Why South africa called chokers, World Cup 2023: क्रिकेट इतिहास में जब कभी भी दक्षिण अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया 2023 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल का स्कोर बोर्ड देखा जाएगा तो पता चलेगा कि शुरुआती 11.5 ओवर्स में 24 पर 4 विकेट गंवाकर इस टीम ने मैच गंवा दिया था. डेविड मिलर ने 101 रन जरूर जड़े और उन्हें हेनरिक क्लासेन (47) का साथ भी जरूर मिला, जिसकी बदौलत टेम्बा बावुमा कंपनी ने 212 रनों का स्कोर खड़ा किया.
पर जो फैन्स अंत तक ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेमीफाइनल मुकाबले को देखते रहे, उन्हें इस बात का बखूबी अंदाजा होगा कि अगर अफ्रीकी टीम ने 30 या 35 रन और जोड़े होते तो शायद 'चोकर्स' का टैग हट जाता और वो कंगारू टीम की जगह भारत से 19 नवंबर को अहमदाबाद में 2023 का फाइनल खेलते...
वैसे 16 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया vs साउथ अफ्रीका वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल को देखा जाए तो अफ्रीकी टीम ने 5 ब्लंडर कीं. वहीं अफ्रीकी टीम ने मुश्किल आसान मिलाकर 5 कैच भी टपकाए.
गलती नंबर 1: कप्तान टेम्बा बावुमा पूरी तरह फिट नहीं थे, इसके बावजूद वो खेलने के लिए उतरे. नतीजा ये हुआ कि वो 0 पर आउट हो गए. यहीं से प्रेशर बनना शुरू हुआ और अफ्रीकी टीम एक के बाद एक 4 विकेट गंवा बैठी.

गलती नंबर 2: रासी वैन डेर डुसेन जैसा बल्लेबाज ने 31 गेंदों का सामना किया और 6 रन बनाए और चलते बने, ठीक उनके आउट होने पर ही अफ्रीकी टीम का स्कोर 24/4 हुआ था.
गलती नंबर 3: अगर रासी कुछ देर और टिकते और रन ना भी बनाते तो भी आखिरी में अफ्रीकी टीम के हाथ में विकेट होते और क्लासेन और मिलर खुलकर खेल सकते थे. लगातार विकेट गिरने के कारण ही क्लासेन और मिलर को बंधकर खेलना पड़ा. शुरुआती बल्लेबाजों के बिखरने के कारण ही अफ्रीकी टीम संभल नहीं पाई और 25 ओवर्स में उनके 79 रन था.
गलती नंबर 4: डेविड मिलर अगर नॉट आउट जाते और 47.2 ओवर्स में आउट नहीं होते तो भी अफ्रीकी टीम के पास ये मौका था कि कुछ रन और स्कोर हो सकते थे. मिलर जिस कैपिबिलिटी के बल्लेबाज हैं, वो और रन बना सकते थे.
गलती नंबर 5: चलो अफ्रीकी बल्लेबाजों ने जो कुछ किया सो किया, लेकिन टेम्बा बावुमा कर क्या रहे थे? ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 5-137 (23.4 ओवर) था, इस समय कंगारू टीम एकदम बैकफुट पर थी इस स्कोर तक डेविड वॉर्नर मिचेल मार्श, ट्रेविस हेड, मार्नस लाबुशेन, ग्लेन मैक्सवेल आउट हो चुके थे. अंत में जोस इंग्लिस (28), मिचेल स्टार्क (16 नॉट आउट) पैट कमिंस (14 नॉट आउट) ने धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी की और 3 विकेट से अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

वैसे प्रोटीज टीम का इस वर्ल्ड कप में भी चोकर्स का तमगा कायम रहा, चोकर्स यानी बड़े मुकाबले में चूकने वाली टीम. लेकिन अफ्रीकी टीम की ये कहानी 1992 से कायम है. 1992 में अफ्रीकी टीम दोबारा क्रिकेट खेलने के लिए उतरी थी.
1992 में हुआ दक्षिण अफ्रीका के साथ खेल
1992 वर्ल्ड कप में क्रिकेट में वापसी के बाद दक्षिण अफ्रीका का यह पहला वर्ल्ड कप सेमीफाइनल था. 22 मार्च को हुए इस मुकाबले में अफ्रीका टीम का मुकाबला इंग्लैड से था. मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी की. बारिश की वजह से मैच 45 ओवरों का हो गया था. ग्रीम हिक की 90 गेंदों पर 83 रनों की पारी की बदौलत इंग्लैंड का स्कोर 45 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 252 रन तक पहुंचा.
जवाब में अफ्रीकी बल्लेबाजों ने अपनी टीम को मैच में वापसी दिलाने की कोशिश की. एक समय टीम को जीत के लिए 13 गेंदों पर 22 रन चाहिए थे. तभी एक बार दोबारा जोरदार बारिश आ गई. इसके बाद अंपायरों ने बारिश के कारण ब्रेक ले लिया और ब्रेक के बाद प्रोटीज टीम को जीत के लिए 1 गेंद पर 22 रन चाहिए थे. यह सब कुछ रिवाइज्ड टारगेट के कारण हुआ, यह विचित्र गणना समझ से परे थी, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका अपना पहला सेमीफाइनल हार गया था. इसके बाद ही आईसीसी ने डकवर्थ-लुईस सिस्टम तैयार किया.
1996 में क्ववार्टर फाइनल में जीतते-जीतते हारा दक्षिण अफ्रीका
1996 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के बीच क्वर्वाटर फाइनल में भिड़ंत थी. वेस्टइंडीज ने पहले खेलते हुए 264 का स्कोर खड़ा किया था. जवाब में खेलने उतरी अफ्रीकी टीम 245 पर ऑलआउट हो गई. एक समय अफ्रीकी टीम ने 3 विकेट के नुकसान पर 186 रन बना लिए थे, वह जीत की सिचुएशन में थी. लेकिन इसके बाद पूरी टीम 3 गेंद शेष रहते ऑलआउट हो गई और विंडीज टीम को 19 रनों से जीत मिली.

1999 में भी अनलकी रही साउथ अफ्रीका, क्लूजनर भागे और डोनाल्ड रन-आउट
1999 में वो मौका था, जब अफ्रीकी टीम के साथ सब कुछ पूरे वर्ल्ड कप में सब कुछ ठीक चल रहा था. सेमीफाइनल में उनके सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम थी. अफ्रीकी टीम के पास जीत के लिए 214 रनों का लक्ष्य था. उस मैच में लांस क्लूजनर ने 16 गेंदों में 31 रन बनाए. वह मैच को पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर वहां ले गए जहां से अफ्रीकी टीम के हाथ में मैच था.
आखिरी ओवर में जीत के लिए अफ्रीकी टीम को 9 रन चाहिए थे, उनके हाथ में 1 विकेट था. इसके बाद क्लूजनर ने फ्लेमिंग की पहली दो गेंदों पर लगातार दो चौके लगा दिए, अब जीत के लिए एक सिंगल रन चुराना था. ओवर की तीसरी गेंद पर क्लूजनर ने रन नहीं लिया. चौथी गेंद पर क्लूजनर तो शॉट खेलकर भाग लिए, लेकिन डोनाल्ड गेंद को देखते रह गए. बाद में डोनाल्ड भागे और रन आउट हो गए. इस तरह यह मैच टाई हो गया. फिर सुपर सिक्स के अंत में बेहतर नेट रन रेट के कारण ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच गया.
2003 में डकवर्थ लुईस नियम में उलझे
2003 का वर्ल्ड कप अफ्रीकी टीम अपनी घरेलू धरती पर खेल रही थी. दक्षिण अफ्रीका को सुपर आठ में आगे बढ़ने के लिए अपना आखिरी ग्रुप स्टेज मैच श्रीलंका के खिलाफ जीतने की जरूरत थी. पहले खेलते हुए श्रीलंका ने इस मैच में 268/9 (50 ओवर्स) का स्कोर खड़ा किया. लेकिन बारिश की वजह से मैच में खलल पड़ा अफ्रीकी टीम के सामने डकवर्थ लुईस नियम के तहत 35 ओवर्स में 230 रनों का टारगेट था.

लेकिन अफ्रीकी टीम 229 रन बना सकी और यह मैच टाई हुआ. दरअसल, उस समय क्रीज पर मौजूद विकेटकीपर मार्क बाउचर को रनों की कैलकुलेशन को लेकर कोई क्लियर मैसेज नहीं मिला. इस वजह से उन्होंने एक डॉट बॉल खेली, नतीजतन मैच टाई पर समाप्त हुआ. बारिश के कारण आगे कोई खेल संभव नहीं था. जबकि आखिरी गेंद पर अफ्रीकी टीम को डीएलएस के बराबर स्कोर से आगे निकलने के लिए एक रन की जरूरत थी.
2007 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में सपना चकनाचूर
2007 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ग्लेन मैक्ग्रा, शॉन टेट और नाथन ब्रेकन ने पहले दस ओवरों में शुरुआती झटके देकर दक्षिण अफ्रीका के सपने को तोड़ दिया. 10 ओवर के अंदर ही अफ्रीकी टीम 27 रन पर पांच विकेट गवां चुकी थी. अफ्रीकी टीम 149 रनों पर आउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया ने इसके बाद इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया.
2011 में भी अफ्रीकी टीम हुई फुस्स
2011 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के सामने मैच जीतने के लिए 222 रनों का लक्ष्य था. एक समय अफ्रीकी टीम 2 विकेट पर 108 रन बनाकर जीत की स्थिति में लग रही थी. लेकिन, तभी जैकब ओरम, नाथन मैकुलम और टिम साउदी ने अफ्रीकी टीम को 172 रनों पर ऑलआउट कर दिया. जिससे उन्हें 49 रनों से हार का सामना करना पड़ा और अंततः टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा.
2015 वर्ल्ड कप में भी किस्मत फूटी
2015 में दक्षिण अफ्रीका के सामने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड की टीम थी. बारिश से बाधित इस मैच में पहले खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका ने 281/5 का स्कोर खड़ा किया था. लेकिन न्यूजीलैंड को DL मैथड के तहत 43 ओवर्स में 298 रन का रिवाइजड टारगेट मिला था.
इस मैच में अफ्रीकी टीम ने उस मैच के स्टार बल्लेबाज ग्रैंट इलियट (84 नॉट आउट) और कोरी एंडरसन (58) को तीन बार जीवनदान दिया. जो कीवी टीम की हार का वजह बना. आखिरी ओवर में गेंद डेल स्टेन के हाथ में थी और न्यूजीलैंड को 11 रन चाहिए थे. अंत की दो गेंदों पर कीवियों को 5 रन चाहिए थे, तभी इलियट ने पांचवी गेंद पर छक्का जड़कर अफ्रीकी टीम को एक बार फिर चोकर्स साबित कर दिया.

2019 में शर्मनाक था प्रदर्शन
2019 में साउथ अफ्रीका तो सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाई. उसे 9 में से 3 मैचों में जीत मिली. उन्हें लीग मैचों में बांग्लादेश से 22 रनों से हार का सामना करना पड़ गया था. वहीं वेस्टइंडीज के साथ अफ्रीकी टीम का मैच धुल गया. न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में भी साउथ अफ्रीका ने 241/6 का स्कोर जैसे तैसे खड़ा किया. एक समय अफ्रीकी टीम इस मैच को जीतने की स्थिति में थी क्योंकि उन्होंने कीवियों के 137 रन पर 5 विकेट गिरा दिए थे. लेकिन कीवी कप्तान केन विलियमसन ने शतक और कोलिन डे ग्रैंडहोम ने न्यूजीलैंड को जिता दिया.
वर्ल्ड कप नॉकआउट में सबसे कम जीत का अंतर (विकेट द्वारा)
3 विकेट - ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका, कोलकाता, 2023 सेमीफाइनल
4 विकेट - पाकिस्तान बनाम न्यूजीलैंड, ऑकलैंड, 1992 सेमीफाइनल
4 विकेट - न्यूजीलैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका, ऑकलैंड, 2015 सेमीफाइनल (1 गेंद शेष, डीएलएस)
4 विकेट - ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, लीड्स, 1975 सेमीफाइनल
वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में सबसे ज्यादा हार
7 - न्यूजीलैंड
4 - भारत
4 - पाकिस्तान
4 - दक्षिण अफ्रीका
एक वर्ल्ड कप सीजन में सर्वाधिक जीत
11 - ऑस्ट्रेलिया (2003)
11 - ऑस्ट्रेलिया (2007)
10* - भारत (2023)
9 - भारत (2003)
8 - श्रीलंका (2007)
8 - न्यूजीलैंड (2015)
8* - ऑस्ट्रेलिया (2023)
2016 से वनडे में ऑस्ट्रेलिया बनाम साउथ अफ्रीका
कुल मैच : 22
साउथ अफ्रीका ने जीते: 16
ऑस्ट्रेलिया ने जीते : 5
कोई रिजल्ट नहीं: 1
वर्ल्ड कप फाइनल के लिए सबसे अधिक बार क्वालीफाई करने वाली टीमें
8 - ऑस्ट्रेलिया
4 - इंग्लैंड
4 - भारत
3 - वेस्ट इंडीज
3 - श्रीलंका
दक्षिण अफ्रीका के लिए वर्ल्ड कप सीजन में में सर्वाधिक विकेट
20 - जेराल्ड कोएत्जी (2023)
17 - लांस क्लूजनर (1999)
17 - मोर्ने मोर्कल (2015)
17 - मार्को जानसेन (2023)
वर्ल्ड कप सीजन में सर्वाधिक विकेटकीपिंग शिकार
21 - एडम गिलक्रिस्ट (2003)
21 - टॉम लैथम (2019)
20 - एलेक्स कैरी (2019)
20 - क्विंटन डी कॉक (2023)
17 - कुमार संगकारा (2003)
17 - एडम गिलक्रिस्ट (2007)
डी कॉक का आखिरी ODI
क्विंटन डी कॉक एक ही वर्ल्ड कप सीजन में संस्करण में 500 से अधिक रन और 20 शिकार का डबल हासिल करने वाले एकमात्र विकेटकीपर बन गए. वह आखिरी बार ODI खेलते हुए दिखे, उन्होंने वर्ल्ड कप की शुरुआत में ही ऐलान कर दिया था कि वह आखिरी बार वनडे में खेलते हुए दिखेंगे.