Vivah Muhurat 2025 Dates: 14 अप्रैल को सूर्य के मीन राशि से निकलते ही खरमास समाप्त हो गया है. खरमास एक ऐसी अवधि है, जिसमें शुभ कार्यों को करने से मना किया जाता है. खरमास के लगते ही शुभ व मांगलिक कार्यक्रमों पर रोक लग जाती है. सूर्य के मेष राशि में गोचर करते ही खरमास समाप्त हो गया है. ऐस में अब उन सारे शुभ कार्यों को शुरू करने का समय आ गया है, जो खरमास के कारण बंद हो गए थे. खरमास खत्म होते ही शादी-विवाह की शहनाई गूंजेंगी और शुभ व मांगलिक कार्यक्रम प्रारंभ हो जाएंगे.
9 जून तक गूंजेंगी विवाह की शहनाइयां
ज्योतिषविदों के अनुसार, 14 अप्रैल से 9 जून तक गृह प्रवेश, भूमि-भव, मूर्ति प्रतिष्ठा, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार, मांगलिक कार्यों के अनेक शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं. बात करें शादी की तो इस बीच विवाह के भी 30 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त
अप्रैल- 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30
मई- 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27, 28
जून- 2, 4, 5, 7, 8, 9
6 जुलाई को फिर से लगेगी शुभ कार्यों पर रोक
14 अप्रैल से 9 जून तक होने वाले शादी-विवाह के मुहूर्त और अन्य शुभ कार्यों पर 6 जुलाई के बाद फिर से ब्रेक लग जाएगा, जो 2 नवंबर तक जारी रहेगी. इसके बाद फिर से शादी की शहनाई गूंजने लगेंगी.
खरमास में क्या करना चाहिए?
सूर्य की उपासना- सूर्य देव की उपासना करना और उनके मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है.
ध्यान और योग- खरमास में ध्यान, योग और साधना करना अच्छा होता है.
तीर्थ यात्रा- तीर्थ यात्रा करना और धार्मिक स्थलों का दौरा करना शुभ माना जाता है.
संयम- इस अवधि में संयम रखना और नकारात्मक विचारों से दूर रहना महत्वपूर्ण है.
खरमास के दौरान क्या न करें?
1. विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों से बचना चाहिए.
2. नकारात्मकता और द्वेषपूर्ण विचारों से दूर रहना चाहिए.
3. नशे- शराब और अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए.
4. नई चीजों की खरीदारी करने से बचना चाहिए.