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'फिलहाल तो यह चुभता है, ये दिल तोड़ देने वाला है', हाथ से निकली जीत तो भावुक हो गए अफ्रीकी कप्तान

दक्षिण अफ्रीका टीम के 29 वर्षीय कैप्टन मार्कराम ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह क्रिकेट का पहला मैच नहीं है, जिसमें टीम को 30 गेंद में 30 रन की जरूरत थी. भारत को अच्छी गेंदबाजी, अच्छी फील्डिंग और मजबूत स्थिति में पहुंचने का मौका मिला."

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दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्कराम (फोटो- AP)
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्कराम (फोटो- AP)

बारबाडोस में खेले गए आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 रनों से मात दे दी. भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टी20 विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया. अफ्रीका की हार के बाद टीम के कप्तान एडेन मार्कराम को उम्मीद है कि किसी समय वह अपनी टीम के टी20 विश्व कप अभियान में अच्छाई देख पाएंगे, लेकिन अभी उन्हें बस एक "दर्द" महसूस हो रहा है. उन्हें उम्मीद है कि यह दर्द अगली बार जोश भरने का काम करेगा.

भारत के खिलाफ 176 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका को 30 गेंदों पर 30 रन चाहिए थे, लेकिन शनिवार को यहां हुए उतार-चढ़ाव भरे फाइनल मुकाबले में हेनरिक क्लासेन की 27 गेंदों पर 52 रनों की शानदार पारी के बावजूद टीम सात रन से पीछे रह गई.

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भारतीय टीम को जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी और सूर्यकुमार यादव के शानदार कैच की बदौलत जीत मिली, जिसके बाद विराट कोहली ने शानदार 76 रनों की पारी खेलकर मैच को अपने नाम कर लिया. 

29 वर्षीय कैप्टन मार्कराम ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह क्रिकेट का पहला मैच नहीं है, जिसमें टीम को 30 गेंद में 30 रन की जरूरत थी. भारत को अच्छी गेंदबाजी, अच्छी फील्डिंग और मजबूत स्थिति में पहुंचने का मौका मिला."

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कैप्टन को अपने साथियों पर गर्व

हार दर्द को एक तरफ रखते हुए, मार्कराम को अपने साथियों पर गर्व है, जो अपने पहले विश्व कप फाइनल में पहुंचकर चोकर्स के टैग से कुछ हद तक छुटकारा पाने में सफल रहे.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि एक बात जो मैं निश्चित रूप से कहूंगा, वह यह है कि हमें कितना गर्व है. न केवल आज के खेल पर, बल्कि पूरे प्रतियोगिता पर, यहां तक पहुंचने की तैयारी पर.

मार्कराम ने आगे कहा कि पीछे मुड़कर देखने पर, इस प्रतियोगिता के बारे में चीजें अभी भी बहुत अच्छी लगेंगी लेकिन जैसा कि मैंने कहा, अभी के लिए, यह थोड़ा चुभता है, लेकिन इसका चुभना अच्छा है. यह आपको अगली बार यहां आने के लिए थोड़ा जोश देता है.

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अफ्रीकी कैप्टन ने यहा माना कि क्लासेन को इस तरह के "विशेष प्रयास" के बाद परिणाम से संतुष्ट होना मुश्किल लगेगा.

उन्होंने आगे कहा कि यह वाकई बहुत दुखद है, यकीनन में ऐसा ही है. हर खिलाड़ी इस पहले फाइनल तक पहुंचने के लिए एक अलग व्यक्तिगत यात्रा पर रहा है. 

अफ्रीकी कैप्टन ने की भारत की तारीफ

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निराशा और दिल टूटने के बावजूद, मार्कराम फाइनल में भारत की प्रतिभा और धैर्य की सराहना करना नहीं भूले. उन्होंने कहा कि यह क्रिकेट है, यह कठिन क्रिकेट है, ट्रॉफी जीतना आसान नहीं है और आपको ट्रॉफी उठाने के लिए भारत जैसी टीम को सलाम करना होगा. इसमें बहुत मेहनत लगती है.

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