India vs Bangladesh ODI Series: बांग्लादेश टीम ने अपने ही घर में भारतीय टीम के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है. सीरीज का दूसरा मैच बुधवार को खेला गया, जिसमें भारतीय टीम को 5 रनों से करारी हार झेलनी पड़ी. बांग्लादेश दौरे पर टीम इंडिया की यह लगातार दूसरी सीरीज में हार है. इससे पहले 2015 में हार झेलनी पड़ी थी.
शुरुआती दोनों वनडे मुकाबलों में हार के लिए कोई एक नहीं, बल्कि 5 बड़े कारण रहे हैं. पहले वनडे मैच में बांग्लादेश ने एक विकेट से हराया था. जबकि दूसरे मैच में 5 रनों से शिकस्त दी. आइए जानते हैं दोनों मैचों के वो पांच गुनहगार, जिनकी वजह से सीरीज गंवानी पड़ी...
पूरी तैयारी के साथ दौरे पर ना आना
भारतीय टीम जब बांग्लादेश दौरे पर आई, तब वह पूरी तैयारी के साथ नहीं आई थी. इसका कारण है कि जब बांग्लादेश के खिलाफ पहला वनडे होना था, उससे कुछ देर पहले ही ऋषभ पंत के वनडे सीरीज से बाहर होने की बात सामने आई. जानकारी दी गई कि ऐसा मेडिकल टीम की सलाह पर किया गया है. टीम मैनेजमेंट ने ऋषभ का रिप्लेसमेंट भी नहीं रखा.
पंत की जगह केएल राहुल विकेटकीपिंग कर रहे हैं. कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पंत ने छुट्टी ली है. जबकि कुछ में चोट के बारे में बताया गया है. मगर अभी तक किसी भी तरफ से स्पष्ट बयान नहीं आया है. साथ ही अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी चोटिल होकर सीरीज से बाहर हो गए थे. उनकी जगह उमरान मलिक को शामिल किया गया. ऐसे में यह साफ होता है कि टीम इंडिया पूरी तैयारी से नहीं आई.
टॉप आर्डर का पूरी तरह फ्लॉप होना
दूसरा कारण भारतीय टीम टॉप बैटिंग ऑर्डर पूरी तरह फेल रहा है. पहले मैच में रोहित शर्मा, विराट कोहली, शिखर धवन जैसे बल्लेबाज फ्लॉप रहे. दूसरे मैच में चोटिल रोहित की जगह कोहली ने ओपनिंग की. तब भी अच्छी शुरुआत नहीं मिली. दूसरे मैच में भारतीय टीम ने 13 रनों पर ही दो विकेट गंवा दिए थे. रोहित शर्मा 9वें नंबर पर बैटिंग करने आए और फिफ्टी लगाई, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके.

मिडिल ऑर्डर में भी बड़ी पार्टनरशिप की कमी
टॉप ऑर्डर के बाद मिडिल ऑर्डर में भी भारतीय टीम दोनों ही मैचों में बड़ी पार्टनरशिप के लिए तरसती रही. पहले वनडे मैच में खराब शुरुआत के बाद मिडिल ऑर्डर में केएल राहुल ने 73 रन बनाकर टीम को संभाला था, लेकिन कोई दूसरा बल्लेबाज उनका साथ नहीं दे सका था. जबकि दूसरे मैच में श्रेयस अय्यर ने 82 और अक्षर पटेल ने 56 रन बनाए. मगर उनके अलावा केएल राहुल, वॉशिंगटन सुंदर कोई साथ नहीं दे सका.
गेंदबाजों का डेथ ओवर्स में लचर प्रदर्शन
इन दोनों वनडे मैचों में भारतीय गेंदबाजी भी एक बड़ी टेंशन वाली बात रही है. गेंदबाजों ने शुरुआत तो अच्छी दिलाई है, लेकिन मिडिल ओवर्स और आखिर यानी डेथ ओवर्स में बेकार प्रदर्शन किया है. पहले मैच में बांग्लादेश के 136 रनों पर 9 विकेट कर दिए थे. मगर आखिरी विकेट के लिए मेहदी हसन और मुस्तफिजुर रहमान ने नाबाद 51 रनों की पार्टनरशिप कर टीम को जीत दिला दी. भारतीय गेंदबाज एक विकेट तक नहीं ले सके.
दूसरे मैच में भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत अच्छी दिलाई और 69 रनों पर ही 6 बांग्लादेशी बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया था. मगर यहां से फिर मेहदी हसन ने महमुदुल्लाह के साथ मिलकर 148 रनों की पार्टनरशिप कर डाली और टीम को 271 रनों तक पहुंचा दिया. मेहदी हसन ने नाबाद 100 रन भी बनाए. ऐसे में एक बार फिर भारतीय गेंदबाज आखिर में जाकर विकेट नहीं ले सके.
घटिया फील्डिंग ने डुबोई टीम की नैया
सीरीज के दोनों मैचों में टीम इंडिया की खराब फील्डिंग भी एक बड़ी टेंशन की बात रही है. खासकर पहले ही मैच में 187 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए जब बांग्लादेश टीम ने 136 रनों पर 9 विकेट कर दिए थे. तब भारतीय टीम को एक विकेट की तलाश थी. उस वक्त केएल राहुल ने मेहदी हसन का आसान कैच छोड़ दिया था. जबकि वॉशिंगटन सुंदर ने एक कैच लेने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की थी.
कैच छोड़ने के अलावा भी भारतीय फील्डिर्स आसान बाउंड्री रोकने में भी नाकाम रहे थे. जबकि टारगेट बेहद छोटा था. ऐसे में टीम इंडिया को अपनी फील्डिंग सुधारने पर भी पूरा ध्यान देना होगा. खासकर कैच तो किसी भी हालत में नहीं छोड़ना होगा.