scorecardresearch
 

Rajvardhan Hangargekar: बॉलिंग में बुलेट रफ्तार-बैटिंग में आंधी, भविष्य के लिए तैयार हो रहा अंडर-19 टीम का ये स्टार

टीम इंडिया के लिए आने वाले समय में फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर की कमी पूरी हो सकती है. अंडर-19 टीम के राजवर्धन हेंगरगेकर यह कमी पूरी कर सकते हैं. शनिवार को पाकिस्तान के खिलाफ अंडर-19 एशिया कप मुकाबले में भी राजवर्धन का जलवा देखने को मिला.

Advertisement
X
Rajvardhan Hangargekar
Rajvardhan Hangargekar
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजवर्धन हेंगरगेकर के प्रदर्शन की हो रही है तारीफ 
  • बल्ले और गेंद से शानदार खेल दिखा रहे राजवर्धन

Rajvardhan Hangargekar: टीम इंडिया के लिए आने वाले समय में फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर की कमी पूरी हो सकती है. अंडर-19 टीम के राजवर्धन हेंगरगेकर यह कमी पूरी कर सकते हैं. शनिवार को पाकिस्तान के खिलाफ अंडर-19 एशिया कप मुकाबले में भी राजवर्धन का जलवा देखने को मिला. राजवर्धन ने 10वें क्रम पर उतरते हुए महज 20 गेंदों पर 33 रनों की तूफानी पारी खेली. वहीं गेदबाजी में 10 ओवरों में 49 रन देकर एक विकेट हासिल किया.

इससे पहले यूएई के खिलाफ मुकाबले में भी राजवर्धन ने ऑलराउंड खेल का परिचय दिया था. राजवर्धन को यूएई के खिलाफ मैच में छठे क्रम पर भेजा गया था. उन्होंने टीम के भरोसे पर खरे उतरते हुए महज 23 गेंदों पर 48 रनों की तूफानी पारी खेल दी थी. इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी में भी कहर बरपाते हुए 24 रन देकर तीन विकेट झटक लिए थे.

राजवर्धन ने इन दो परफॉर्मेंस से यह बता दिया है कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं. दाएं हाथ के बॉलर राजवर्धन 140 से ज्यादा की स्पीड से बॉल डालते हैं. वहीं बैटिंग में लंबे हिट्स लगाने में उन्हें महारत हासिल है. इस काबिलियत के चलते वह आने वाले सालों में सीनियर टीम के लिए खेलते दिखाई दें, तो आश्चर्य की बात नहीं.

अंडर-19 एशिया कप से पहले एक इंटरव्यू में राजवर्धन ने कहा था, 'मेरे पास अच्छी स्पीड थी पर एक्यूरेसी नहीं थी. मैं बहुत आक्रामक होकर गेंदबाजी करता था और इस दौरान केवल तेज बॉल डालने पर मेरा फोकस रहता था. मेरे कोच मोहन सर ने मुझे इस समस्या से छुटकारा दिलाया. उन्होंने मेरे रनअप पर काम किया और मैं 140 के आसपास गेंद फेंकने लगा. शुरुआत में तो यह काफी कठिन था, लेकिन आज जो कुछ भी हूं वह मोहन सर के ट्रेनिंग की बदौलत हूं.'

Advertisement

राजवर्धन हेंगरगेकर के लिए अंडर-19 तक का सफर आसान नहीं रहा है. पिछले साल जून में उनके पिता की कोरोना से मौत हो गई थी. राजवर्धन कहते हैं, मेरे पिता का सपना था कि उनका बेटा भारत के लिए खेले. मेरे लिए यहां तक पहुंचना कठिन रहा, लेकिन मैं उनके सपने को पूरा करना चाहता हूं.'

दिलचस्प बात यह है कि राजवर्धन पहले अंडर-14 टूर्नामेंट में उस्मानाबाद के लिए बतौर ऑफ स्पिनर खेलते थे. लेकिन टीम में तेज गेंदबाजों की कमी के चलते उन्होंने फास्ट बॉलिंग शुरू कर दी. राजवर्धन हेंगरगेकर ने अक्टूबर-नवंबर में हुई वीनू मांकड़ ट्रॉफी के दौरान 8 मुकाबलों में 19 विकेट चटकाए थे. इसके अलावा उन्होंने बल्ले से भी 216 रन भी बनाए.



 

Advertisement
Advertisement