Dussehra Dhanteras Diwali Bhai Dooj 2023 Date:पितृपक्ष समाप्त होते ही एक के बाद एक कई प्रमुख त्योहार आने वाले हैं. पहले दशहरा और फिर धनतेरस, दीपावली और भाई दूज का त्योहार आएगा. ऐसे में लोग इन त्योहारों के दिन-तारीख जानने के लिए बड़े उत्सुक हैं. ताकि वह त्योहार की तिथियों को ध्यान में रखते हुए आगे की तैयारी शुरू कर सकें. आइए आपको आने वाले बड़े त्योहारों की तिथियों के बारे में बताते हैं.
कब है दशहरा?
देव ज्योतिष और महंत, महादेवी काली मंदिर, मंदाकिनी तट पंडित अश्विनी पांडेय के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजय दशमी यानी दशहरा मनाया जाता है. इस साल विजय दशमी का पर्व 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा.
कब है धनतेरस?
सनातनी पर्व धनतेरस धन, सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व है. यह पर्व कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाएगा. कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12.35 बजे से 11 नवंबर को दोपहर 01:57 बजे तक रहेगी. ऐसे में धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा. वैसे धनतेरस पर्व का शुभ समय गोधूलि वेला होती है. गोधूलि वेला में की गई पूजा से सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. धनतेरस पर आरोग्य के देवता धनवंतरी का पूजन होता है, जिससे हमें उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
कब है दीपावली?
पंडित अश्विनी पांडेय के अनुसार, दीपावली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है. इस वर्ष कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर को दोपहर 02.45 बजे से 13 नवंबर को दोपहर 02.56 बजे तक रहेगी. ऐसे में दीपावली 12 नवंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी. दीपावली पर महालक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाती है. इनकी उपासना से हमारे जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है. दीपावली पूजन का सबसे उत्तम समय प्रदोष काल का होता है. इस शुभ मुहूर्त में पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
दीपावली पर पूजा का मुहूर्त
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रविवार, 12 नवंबर को शाम को 5.39 बजे से रात 8:16 तक रहेगा.
पंडित अश्विनी पांडेय ने बताया कि हिंदू पर्व उत्सव में भैया दूज को विशेष दर्जा दिया गया है. इस दिन महिलाएं अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके उज्जवल भविष्य व लंबी आयु की कामना करती हैं. इस साल भैया दूज 14 नवंबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. भाई दूज पर टीका करने का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को दोपहर 01.33 बजे से दोपहर 03.22 बजे तक रहेगा.
भाई दूज की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार नरकासुर नाम की राक्षस का वध भगवान श्री कृष्ण ने किया था. उसके पश्चात वह अपनी बहन सुभद्रा के यहां गए. सुभद्रा ने उनका स्वागत किया. उनको तिलक लगाया. मिठाई खिलाई. फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया और उनके लंबी उम्र और उज्जवल भविष्य की कामना की. तब से यह पर्व मनाया जाता है.
इसके अलावा, एक कथा यह भी है कि इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे. यमुना ने उन्हें तिलक लगाया और शुभकामना दी. इससे प्रसन्न होकर यमराज ने अपनी बहन को यह आशीर्वाद दिया था कि इस दिन जो भी बहन अपने भाई को तिलक लगाएगी और भैया दूज का पर्व मनाएगी, उनका भाग्योदय होगा. उन्हें सुख, स्वास्थ्य समृद्धि की प्राप्ति होगी.
त्योहारों की तिथियां
धनतेरस- शुक्रवार, 10 नवंबर
छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी- शनिवार, 11 नवंबर
दीपावली- रविवार, 12 नवंबर
गोवर्धन पूजा और भाईदूज- मंगलवार, 14 नवंबर