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संघ का बैकग्राउंड, ओबीसी वोटों का गणित...राजस्थान बीजेपी के मदन राठौड़ पर दांव की वजहें

Madan Rathore: भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार देर शाम मदन राठौड़ को राजस्थान बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. सीपी जोशी के इस्तीफे की पेशकश करने के कुछ ही घंटे बाद मदन राठौड़ को यह जिम्मेदारी सौंपी गईं.

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राजस्थान BJP के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़
राजस्थान BJP के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़

राजस्थान में विधानसभा की पांच सीटों पर उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. वे इस पद पर सांसद सीपी जोशी की जगह लेंगे. इसके साथ ही पार्टी ने अरुण सिंह की जगह सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल को प्रदेश प्रभारी बनाया गया है. दो दिन पहले सांसद सीपी जोशी ने पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी.

प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद राठौड़ ने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सब मिलकर भाजपा राजस्थान को नई बुलंदियों पर ले जायेंगे और डबल इंजन की सरकार में विकास की नई गाथा लिखेंगे.’ राठौड़ पांच महीने पहले राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे. अब पार्टी ने ओबीसी के अपने वोट बैंक को और मजबूत करने के लिए उन्हें प्रदेश भाजपा की नई जिम्मेदारी सौंपी है.

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कौन है मदन राठौड़
- मदन राठौड़ का जन्म 1950 में पाली जिले के रायपुर में हुआ. 
- राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन (बीएससी गणित) किया है. 
- 1962 ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक बने. 
- 1970 के दशक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में भी कार्य किया है.  इसके बाद टेक्सटाइल व्यापारी के रूप में कार्य किया था. 
- 4 बार भाजपा के पाली जिला अध्यक्ष रहे है. 
- वर्ष 2003 और 2013 में पाली की सुमेरपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं.
- 2008, 2018 और 2023 में टिकट नहीं मिला

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जब बगावत पर उतर आए थे राठौड़
मदन राठौड़ पाली की सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. वह 2013 से 2018 तक सरकार के उप मुख्य सचेतक भी रहे हैं. इसके अलावा वह चार बार पाली के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनके पास लंबा संगठनात्मक अनुभव है. उन्होंने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भी टिकट मांगा था लेकिन उनका टिकट काटकर जोराराम कुमावत को दे दिया था. इसके बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.

बताया जाता है दिल्ली से पीएम मोदी ने राठौड़ को फोन कर नाम वापस लेने को कहा. आरएसएस के अनुशासित सिपाही के नाते राठौड़ ने पर्चा वापस ले लिया. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेजा और  लोकसभा चुनाव के दौरान राठौड़ को बाड़मेर-जैसलमेर सीट की जिम्मेदारी भी दी गई. अब उन्हें प्रदेश भाजपा की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है.

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मदन राठौड़ पर दांव की वजहें
मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे सियासी जानकारों का मानना है कि उनके जरिए बीजेपी अपना ओबीसी वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश कर रही है. ओबीसी की जाति घांची समुदाय से ताल्लुक मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर बीजेपी ने जातीय समीकरण साधे हैं और उस ओबीसी वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश की है जो राज्य में जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाता है. राजस्थान में 50 फीसदी से अधिक वोटर्स ओबीसी में आते हैं जिसमें कई जातियां शामिल हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान भी ओबीसी मतदाताओं ने अहम भूमिका अदा की थी.

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सीएम ने दी बधाई

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी मदन राठौड़ को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर बधाई दी है. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को भाजपा राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.निःसंदेह, आपके ऊर्जावान नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन में भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के साथ प्रदेश में सफलता के नवीन मानक स्थापित करेगी.’

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