राजस्थान की कोचिंग नगरी कोटा के कोचिंग छात्रों में दूषित खाने और पानी की वजह से बड़ा संकट खड़ा हो गया है. हॉस्टल में रहनेवाले कोचिंग छात्रों के हेपेटाइटिस की बीमारी फैलने से बच्चों में दहशत है. अब तक 65 छात्र इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि एक छात्र की मौत हो गई है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाकर छात्रों के स्वास्थ्य की जांच कर रहा है. कोटा के सीएमएचओ जगदीश सोनी का कहना है कि हॉस्टलों में खाने और पानी की भी जांच की जा रही है. बीमार छात्रों की जांच कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है.
इस बीच, चार महीने पहले ही कोचिंग करने राजस्थान के कैथून से कोटा आए 18 साल के वैभव रॉय की हेपेटाइटिस-A की वजह से मौत हो गई. मेडिकल की कोचिंग कर रहा वैभव कोटा के जवाहरनगर के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था. हेपेटाइटिस ए की वजह से उसके ब्रेन में सूजन आ गई थी.
कोटा में इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कोचिंग छात्रों के अलावा आम लोगों में भी ये फैल रहा है. यह दूषित भोजन और पानी से होता है. इसमें लिवर ख़राब होने की आशंका होती है. कोटा में देश भर से आए क़रीब एक लाख छात्र रहकर इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करते हैं.
बुखार, थकान, उल्टी और पेट दर्द के लक्षणों के साथ बच्चे अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, जहां जांच करने पर कुछ बच्चे हेपेटाइटिस-A संक्रमित पाए गए. अस्पताल के डॉक्टर से जब बात की तो उन्होंने कहा कि बुखार, थकान, उल्टी और दर्द की शिकायत लेकर स्टूडेंट्स आ रहे हैं और कुछ बच्चों में जांच के बाद हेपेटाइटिस संक्रमित मिले हैं. यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है. कुछ दिनों में ठीक हो जाती है.
डॉक्टर्स का कहना है कि कोटा में लाखों स्टूडेंट्स कोचिंग के लिए आते हैं और यहां पर पीजी और मैस में खाना खाते हैं, इसलिए मेस संचालकों को चाहिए कि वह खाने में विशेष हाइजीन का ध्यान रखें सब्जियों को अच्छी तरह उबालें और शुद्ध पानी का उपयोग करें.
जायसवाल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. संजय जायसवाल ने बताया कि हमारे अस्पताल में भी कुछ स्टूडेंट सामान्य लक्षण लेकर आए. जब उनकी जांच की तो हेपेटाइटिस ए संक्रमित पाए गए. यह दूषित खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ की वजह से होता है, इसलिए हम खानपान में सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. जिनकी रोग निरोधक क्षमता कमजोर है, उनमें गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं.