Bhalachandra Sankashti Chaturthi 2025: चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है. हर माह में दो चतुर्थी तिथि आती हैं. एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी माना जाता है. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.
दलाई लामा ने 'Voice Of The Voiceless' किताब में कहा है कि उनका उत्तराधिकारी चीन के बाहर आजाद दुनिया में पैदा होगा. उनकी इस टिप्पणी पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है. चीन ने कहा है कि दलाई लामा को तिब्बती लोगों का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार नहीं है.
हिरण्यकश्यप का वध करने के बाद नृसिंह अवतार को शांत करना बहुत ही मुश्किल हो रहा था. जिसको शांत करने के लिए भगवान शिव ने भी अवतार लिया था. आइए जानते हैं कि आखिर भगवान शिव ने अपने किस अवतार से विष्णु जी के नृसिंह अवतार को शांत किया था.
Rangbhari Ekadashi 2025: माना जाता है कि रंगभरी एकादशी आंवले के पेड़ की उत्पत्ति से संबंधित है. मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही, भक्त पिछले जन्मों के पापों से भी मुक्ति पा लेता है. इस दिन आंवले के पौधे को लगाने व दान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
आज के दौर में डिजिटल मीडिया और AI लगातार डेवलप होते हुए हर दिन नए फॉर्मेट में हमारे सामने आ रहे हैं. इसके विकास के साथ ही ये सवाल आना लाजिम है कि, क्या हम डिजिटल रूप में अमर रह सकते हैं? क्या यह सही है कि हमारी डिजिटल इमेज हमारी मृत्यु के बाद भी बनी रहे?
स्वामी कैलाशानंद गिरी ने गंगा और यमुना के महत्व को बताते हुए कहा कि सबसे पवित्र जल तो यमुना नदी का है, और गंगाजल, जल नहीं साक्षात अमृत है. उन्होंने कहा कि गंगा केवल मोक्ष प्रदान नहीं करती, बल्कि पहले ज्ञान, फिर भक्ति और अंत में वैराग्य प्रदान करती है. इसके बाद कहीं जाकर वह व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी बनता है"
foreign Sadhvi seen with Jaya Kishori is Ambika Devi: जया किशोरी के साथ दिखीं ये विदेशी 'साध्वी' कौन है? कोलंबिया से आईं इस खोज में
ब्रह्मा जी को सृष्टि के रचयिता माना जाता है. उन्होंने जल का छिड़काव करके एक विशाल अंड का निर्माण किया, जिसमें सदाशिव ने अपनी चेतना प्रवाहित की.
एक्टर विजय वर्मा ने कोयंबटूर स्थित आदियोगी में महाशिवरात्रि मनाई और महादेव के भजन पर डांस किया. उन्होंने बताया कि क्रिएटिव फील्ड में काम करने वालों के लिए मेडिटेशन बहुत फायदेमंद है.
कोयंबटूर स्थित आदियोगी के प्रांगण में ईशा फाउंडेशन द्वारा महाशिवरात्रि का ग्रैंड सेलिब्रेशन मनाया जा रहा है. महाशिवरात्रि के इस महोत्सव में देश दुनिया के तमाम बड़े कलाकार पहुंच रहे हैं. आदियोगी में लगातार दूसरी बार मशहूर रैपर पैराडॉक्स ने भी हाजिरी लगाई है. पैराडॉक्स हसल 2.0 में अकड़ बम गाना गाकर फेमस हुए थे. पैराडॉक्स ने बताया कि महादेव से उनका कनेक्शन कितना खास है.
कोयंबटूर स्थित आदियोगी प्रांगण में महाशिवरात्रि का भव्य मंच तैयार हो चुका है. इस साल का थीम 'कैलाश पर्वत' रखा गया है, जिसे आर्ट डायरेक्टर रुपिन ने खास तौर पर तैयार किया है. सद्गुरु की बेटी राधे जग्गी और वर्षों से बाबा आदियोगी की सेवा कर रहे स्वामी चित्ता ने इस महोत्सव की खासियत बताई. जर्मनी की ब्लाइंड सिंगर कैसमे भी संस्कृत श्लोकों के साथ भक्ति के इस महासंगम का हिस्सा बनीं.
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर कोयंबटूर स्थित आदियोगी प्रांगण में भक्ति और उत्साह का संगम देखने को मिल रहा है. सद्गुरु जग्गी वासुदेव की मौजूदगी में यह महोत्सव पूरी रात संगीत, नृत्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा रहेगा. विजय वर्मा, तनीषा मुखर्जी, बाइचुंग भूटिया और संग्राम चौगुले जैसी मशहूर हस्तियां भी इस भव्य आयोजन में शामिल हुई हैं.
बॉडी बिल्डिंग में दो बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके संग्राम चौगुले महाशिवरात्रि मनाने कोयंबटूर आदियोगी पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि वो सद्गुरु के बहुत बड़े फैन हैं. संग्राम ने कहा कि लोग अच्छा शरीर, बड़ी गाड़ी और पैसे की ख्वाहिश पहले रखते हैं. लेकिन अगर आदमी के पास मानसिक शांति नहीं है तो इन चीजों का कोई फायदा नहीं.
महाशिवरात्रि के मौके पर ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु अपना मेडिटेशन ऐप मिरेकल ऑफ माइंड लॉन्च करने वाले हैं. बॉलीवुड अभिनेत्री तनीषा मुखर्जी ने ईशा योगा सेंटर में इस ऐप के माध्यम से 7 मिनट मेडिटेशन किया और अपना अनुभव साझा किया.
मैं वह आस्था हूं जो ऋग्वेद के श्लोक की महत्ता सिद्ध करती हूं, जिसमें लिखा है कि 'जिस स्थान में (प्रयाग) श्वेत (गंगा) और श्याम (यमुना) का संगम है उस स्थान की यात्रा, दर्शन और इसकी जलधारा में स्नान करने से स्वर्ग मिलता है. जो धीर पुरुष इस स्थान पर शरीर त्याग देते हैं वे अमर पद को प्राप्त होते हैं.
Maha Shivratri 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हर साल महाशिवरात्रि मनाई जाती है. अक्सर लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि भगवान शिव की उत्पत्ति कैसे हुई थी तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की कथा के बारे में.
कौन है ये महिला, जिसे प्रेमानंद महाराज ने तोहफे में दिए सोने का हार, दंडवत प्रणाम भी किया
Vastu Tips: हर स्थान किसी न किसी ग्रह से संबंध रखता है, जिसको बेहतर करके हम कुंडली में ग्रहों की स्थिति को मजबूत बना सकते हैं. वास्तु शास्त्र में इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है.
कई ऐसे पौराणिक चरित्र रहे हैं, जिनकी कथाओं में प्रेम की पराकाष्ठा देखी जा सकती है. इन कहानियों में प्रेम के तप, त्याग, निष्ठा और आत्मसमर्पण के सारे स्वरूप नजर आते हैं. इन पौराणिक चरित्रों में नल-दमयंती, दुष्यंत-शकुंतला, ऊषा-अनिरुद्ध का नाम भी प्रेम के सबसे बड़े उदाहरणों में लिया जाता है.
वैलेंटाइन तो बाद में आया होगा, लेकिन सनातन में अनंग त्रयोदशी नाम का एक व्रत उत्सव भी है, जो जीवन में प्रेम संबंधों में गहराई पाने के लिए किया जाने वाला व्रत है. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को अनंग त्रयोदशी कहते हैं. अनंग कामदेव का ही एक नाम है. ओशो भी मानते हैं कि अध्यात्म में प्रेम को कभी ठुकराया नहीं गया है
Gupt Vrindavan Dham in Jaipur: यह मंदिर जगतपुरा में हरे कृष्ण मार्ग पर 6 एकड़ भूमि पर 300 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है. इसका उद्घाटन जयपुर की स्थापना की 300वीं वर्षगांठ के अवसर पर 2027 में किया जाएगा. खास बात यह है कि यह राजस्थान का सबसे बड़ा मंदिर और सांस्कृतिक परिसर होगा.