Vishwakarma Puja 2021: आज विश्वकर्मा पूजा है. आज के दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते हैं. सृष्टि के रचयिता भगवान विश्वकर्मा का जिक्र 12 आदित्यों और लोकपालों के साथ ऋग्वेद में भी होता है.
विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja Jayanti 2021 shubh muhurt)- विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त आज सुबह 6:07 बजे से 18 सितंबर, शनिवार को 3:36 बजे तक रहेगा. केवल राहुकल के समय पूजा निषिद्ध है. 17 सितंबर को राहुकाल सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा.
विश्वकर्मा पूजा विधि- भगवान विश्वकर्मा की पूजा और यज्ञ विशेष विधि-विधान से होता है. इसकी विधि यह है कि यज्ञकर्ता पत्नी सहित पूजा स्थान में बैठे. इसके बाद विष्णु भगवान का ध्यान करें. अब हाथ में पुष्प, अक्षत लेकर मंत्र पढ़े और चारों ओर अक्षत छिड़के. अपने हाथ में रक्षासूत्र बांधे एवं पत्नी को भी बांधे. पुष्प जलपात्र में छोड़ें. इसके बाद हृदय में भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें. दीप जलाएं, जल के साथ पुष्प एवं सुपारी लेकर संकल्प करें. शुद्ध भूमि पर अष्टदल कमल बनाए. उस पर जल डालें. इसके बाद पंचपल्लव, सप्त मृन्तिका, सुपारी, दक्षिणा कलश में डालकर कपड़े से कलश की तरफ अक्षत चढ़ाएं. चावल से भरा पात्र समर्पित कर विश्वकर्मा बाबा की मूर्ति स्थापित करें और वरुण देव का आह्वान करें. पूजन के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि की पूजा कर हवन यज्ञ करें.
क्यों की जाती है विश्वकर्मा जी की पूजा- भगवान विश्वकर्मा को पौराणिक काल का पहला वास्तुकार माना जाता है. मान्यता है कि हर साल अगर आप घर में रखे हुए लोहे और मशीनों की पूजा करते हैं तो वो जल्दी खराब नहीं होते हैं. मशीनें अच्छी चलती हैं क्योंकि भगवान उन पर अपनी कृपा बनाकर रखते हैं. भारत के कई हिस्सों में विश्वकर्मा जयंती बेहद धूम धाम से मनाई जाती है.