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जानें क्या है भौम प्रदोष? इस दिन पूजा करने से मिलेगी कर्ज से मुक्ति

भौम प्रदोष के दिन हनुमान जी की उपासना करने से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है. भौम प्रदोष के दिन सामान्य रूप से कैसे उपासना करें?. प्रातः काल उठकर पूजा का संकल्प लें. इसके बाद ईशान कोण में शिव जी की स्थापना करें. शिव जी को पुष्प,धूप,दीप,नैवेद्य अर्पित करें.

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भाव सहित सुन्दरकाण्ड का पाठ करें
भाव सहित सुन्दरकाण्ड का पाठ करें

भौम का अर्थ है मंगल, और प्रदोष का अर्थ है त्रयोदशी तिथि. मंगलवार को त्रयोदशी तिथि होने से इसको भौम प्रदोष कहा जाता है. इस दिन शिव जी और हनुमान जी, दोनों की पूजा की जाती है. इस दिन शिव जी की उपासना करने से हर दोष का नाश होता है. तथा हनुमान जी की पूजा करने से शत्रु बाधा शांत होती है, और कर्ज से छुटकारा मिलता है. इस दिन उपवास करने से गोदान का फल मिलता है और उत्तम लोक की प्राप्ति होती है.

भौम प्रदोष के दिन हनुमान जी की उपासना करने से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है. भौम प्रदोष के दिन सामान्य रूप से कैसे उपासना करें?. प्रातः काल उठकर पूजा का संकल्प लें. इसके बाद ईशान कोण में शिवजी की स्थापना करें. शिव जी को पुष्प,धूप,दीप,नैवेद्य अर्पित करें. कुश के आसन पर बैठकर शिव जी के मन्त्रों का जाप करें. इसके बाद अपनी समस्याओं के अंत होने की प्रार्थना करें. निर्धनों को भोजन कराएं.

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अगर ये पूजा प्रदोष काल में कर लें तो और भी उत्तम होगा. मंगल दोष की समस्या से मुक्ति के लिए क्या उपाय करें ?

- भौम प्रदोष के दिन शाम को हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएंण् उन्हें हलवा पूरी का भोग लगाए.

- भाव सहित सुन्दरकाण्ड का पाठ करें

- मंगल दोष की समाप्ति की प्रार्थना करें

- हलवा पूरी का प्रसाद निर्धनों में बांट दें

- मंगल दोष की पीड़ा से छुटकारा मिलेगा

कर्ज मुक्ति के लिए क्या उपाय करें ?

- कर्ज मुक्ति का प्रयोग भौम प्रदोष की रात्रि को करें

- रात्रि को हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलायें

- इस दीपक में सिर्फ एक खड़ी बाती लगाएं

- इसके बाद हनुमान जी को उतने लड्डू अर्पित करें , जितनी आपकी उम्र है

- "हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट" का 11 माला जप करें

-जप के बाद कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें

-सारे लड्डू बांट दें

अगर मंगल सम्बन्धी अन्य कोई समस्या है तो क्या उपाय करें ?

-सूर्यास्त के बाद हनुमान जी के मंदिर जाएँ

-उनका सम्पूर्ण श्रृंगार करवाएं

- चांदी के वर्क का श्रृंगार में प्रयोग न करें

-श्रृंगार के बाद हनुमान चालीसा पढ़ें और आरती करें

- निर्धनों को यथाशक्ति भोजन कराएँ

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