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'सिराज को वो क्रेड‍िट नहीं मिला, जो...', क्रिकेट के भगवान के इस बयान के मायने क्या हैं? यशस्वी-गिल-राहुल की टेक्न‍िक पर कहीं बड़ी बातें

क्रिकेट के 'भगवान' सच‍िन तेंदुलकर ने भारत की इंग्लैंड संग सीरीज पर बयान दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोहम्मद सिराज को वो क्रेड‍िट नहीं मिला, जो वो ड‍िजर्व करते थे. वहीं उन्होंने शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल की भी तारीफ की.

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सच‍िन तेंदुलकर ने रेड‍िट पोस्ट में मोहम्मद स‍िराज,शुभमन ग‍िल समेत कई ख‍िलाड़ि‍यों के बारे में बात की है (Photo: ITG )
सच‍िन तेंदुलकर ने रेड‍िट पोस्ट में मोहम्मद स‍िराज,शुभमन ग‍िल समेत कई ख‍िलाड़ि‍यों के बारे में बात की है (Photo: ITG )

क्रिकेट के 'भगवान' सचिन तेंदुलकर ने भारत- इंग्लैंड सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले कुछ भारतीय खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की है. यह सीरीज 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई थी, जिसमें आखिरी दिन ओवल टेस्ट का मुकाबला बेहद रोमांचक रहा. 

तेंदुलकर ने मोहम्मद सिराज के प्रदर्शन को 'अव‍िश्वसनीय' बताया. वहीं केएल राहुल की ऑफ स्टंप के पास सधी हुई बल्लेबाजी और शानदार फुटवर्क की सराहना की. उन्होंने यशस्वी जायसवाल की दोनों शतकों को बेहतरीन मानसिकता और मैच्योरिटी का उदाहरण बताया. साथ ही शुभमन गिल की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा कि वह पूरे समय शांत और संयमित नजर आए. 

स‍िराज सीरीज में सबसे ज्यादा 1113 गेंदें फेंकी, जो किसी भी गेंदबाज से 361 ज्यादा थीं. उन्होंने सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए और जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में दो टेस्ट में पूरी ज‍िम्मेदारी उठाई.

तेंदुलकर ने कहा-  कमाल का प्रदर्शन, शानदार एप्रोच, मुझे उनका एटीट्यूड बहुत पसंद है, और उनके पैर में जो जोश दिखता है, वो भी लाजवाब है. एक तेज गेंदबाज अगर हर वक्त बल्लेबाज के सामने आकर चुनौती दे रहा हो, तो कोई भी बल्लेबाज खुश नहीं होगा.

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उन्होंने आगे कहा कि आखिरी दिन तक सिराज की एनर्जी गजब की थी, कमेंटेटर भी कह रहे थे कि उन्होंने 1000 से ज्यादा गेंदें फेंकने के बाद भी करीब 145 किमी/घंटा की रफ्तार से बॉलिंग की. इससे उनकी हिम्मत और बड़ा दिल झलकता है. 
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तेंदुलकर यहीं नहीं रुके और आगे कहा- स‍िराज ने आखिरी दिन जिस अंदाज में गेंदबाजी की, वो शानदार था. वो हमेशा टीम के लिए जरूरी समय पर कमाल करते हैं. जब भी टीम को उनकी सबसे ज्यादा रूरत होती है, वो डिलीवर करते हैं. इस सीरीज में भी उन्होंने वैसा ही किया. जितने विकेट लिए और जैसा प्रदर्शन किया, उसके लिए उन्हें उतनी तारीफ नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी. 

तेंदुलकर ने पंत के शॉट के बारे में क्या कहा? 

इंग्लैंड और भारत के बीच खेली गई इस सीरीज में कई उतार-चढ़ाव, जोरदार टकराव देखने को मिले. इस दौरान कई खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन भी देखने को मिले. सीरीज में ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स जैसे खिलाड़ी चोट के बावजूद मैदान पर डटे रहे. पंत ने पांच में से चार टेस्ट खेले और दो शतक व तीन अर्धशतक जमाए. खास बात यह रही कि आखिरी अर्धशतक उन्होंने टूटी हुई दाईं पैर की हड्डी के साथ बनाया. इस सीरीज में उनका औसत 68.42 और स्ट्राइक रेट 77.63 रहा, जो बताता है कि उन्होंने कितनी शानदार बल्लेबाजी की. 

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सचिन तेंदुलकर हाल में रेडिट के ब्रांड एम्बेस्डर बने हैं. उन्होंने इसी प्लेटफॉर्म पर पंत पर बात करते हुए एक खास शॉट के बारे में बताया. उन्होंने कहा-जो स्वीप शॉट वह खेलता है, उसमें वह जानबूझकर गेंद के नीचे आने की कोशिश करता है ताकि ऊंचाई के साथ गेंद को उठा सके.

लोगों को लगता है कि वह शॉट खेलते वक्त गिर गया है, लेकिन असल में वह प्लान के तहत ऐसा करता है ताकि गेंद के नीचे आ सके. तेंदुलकर ने कहा कि ऐसे शॉट खेलने का राज ही यही है,  गेंद के नीचे आना... यह कोई गलती नहीं होती, वह अपना बैलेंस नहीं खोता है, सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि गेंद कितनी लंबी या छोटी है. 
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पंत के स्ट्रोकप्ले और उनके द्वारा लगाए गए 'पंच' को 'ईश्वर का उपहार' बताते हुए तेंदुलकर ने कहा कि ऐसे मौके आए जब लोगों को लगा कि उन्हें वह शॉट नहीं खेलना चाहिए, यह सही समय नहीं है, लेकिन ऋषभ जैसे खिलाड़ी को अकेला छोड़ देना चाहिए. लेकिन जब वह मैच बचाना चाहते हैं, तो उन्हें एक अलग दृष्टिकोण अपनाना पड़ता है, जैसे मैच के आखिरी 15-20 ओवरों में, लेकिन उन्होंने मैच की स्थिति के अनुसार (पारी को कैसे आगे बढ़ाना है) यह समझ लिया है. 

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गिल और राहुल की बल्लेबाजी के बारे में सच‍िन ने क्या कहा? 
इस टेस्ट सीरीज में भारत के लिए शुभमन गिल और केएल राहुल दो सबसे अहम बल्लेबाज रहे. गिल ने 754 रन बनाए और राहुल ने 532 रन, दोनों मिलाकर छह शतक लगाए. इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में दोनों की फुटवर्क बहुत सटीक रहा, जिसकी सचिन तेंदुलकर ने तारीफ की. 

गिल के बारे में तेंदुलकर ने कहा कि वह अपने गेम को लेकर एकदम क्ल‍ियर सोच रहे, जिसका असर उनके फुटवर्क पर दिखा. जब माइंड क्ल‍ियर होता है तभी शरीर सही तरीके से रेस्पॉन्स देता है. गिल की बॉडी कमाल का साथ दे रहा था, उन्हें गेंद खेलने के लिए पूरा समय मिल रहा था, वो बेहद कंट्रोल में नजर आ रहे थे. सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने अच्छी गेंद का पूरा सम्मान किया.

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कई बार बल्लेबाज फ्रंट फुट पर खेलने की जल्दी में गलती कर बैठते हैं, लेकिन गिल ने वहां भी समझदारी से डिफेंस किया. गिल का यह प्रदर्शन किसी कप्तान के तौर पर दूसरी सबसे बड़ी रनसंख्या है, उनसे आगे सिर्फ डॉन ब्रैडमैन हैं, जिन्होंने 1936 में 810 रन बनाए थे. 

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केएल राहुल के बारे में तेंदुलकर ने कहा कि उन्होंने इस सीरीज में पहली बार एक से ज्यादा शतक लगाए और यह उनका शायद सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था. वह गेंद के बहुत पास आकर डिफेंस कर रहे थे और ऑफ स्टंप की लाइन को अच्छी तरह समझकर गेंदें छोड़ रहे थे. कई बार तो ऐसा लग रहा था कि उन्होंने गेंदबाजों को परेशान कर दिया है कि आखिर उन्हें गेंदबाजी कहां करनी चाहिए? और जब गेंद उनके खेलने के लायक होती, तो वह बेहद शानदार शॉट्स खेलते थे. वह पूरी सीरीज में शांत और संतुलित नजर आए. 

जायसवाल की इंग्लैंड सीरीज में बल्लेबाजी पर तेंदुलकर ने क्या कहा? 

यशस्वी जायसवाल ने जैसी शुरुआत सीरीज में की थी, वैसा ही शानदार अंत भी किया. उन्होंने पहले टेस्ट में लीड्स में शतक लगाया और फिर आखिरी टेस्ट में ओवल में भी सेंचुरी जड़ी. इस दौरान उन्होंने दो अर्धशतक भी लगाए. खासकर पांचवें टेस्ट की सेंचुरी के लिए उनकी काफी तारीफ हुई, जिसमें उन्होंने नाइटवॉचमैन आकाश दीप के साथ अहम शतकीय साझेदारी की. पूरी सीरीज में जायसवाल ने 411 रन बनाए, उनका औसत 41.10 रहा. 

सचिन तेंदुलकर ने यशस्वी की तारीफ में कहा- मैं यशस्वी की सोच से बहुत प्रभावित हुआ, वो बेखौफ बैटर हैं और उन्हें पता होता है कि कब तेजी से रन बनाने हैं, कब रुककर खेलना है, और कब सिंगल लेकर नॉन-स्ट्राइकर एंड पर जाना है. पहले टेस्ट में उन्होंने मुश्किल पिच पर शतक लगाया, जहां गेंद थोड़ी बहुत स्विंग हो रही थी.  उन्होंने कहा कि आखिरी टेस्ट की पिच सबसे कठिन थी, और वहां भी जायसवाल ने शानदार शतक लगाया. इससे उनकी मैच्योरिटी, हिम्मत और खेल के प्रति समझ दिखती है. 

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तेंदुलकर ने यह भी कहा- उन्होंने आकाश दीप को जिस तरह से गाइड किया, वो दिखाता है कि एक बल्लेबाज का काम सिर्फ रन बनाना नहीं, बल्कि साझेदारी बनाना और साथी को मोटिवेट करना भी होता है. उन्होंने ये बखूबी किया. कुल मिलाकर यशस्वी के लिए ये सीरीज शानदार रही. उन्हें खेलते देखना एक दर्शनीय नजारा था. 


 

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