साउथ अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी टेस्ट मैच में भारतीय टीम का टॉप ऑर्डर पहली पारी में ध्वस्त हो गया. भारतीय टीम के सात विकेट तो 125 रनों के अंदर गिर गए. भारतीय बल्लेबाजों के फ्लॉप शो के बीच करुण नायर ने सोशल मीडिया पर एक क्रिप्टिक पोस्ट शेयर किया, जो सुर्खियां बटोर रहा है.
करुण नायर ने इस पोस्ट के जरिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह ना मिलने पर अपनी नाराजगी और निराशा जताई. करुण नायर इस साल इंग्लैंड दौरे के जरिए 8 साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में लौटे थे, लेकिन उसके बाद उन्हें फिर से टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था.
करुण नायर ने 24 नवंबर (सोमवार) को अपने X अकाउंट पर लिखा, 'कुछ हालात ऐसे होते हैं, जिन्हें आप दिल से जानते हैं और वहां मौजूद ना होने की खामोशी उसमें अपना अलग दर्द जोड़ देती है.' यानी करुण कहना चाह रहे हैं कि मैदान पर ना होने का दर्द उन्हें लगातार महसूस हो रहा है.
रणजी में शानदार खेल दिखा रहे करुण
टेस्ट टीम से बाहर होने के बाद करुण नायर ने रणजी ट्रॉफी 2025-26 में शानदार प्रदर्शन किया है. करुण ने कर्नाटक के लिए 5 मैचों में 100.33 की औसत से 602 रन बनाए हैं. इस सबके बावजूद उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया.
कोलकाता टेस्ट में वॉशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर खिलाया गया और गुवाहाटी टेस्ट में साई सुदर्शन को मौका दिया गया. उधर शुभमन गिल भी नेक इंजरी के चलते गुवाहाटी टेस्ट से बाहर हैं, जिससे भारतीय बल्लेबाजी और कमजोर दिख रही है. टीम में नंबर-3 पर सुदर्शन और नंबर-4 पर ध्रुव जुरेल जैसे अनुभवहीन बल्लेबाज हैं, जो मौके का फायदा नहीं उठा पा रहे.
जब भारत ने साल 2016 में चेन्नई टेस्ट में 400+ रन खाने के बाद इंग्लैंड को हराया था, तो उस मैच में करुण नायर ने तिहरा शतक (303*) लगाया था. अब जब भारतीय बैटिंग एक बार फिर लड़खड़ा गई है, तो करुण को फैन्स याद कर रहे हैं. इस साल इंग्लैंड दौरे पर करुण की बल्लेबाजी क्रम स्थिर नहीं रही. कभी 3 नंबर पर भेजा गया, कभी 6 नंबर पर.
जब करुण नायर को वेस्टइंडीज सीरीज से बाहर रखा गया था, तो चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने कहा था, 'सच कहें तो, हमें करुण से और ज्यादा करने की उम्मीद थी. उन्होंने 4 टेस्ट खेले हैं और आप उसी एक पारी (303) की बात कर रहे हैं. इस समय हमें लगता है कि पडिक्कल थोड़ा ज्यादा विकल्प देते हैं. काश हम हर खिलाड़ी को 15–20 टेस्ट दे पाते.'
यानी, सेलेक्टर मानते हैं कि करुण नायर ने अपेक्षा के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया. अब जबकि भारत के टॉप ऑर्डर बैटर्स फेल हो रहे हैं तो सवाल उठ रहा है कि क्या भारत को साई सुदर्शन या ध्रुव जुरेल जैसे नए खिलाड़ियों पर दांव लगाने के बजाय करुण नायर जैसे अनुभवी बल्लेबाज को मौका नहीं देना चाहिए था?