पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इस्लामाबाद में हुए आत्मघाती हमले के बाद श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के दौरे को बचाने के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने सीधे हस्तक्षेप किया. PTI की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है.
गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने सीनेट में बताया कि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने श्रीलंका के टॉप लेवल के अधिकारियों से बातचीत कर हालात संभाले, क्योंकि श्रीलंका के खिलाड़ियों ने हमले के बाद खेलने को लेकर झिझक दिखाई थी.
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने बुधवार देर रात कहा कि उसकी टीम का पाकिस्तान दौरा जारी रहेगा. टॉप लेवल पर बातचीत के बाद यह फैसला हुआ, जिससे पाकिस्तान के लिए संकट टल गया.
नकवी जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के प्रमुख भी हैं. उन्होंने कहा- हमारे फील्ड मार्शल (आसिम मुनीर) ने खुद उनके रक्षा मंत्री और सचिव से बात की और उन्हें पूरी सुरक्षा का भरोसा दिलाया. नकवी ने कहा कि कि श्रीलंकाई टीम ने धमाके के बाद वापस लौटने का फैसला कर लिया था.
नकवी ने आगे कहा- हमारी बातचीत के बाद उनके बोर्ड, खिलाड़ी और सभी ने बहादुरी से यहीं रुकने का निर्णय लिया. उनकी कई चिंताएं थीं, लेकिन हमने उन्हें दूर करने की पूरी कोशिश की.
नकवी ने बताया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) ने भी अपनी टीम से बात कर उन्हें आश्वस्त किया. उन्होंने कहा कि मेहमान टीम को हाइलेवल की सुरक्षा दी जा रही है. अब पाकिस्तान आर्मी, रेंजर्स और इस्लामाबाद पुलिस मिलकर उनकी सुरक्षा संभाल रहे हैं. उन्हें वही प्रोटोकॉल और सुरक्षा दी जा रही है जैसे हमारे राजकीय मेहमानों को दी जाती है.
अब कहां होंगे श्रीलंका के मैच?
PCB प्रमुख ने बताया कि जिम्बाब्वे की टीम भी पाकिस्तान पहुंच चुकी है और बाकी मैच रावलपिंडी में खेले जाएंगे. अब यह सीरीज 17 नवंबर की जगह 18 नवंबर से शुरू होगी और सभी मुकाबले रावलपिंडी में ही होंगे, जबकि पहले सभी T20 मैचों के लिए लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम को चुना गया था.
क्यों श्रीलंका की टीम ने किया खेलने से मना?
इस संकट की शुरुआत मंगलवार को इस्लामाबाद में हुए आत्मघाती हमले के बाद हुई, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई. यह धमाका उस वक्त हुआ जब पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच रावलपिंडी में पहला वनडे मैच शुरू होने वाला था.
गौरतलब है कि 2009 में श्रीलंकाई टीम आतंकवादी हमले से बाल-बाल बची थी, जब लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम जाते समय उनकी बस पर आतंकियों ने हमला किया था. उस हमले में छह श्रीलंकाई खिलाड़ी घायल हुए थे, जबकि छह पाकिस्तानी पुलिसकर्मी और दो नागरिक मारे गए थे.