भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तहत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है. यह टेस्ट सीरीज फिलहाल 1-1 की बराबरी पर है. अब टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर जारी है. मुकाबले में इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 387 रन बनाए थे.
जवाब में दूसरे दिन (11 जुलाई) का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 3 विकेट पर 145 रन बना डाले. ऋषभ पंत (19*) और केएल राहुल (53*) नाबाद बल्लेबाज हैं.
अगर इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों ने पहली पारी में डटकर बल्लेबाजी ना की होती, तो इस मुकाबले में भारतीय टीम की स्थिति मजबूत रहती. दूसरे दिन के पहले सेशन में जसप्रीत बुमराह ने बैक टू बैक तीन झटके दिए, जिसके चलते इंग्लैंड का स्कोर पहली पारी में एक समय 7 विकेट पर 271 रन हो गया था.
तब भारतीय टीम के पास इंग्लैंड को 300 रन के अंदर समेटने का सुनहरा मौका था, लेकिन ये मौका मेहमान टीम ने गंवा दिया. जेमी स्मिथ और ब्रायडन कार्स के बीच आठवें विकेट के लिए 84 रनों की पार्टनरशिप हुई. इस पार्टनरशिप के चलते इंग्लिश टीम 400 रनों के आंकड़े के करीब पहुंचने में सफल रही.
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जेमी स्मिथ 51 और ब्रायडन कार्स 56 रन बनाने में सफल रहे. स्मिथ विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, ऐसे में उनका रन बनाना समझ में आता है. हालांकि जेमी स्मिथ जब 5 रन पर थे, तो मोहम्मद सिराज की गेंद पर दूसरी स्लिप में केएल राहुल ने उनका कैच टपका दिया. ये जीवनदान भारतीय टीम को काफी भारी पड़ा. उधर तेज गेंदबाज ब्रायडन कार्स ने जिस तरह से भारतीय गेंदबाजों पर अटैक किया, वो हैरान करने वाला रहा.
लीड्स में भी पुछल्लों ने किया था परेशान
लीड्स टेस्ट मैच में भी इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भारतीय टीम को काफी परेशान किया था. उस टेस्ट मैच में इंग्लैंड का स्कोर पहली पारी में एक वक्त पांच विकेट पर 276 रन था. उसके बावजूद इंग्लिश टीम तब 465 रन बनाने में कामयाब रही थी. जेमी स्मिथ (40 रन), ब्रायडन कार्स (22 रन), क्रिस वोक्स (38 रन) और जोश टंग (11 रन) उपयोगी पारियां खेलने में सफल रहे थे. वो मुकाबला भारतीय टीम 5 विकेट से हार गई थी. भारत की उस हार में इंग्लैंड के लोअर ऑर्डर बल्लेबाजों के इस योगदान की अहम भूमिका रही.
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क्रिकेट इतिहास में अब तक सिर्फ दो मौके ऐसे आए हैं, जब लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर किसी टेस्ट मैच की पहली पारी में 350 से ज्यादा रन बनाने वाली टीम को हार का सामना करना पड़ा. सबसे पहले साल 1930 में ऐसा हुआ था, तब इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 425 रन बनाने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वो मुकाबला गंवा बैठी थी. फिर साल 2004 में इंग्लैंड ने इस मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ पहली पारी में 386 रन बनाए, फिर भी उसे हार का सामना करना पड़ा. अब इंग्लैंड ने मौजदूा टेस्ट मैच की पहली पारी में 387 रन बनाकर खुद को अच्छी स्थिति में लाया है.