खेल में बने रहना है तो उसके लिए मेरा खुश रहना जरूरी है.’
कोहली ने कहा, ‘मुझे कभी पूर्ण मैच विजेता के रूप में नहीं देखा गया जो कहीं से भी खेल का रुख बदल सकता है. लेकिन मेरे पास यह बात थी कि मैं हार नहीं मानने वाला हूं.इसी बात का धोनी और कस्टर्न ने समर्थन किया.’.’
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भारत को अंडर-19 विश्व कप में खिताबी जीत दिलाने से किसी को सीनियर टीम में सहज प्रवेश की गारंटी नहीं मिलती है और कोहली ने कहा कि यह उनका दृढ़ संकल्प और तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी कर्स्टन का समर्थन था, जिसने उन्हें टीम में नंबर तीन बल्लेबाजी स्थान सुरक्षित करने में मदद की.
कोहली ने कहा, ‘मैं अपनी क्षमता को लेकर बहुत यथार्थवादी था क्योंकि मैंने कई अन्य लोगों को खेलते हुए देखा था. मुझे ऐसा नहीं लगा कि मेरा खेल कहीं भी उनके करीब था. मेरे पास केवल दृढ़ संकल्प था. अगर मैं अपनी टीम को जीत दिलाना चाहता था, तो मैं कुछ भी करने को तैयार था.’
उन्होंने कहा, ‘यही कारण था कि मुझे शुरुआत में भारत के लिए खेलने का मौका मिला. गैरी (कर्स्टन) और एमएस (धोनी) ने मुझे यह स्पष्ट कर दिया कि तीसरे नंबर पर मेरी जगह पक्की है.’कोहली ने कहा कि इन दोनों ने उन्हें अपना स्वाभाविक खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा, ‘इन दोनों ने मुझसे कहा आप मैदान पर जो भी करते हैं, आपकी ऊर्जा, आपकी प्रतिबद्धता, वह हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है. हम चाहते हैं कि आप अपना स्वाभाविक खेल खेलें.’