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Ganesh Mahotsav 2024 Date: गणपति ने चूहे को ही क्यों चुना अपना वाहन? पढ़ें ये रोचक कथा

Ganesh Mahotsav 2024: भगवान गणेश 17 सितंबर तक भक्तों के बीच रहेंगे. अनंत चतुर्दशी पर बप्पा की प्रतिमाओं को विसर्जित करने के साथ ही इस महोत्सव का समापन हो जाएगा. शास्त्रों में न केवल गणपति बल्कि उनकी सवारी मूषक यानी चूहे को भी बहुत पूजनीय माना गया है.

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गणेश जी को बुद्धि और तीव्र समझ वाला देवता माना जाता है. चूहा भी ऐसा ही तीव्र बुद्धि वाला जीव है.
गणेश जी को बुद्धि और तीव्र समझ वाला देवता माना जाता है. चूहा भी ऐसा ही तीव्र बुद्धि वाला जीव है.

Ganesh Mahotsav 2024: गणेश महोत्सव चल रहा है. देशभर में गणेश भगवान के बड़े-बड़े पंडाल सजे हैं. सड़कों से लेकर मंदिर तक गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे गूंज रहे हैं. भगवान गणेश 17 सितंबर तक भक्तों के बीच रहेंगे. अनंत चतुर्दशी पर बप्पा की प्रतिमाओं को विसर्जित करने के साथ ही इस महोत्सव का समापन हो जाएगा. शास्त्रों में न केवल गणपति बल्कि उनकी सवारी मूषक यानी चूहे को भी बहुत पूजनीय माना गया है. आइए आज आपको बताते हैं कि श्री गणेश ने मूषक को ही अपना वाहन क्यों चुना.

गणेश जी को बुद्धि और तीव्र समझ वाला देवता माना जाता है. चूहा भी ऐसा ही तीव्र बुद्धि वाला जीव है. साथ ही यह अत्यंत चंचल भी है. गणेश जी बुद्धि और चंचल मन को नियंत्रित करते हैं. मान्यता है कि गजमुखासुर को गणेश जी ने चूहे के रूप में अपना वाहन बना रखा है. ऐसा भी कहते हैं कि एक गंधर्व शाप के कारण पहले वो मूषक बना और फिर गणेश जी का वाहन बन गया.

पौराणिक कथा के अनुसार, गजमुखासुर एक असुर था. उसने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था और वरदान मांगा कि उस पर किसी अस्त्र-शस्त्र का प्रभाव नहीं होगा. बाद में गजमुखासुर ने इस वरदान का दुरुपयोग किया और धरती पर अत्याचार करने लगा. देवता इस अत्याचार से परेशान होकर भगवान शिव के पास गए. तब शिव पुत्र  भगवान गणेश ने गजमुखासुर का सामना किया.

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भगवान गणेश का सामना कर गजमुखासुर घबरा गया और मूषक बनकर भागने लगा. लेकिन गणेश जी ने उसे बंधकर बना लिया. इस पर गजमुखासुर ने गणपति से माफी मांगी. इसके बाद गणेश जी ने उसे अपना वाहन बनाकर नया जीवनदान दिया. आज इस मूषक को पूजे बिना गणपति मनोकामनाएं पूरी नहीं करते हैं.

भगवान गणेश के अंग-अंग से भक्तों के लिए आशीर्वाद बरसता है. शुभ और मंगल कार्य गणनायक के बिना संभव ही नहीं है. लेकिन ज्योतिषविद तो यह भी कहते हैं कि गणपति के वाहन को पूजकर भी आप मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं.

1. संतान की उन्नति के लिए
भगवान श्री गणेश को मिट्टी या चांदी का चूहा अर्पित करें. फिर संतान की उन्नति की प्रार्थना करें. इसके बाद चूहे को बच्चों के स्टडी रूम या हॉल में रख दें.

2. धन की प्राप्ति के लिए
चांदी का एक चूहा भगवान गणेश को अर्पित करें. फिर इसी चूहे को पीले वस्त्र में लपेटकर धन स्थान पर रख दें. आपकी धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाएंगी.

3. ऐसे होगी हर मनोकामना पूरी
गणेश महोत्सव के दौरान पीले वस्त्र पहनकर गणेश जी के मंदिर में जाएं. उन्हें दूर्वा और मोदक अर्पित करें. फिर गणेश जी के चूहे के कान में अपनी मनोकामना कहें. आपकी मनोकामना शीघ्र पूरी होगी.

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