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Suryakumar Yadav India vs Australia ODI: आखिर क्यों सूर्या लगातार तीसरी बार 'गोल्डन डक' का शिकार हुए..? ये हो सकते हैं कारण

टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव वनडे फॉर्मेट में बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं. चोटिल श्रेयस अय्यर की जगह पर सूर्यकुमार को उनके टी20 के परफॉर्मेंस के आधार पर मौका मिले. मगर श्रेयस की भरपाई तो दूर, सूर्या सीरीज में खाता भी नहीं खोल सके. आइए जानते हैं क्या हो सकते हैं इसके कारण?

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टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव वनडे फॉर्मेट में फ्लॉप. (Getty)
टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव वनडे फॉर्मेट में फ्लॉप. (Getty)

Suryakumar Yadav India vs Australia ODI: भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव इन दिनों अपने 'गोल्डन डक' की वजह से सुर्खियों में हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उनके खाता नहीं खोल पाने की खूब चर्चा हो रही है. किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज का वनडे पारियों में ये हश्र होगा. सूर्या लगातार तीन वनडे मैचों में पहली ही गेंद का सामना करते हुए (गोल्डन डक) अपना विकेट गंवा बैठे. सूर्या को लगातार मौके देना भारतीय टीम को बेहद भारी पड़ा और उसने 1-2 से सीरीज गंवा दी. यदि सूर्या की जगह तीसरे मैच में किसी और को मौका मिलता, तो नतीजा कुछ और हो सकता था.

चोटिल श्रेयस अय्यर की जगह पर सूर्यकुमार को उनके टी20 के परफॉर्मेंस के आधार पर मौका मिले. मगर श्रेयस की भरपाई तो दूर, सूर्या बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए और सीरीज में खाता भी नहीं खोल सके. सूर्या ने 3 वनडे में 3 ही गेंदों का सामना किया और हर मैच में पहली ही गेंद पर आउट हुए. सूर्या लगातार तीन वनडे में गोल्डन डक पर आउट होने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बन गए हैं.

क्या ये सूर्या की खराब फॉर्म है?

आखिर सूर्या के इस खराब प्रदर्शन की बड़ी वजह क्या हो सकती है... क्या ये खराब फॉर्म है ? हम इसी तरह के कुछ सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे. इसमें बड़ी बात ये है कि सूर्या के इस प्रदर्शन को खराब फॉर्म नहीं कह सकते. मैच के दौरान कमेंट्री कर रहे पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर भी ऐसा कह चुके हैं.

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वैसे देखा जाए तो सूर्या तीनों मैचों में पहली ही बॉल पर आउट हुए हैं. उन्हें दूसरी बॉल खेलने का मौका ही नहीं मिला है, तो फिर कैसे कह सकते हैं कि वो खराब फॉर्म में हैं. यदि कोई बल्लेबाज 10-20 या उससे ज्यादा बॉल खेलता है और रन नहीं बना पाता. फिर जीरो पर आउट होता है, तब कह सकते हैं कि खराब फॉर्म में है. मगर जब बल्लेबाज को दूसरी बॉल खेलने का मौका ही नहीं मिल पा रहा है, तो खराब फॉर्म कहना थोड़ा गलत होगा.

Suryakumar Yadav vs AUS

पिछले दो मैचों के खराब प्रदर्शन का दिमाग में होना

जब सूर्या तीसरे वनडे में बैटिंग के लिए उतरे होंगे, तो उनके दिमाग में पिछले दो मैचों के खराब प्रदर्शन की कुछ बातें भी दिमाग में चल रही होंगी. लगातार दो मैचों में पहली ही गेंद पर आउट होने के बाद जब कोई प्लेयर तीसरे मैच में उतरता है, तो उसके दिमाग में काफी सारी चीजें चल रही होती हैं. ये ठीक वैसा ही मान सकते हैं, जैसे दो लगातार विकेट लेने के बाद गेंदबाज हैट्रिक के लिए सोचता है.

यहां बल्लेबाज के दिमाग में उलटा होता है. वह हैट्रिक से बचना चाहता है. कहीं ना कहीं इसी दिमागी हलचल के चलते बल्लेबाज कन्फ्यूजन में बॉल पर ध्यान ही नहीं दे पाता है. उसे पहली बॉल पर डिफेंस करने या रन बनाने की उम्मीद भी रहती है. जबकि दूसरी ओर गेंदबाज इसी का फायदा भी उठाने की कोशिश करता है. सूर्या के मामले में गेंदबाज सफल होता है.

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खुद को साबित करने का दबाव

पिछले दो मैचों में लगातार पहली गेंद पर आउट होने के बाद कोई भी प्लेयर तीसरे मुकाबले में खुद को हर हाल में साबित करना चाहता है. यदि वो प्लेयर किसी एक फॉर्मेट में नंबर-1 हो और दूसरे फॉर्मेट में लगातार फ्लॉप हो रहा हो, तो मामला उलझ जाता है. लगातार हो रही आलोचनाओं और टीम से बाहर करने की बातों को बल्लेबाज अपने शानदार प्रदर्शन से धोना चाहता है, पर इसी दबाव में तीसरी गलती होने का भी चांस होता है. सूर्या ऐसी ही गलती कर बैठे.

7वें नंबर पर बैटिंग के लिए भेजना

सूर्या के मामले में तीसरे मुकाबले में सबसे खराब बात ये भी रही कि उन्हें नंबर-4 से हटाकर नंबर-7 पर बैटिंग के लिए भेजा गया. लगातार दो मैचों में गोल्डन डक के बाद बैटिंग ऑर्डर में नीचे भेजना सूर्या के लिए ठीक नहीं हुआ. उनके दिमाग में यह बात भी चल रही होगी कि उनके साथ ऐसा क्यों किया गया? यदि कप्तान रोहित शर्मा उन पर भरोसा जताते और बैटिंग ऑर्डर में ऊपर भेजते, तो शायद सूर्या का दूसरा ही रूप देखने को मिल सकता था.

पंड्या का मैदान पर सूर्या को क्रीज तक लाना

मैच में एक और अजीब सा वाकया हुआ. 270 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने 185 रनों पर 5 विकेट गंवा दिए थे. विराट कोहली आउट हो गए थे और मैदान में सन्नाटा छा गया था. तब हार्दिक पंड्या क्रीज पर थे और सूर्या ने बतौर नए बल्लेबाज मैदान में एंट्री की, तो पंड्या उनके पास आ गए. पंड्या ने सूर्या से कुछ बात की और खुद पिच तक लेकर भी गए. 

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जाहिर है कि पंड्या ने सूर्या का हौसला बढ़ाया होगा और मुश्किल में फंसी भारतीय टीम की स्थिति भी समझाई होगी. ऐसे में सूर्या पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ा होगा. इस तरह की चीजें सूर्या के खिलाफ ही गईं. परिणाम भी वैसा ही हुआ और सूर्या लगातार तीसरे मैच में पहली बॉल पर आउट हुए.

Suryakumar Yadav vs AUS

गंभीर का बयान सूर्या को मोटिवेशन दे सकता है

गौतम गंभीर ने 2020 IPL सीजन के दौरान दिनेश कार्तिक की खराब फॉर्म पर एक बयान दिया था. गंभीर का ये बयान आज सूर्या को मोटिवेशन देने का काम कर सकता है. गंभीर ने कहा था कि लगातार तीन मैचों में जीरो पर आउट होने जैसे खराब दौर हर खिलाड़ी के जीवन में आ सकते हैं. इससे प्लेयर को सीखना चाहिए ना कि दबाव में आकर अपना खेल खराब करना चाहिए.

गंभीर ने स्वीकार किया था कि IPL के 2014 सीजन के शुरुआत में वह भी लगातार तीन मैचों में जीरो पर आउट हुए थे. मगर उन्होंने हार नहीं मानी. बता दें कि यही वह आईपीएल सीजन था, जब गंभीर ने अपनी कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को दूसरी बार चैम्पियन बनाया था.

सूर्या अकेले नहीं, सचिन भी तीन बार जीरो पर आउट हुए

सूर्यकुमार के लिए समझने वाली बात ये भी है कि लगातार तीन वनडे मैचों में जीरो पर आउट होने वाले वो अकेले भारतीय नहीं हैं. 1994 में सचिन तेंदुलकर भी लगातार तीन मैचों में जीरो पर आउट हो चुके हैं. सचिन का भी वह करियर का शुरुआती दौर ही था. आज सचिन कौन हैं, ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है.

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लगातार तीन वनडे मैचों में जीरो पर आउट होने वाले भारतीय

सचिन तेंदुलकर  (1994)
अनिल कुंबले (1996)
जहीर खान  (2003-04)
ईशांत शर्मा (2010-11)
जसप्रीत बुमराह  (2017-2019)
सूर्यकुमार यादव  (2023)

 

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