नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ईश्वर के अस्तित्व पर हुई जावेद अख्तर और मुफ्ती शमाइल नदवी की बहस सोशल मीडिया पर छा गई. बहस का सबसे चर्चित पल तब आया, जब ‘कंटिंजेंसी’ जैसे फिलॉसफिकल शब्द पर चर्चा अटक गई. जानिए कंटिंजेंसी, इनफाइनाइट रिग्रेस और नेसेसरी बीइंग क्या है.
मिथुन राशि वालों के लिए साल 2026 स्वास्थ्य, धन, करियर और रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएगा. इस साल स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव संभव है इसलिए तनाव को कम रखना और नियमित दवा एवं व्यायाम करना आवश्यक होगा. आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी और संपत्ति के लाभ भी मिल सकते हैं. रिश्तों में मध्यम फल मिलेगा, क्रोध तथा जिद पर नियंत्रण जरूरी है. विवाह की संभावना भी साल के अंत में सकारात्मक रहेगी. इस वर्ष अनेक बड़े परिवर्तन होंगे, इसलिए तैयार रहना जरूरी है. भगवान शिव और माता लक्ष्मी की उपासना से आपके वर्ष को शुभ बनाने में मदद मिलेगी.
वृषभ राशि वालों के लिए साल 2026 में स्वास्थ्य, धन, करियर और रिश्तों के प्रति सकारात्मक संकेत हैं. स्वास्थ्य सामान्य रहेगा, लेकिन वजन और खानपान पर ध्यान देना आवश्यक है. आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. नौकरी और व्यवसाय के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा. पुराने रिश्ते जुड़ेंगे और विवाह व संतान प्राप्ति के सौम्य योग बन रहे हैं. बृहस्पति मंत्र का जाप और रुद्राक्ष धारण करने से वर्ष बेहतर गुजरेगा. जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें और संयम से आगे बढ़ें. यह वर्ष वृषभ राशि के लिए शुभ रहेगा.
Sadguru: भविष्यवाणी सुनने में दिलचस्प लगती है. लेकिन, क्या सच में भविष्य जान लेने से जीवन बदल जाता है. सदगुरु के अनुसार, कुरुक्षेत्र युद्ध की एक कथा यह बताती है कि भगवान कृष्ण शुरुआत और अंत दोनों से परिचित थे, फिर भी वह हर पल पूरी निष्ठा से कर्म करते रहे. असल संदेश यही है कि भविष्य की चिंता में आज को खो देना कोई समझदारी नहीं है.
Premanand Maharaj on Mobile and laziness: आजकल के दौर में बच्चों से लेकर युवा और यहां तक कि कई बुजुर्ग भी हर वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में प्रेमानंद महाराज ने एक भक्त के सवाल के जवाब में बताया है कि मोबाइल और आलस से आसानी से पीछा कैसे छुड़ाया जा सकता है.
Vastu Tips: घर के दरवाजे पर वेलकम लिखा डोरमैट बिछा होना बहुत ही साधारण बात है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह साधारण सा शब्द कभी-कभी आपके भाग्य पर असर डाल सकता है. जानतें हैं वास्तु से जुड़े कुछ नियमों के बारे में.
Black Thread on feet: भारत में परंपराएं और मान्यताएं जीवन का अभिन्न हिस्सा रही हैं. इन्हीं में एक प्रचलन है पैरों में काला धागा पहनने का. माना जाता है कि ज्योतिष और परंपराओं के अनुसार यह काला धागा नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है और सुरक्षा कवच की तरह काम करता है.
मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख में 94 लिखने की परंपरा का असली रहस्य क्या है? हिंदू अंतिम संस्कार, मोक्ष और 94 संख्या का आध्यात्मिक महत्व जानें.
Antim Sanskar: 94 अंक लिखने की यह परंपरा केवल एक संख्या लिख देने भर की नहीं, बल्कि काशी की उस गहरी आध्यात्मिक सोच का संकेत है, जिसमें जीवन, कर्म और मोक्ष तीनों एक सूत्र में बंधे माने जाते हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे का आध्यात्मिक महत्व.
साहित्य के महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2025' के तीसरे और अंतिम दिन आयोजित सत्रों में से एक सत्र था- आओ बदलें अपना जीवन.. मन, आत्मा और मोक्ष की बातें. जिसमें खासतौर पर आमंत्रित रहीं- साध्वी भगवती सरस्वती (आध्यात्मिक गुरु, बेस्ट सेलिंग लेखिका, स्टैनफोर्ड साइकोलॉजिस्ट, दिव्य शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष और इंटरनेशनल डायरेक्टर, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश). इस दौरान उनसे हुईं क्या कुछ दिलचस्प बातें, जानने के लिए देखें इस पूरे सेशन का ये वीडियो.
मार्गशीर्ष मास को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है और इस महीने में उनकी पूजा, दामोदर सूत्र का पाठ और गऊ सेवा करने का विशेष महत्व है. पुराणों की कथा के अनुसार राजा दिलीप, जो निसंतान थे, महर्षि वशिष्ठ के आश्रम गए और उनकी सलाह पर गऊ सेवा की.
Hindu Wedding Rituals: गृहप्रवेश के समय दुल्हन का चावल से भरा कलश गिराना केवल एक पारंपरिक रस्म नहीं, बल्कि उसे गृहलक्ष्मी का रूप माना जाता है. इस दौरान वह सिर्फ नए घर में नहीं आती है बल्कि पूरे परिवार के जीवन में सौभाग्य, अन्न और संपन्नता लेकर प्रवेश करती है.
Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव केवल शिव का उग्र रूप नहीं, बल्कि समय से परे जाने की चेतना हैं. वे उस रहस्यमय शक्ति का प्रतीक हैं जो जीवन और मृत्यु के चक्र को तोड़ देती है. विज्ञान जिस स्पेस-टाइम के रहस्य को अब खोज रहा है, वही तो योगिक परंपरा में सदियों से काल के रूप में पूजित है, जहां समय रुक जाता है, वहीं भैरव प्रकट होते हैं.
Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि जीवन में हर इंसान संघर्ष से भागता है. लेकिन, जीवन में कर्म करने से कभी भागना नहीं चाहिए क्योंकि कर्तव्य का पालन ही सच्चा धर्म है. यानी जो कार्य हमें मिला है, उसे हमें ईमानदारी और श्रद्धा से पूरा करना चाहिए.
मार्गशीर्ष मास का आरंभ कार्तिक पूर्णिमा के बाद होता है और इसे भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु का स्वरूप माना जाता है. इस मास में ज्ञान, भक्ति, दान-पुण्य और साधना का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, इस मास में किए गए जप, तप और दान का फल अन्य महीनों की तुलना में कई गुना अधिक होता है.
Guru Nanak Jayanti 2025: सिख धर्म में गुरु नानक देव की जयंती का बहुत ही विशेष महत्व है. हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है.
Dev Diwali 2025: देव दिवाली का पर्व काशी और वाराणसी जैसे गंगा घाटों पर बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. वहीं, इस पर्व संबंध भगवान शिव और त्रिपुरासुर राक्षस के युद्ध से भी संबंधित माना जाता है. तो चलिए जानते हैं कि इस त्योहार की पौराणिक कथा.
शुक्राचार्य, जिन्हें असुरों के गुरु के रूप में जाना जाता है, की एक आंख टूटने की पौराणिक कथा प्रसिद्ध है. भगवान विष्णु के वामन अवतार के समय हुई इस घटना में शुक्राचार्य ने राजा बलि को तीन कदम भूमि दान देने से रोकने की कोशिश की थी.
Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि गर्म पानी से नहाना गलत नहीं, लेकिन वह शरीर आलसी और अस्वस्थ बनाता है. इसी तरह व्यक्ति भी जीवन में सुख-सुविधाओं का सहारा लेकर अंदरूनी रूप से कमजोर हो जाता है.